भारत के साथ सीमा पर तनाव से एशिया-प्रशांत आर्थिक समझौते पर न आए आंच: चीनी मीडिया
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भारत के साथ सीमा पर तनाव से एशिया-प्रशांत आर्थिक समझौते पर न आए आंच: चीनी मीडिया

चीन के एक सरकारी दैनिक अखबार ने कहा है कि भारत-भूटान सीमा क्षत्र में ताजा तनाव से एशिया और प्रशांत क्षेत्र के देशों के बीच प्रस्तावित वृहद आर्थिक समझौते की योजना को खतरा नहीं होना चाहिए.

आरसेप समूह की वार्ताओं में भाग लेने वाले देशों में भारत और चीन दो सबसे बड़ी और प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं हैं. (फाइल फोटो)

बीजिंग: चीन के एक सरकारी दैनिक अखबार ने कहा है कि भारत-भूटान सीमा क्षत्र में ताजा तनाव से एशिया और प्रशांत क्षेत्र के देशों के बीच प्रस्तावित वृहद आर्थिक समझौते की योजना को खतरा नहीं होना चाहिए. इस समझौते पर हैदराबाद में बातचीत हो रही है. चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के मुख पत्र ग्लोबल टाइम्स में शुक्रवार (21 जुलाई) को प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसेप) समूह की वार्ताओं में भाग लेने वाले देशों में भारत और चीन दो सबसे बड़ी और प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं हैं. पर उनके सामने इस समय चुनौती है कि दोनों के बीच सीमा पर तनाव को बढ़ने से कैसे रोका जाए और व्यापार वार्ता में शामिल बिंदुओं पर सहमति कैसे बनायी जाए. 

इसमें कहा गया है कि चीन को उम्मीद है कि भारत ‘कार्रवाई को नियंत्रित रखने और यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर सकता है कि सीमा पर तनाव न बढ़े और तनाव से आरसेप की बैठक में सहयोग का माहौल न बिगड़े.’ आरसेप की बैठक हैदराबाद में 18 जुलाई को तकनीकी स्तर की बातचीत से शुरू हुई है. 24 जुलाई को औपचारिक चर्चाएं शुरू होंगी.

हाल के दिनों में यह अखबार सीमा मुद्दे पर चीन की ओर से शब्द-बाण चलाने में सबसे आगे रहा है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार (20 जुलाई) को कहा कि चीन के साथ बातचीत के लिए भारत तैयार है और तनाव खत्म करना चाहता है पर इसके लिए जरूरी है कि भूटान में विवादित क्षेत्रा से दोनों पक्षों की सेनाएं पीछे हटें. उन्होंने संसद में कहा, ‘ हम कहते आ रहे हैं कि इस मसले को बातचीत से हल किया जा सकता है, पर इसके लिए पहले दोनों पक्षों को अपनी सेनाओं को पीछे हटाना होगा.’ 

सुषमा ने कहा कि चीन भारत-भूटान-सिक्किम के तिकोने की स्थित को एकतरफा तरीके से बदलना चाहता है जिससे भारत की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी. अखबार के लेख में कहा गया है कि यदि भारत मुक्त व्यापार वार्ताओं को विफल करने के लिए सीमा तनाव भड़काता है तो चीन भी उसका जवाब देगा और अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा करेगा. अखबार में कहा गया है कि सीमा संबंधी संप्रभुता पर किसी भी हालत में समझौता नहीं किया जा सकता.

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