चीनी खतरा! 8 मिलिट्री ठिकानों के लिए सख्त नियम बनाने को क्यों मजबूर हुआ US
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चीनी खतरा! 8 मिलिट्री ठिकानों के लिए सख्त नियम बनाने को क्यों मजबूर हुआ US

US News: नए बदलाव के तहत, विदेशी नागरिकों और कंपनियों को आठों सैन्य ठिकानों के 160 किलोमीटर के दायरे में कोई भी भूखंड खरीदने के लिए अमेरिकी प्रशासन की मंजूरी लेने की जरूरत पड़ेगी. 

चीनी खतरा! 8 मिलिट्री ठिकानों के लिए सख्त नियम बनाने को क्यों मजबूर हुआ US

US Military Base: अमेरिका (US) ने एक चीनी कंपनी (Chinese company) द्वारा उत्तरी डकोटा (North Dakota) में उसके वायु सेना अड्डे (Air Force Base) के करीब संयंत्र बनाने की कोशिशों को लेकर उपजे विवाद के बीच देश के आठ सैन्य ठिकानों (Military Base) के पास संपत्ति खरीदने के नियमों में बदलाव करने का फैसला किया है.

इस बदलाव के तहत, विदेशी नागरिकों और कंपनियों को आठों सैन्य ठिकानों के 160 किलोमीटर के दायरे में कोई भी भूखंड खरीदने के लिए अमेरिकी प्रशासन की मंजूरी लेने की जरूरत पड़ेगी. कोषागार विभाग का निवेश सुरक्षा कार्यालय शुक्रवार को नियमों में बदलाव से संबंधित यह प्रस्ताव पेश करेगा.

क्या होगा इस प्रस्ताव का असर
यह प्रस्ताव अमेरिकी कंपनियों और विदेशी निवेशकों के बीच व्यापारिक समझौतों की जांच करने वाली विदेशी निवेश संबंधी समिति को अतिरिक्त शक्तियां प्रदान करेगा, जिससे वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किसी संपत्ति की बिक्री पर रोक लगाने के साथ ही पक्षों पर समझौते की शर्तों में बदलाव करने का दबाव बनाने में सक्षम हो जाएगी.

इस प्रस्ताव के पीछे कौन सा विवाद है?
अमेरिका में चीनी कंपनी फूफेंग ग्रुप द्वारा ग्रांड फोक्स वायु सेना अड्डे से लगभग 19 किलोमीटर की दूरी पर 70 करोड़ डॉलर की लागत से मक्का प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने की योजना को लेकर विवाद खड़ा हो गया था. इस वायु सेना अड्डे से हवाई और अंतरिक्ष, दोनों ही अभियानों का संचालन किया जाता है.

गर्वनर ने उठाए सुरक्षा खतरों को लेकर सवाल
परियोजना के बढ़ते विरोध के बीच उत्तरी डकोटा के गवर्नर डग बर्गम और सीनेटर जॉन होवेन व केविन क्रेमर ने इससे होने वाले सुरक्षा खतरों को लेकर सवाल उठाए और संघीय सरकार से फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की थी.

अमेरिकी वायु सेना द्वारा उक्त संयंत्र से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा होने की आशंका जताए जाने के बाद इसके निर्माण की योजना ठंडे बस्ते में डाल दी गयी थी.

(इनपुट – एजेंसी)

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