वैज्ञानिकों ने पूरी तरह से मान लिया है कि 28 हजार किमी/घंटे की रफ्तार से गिर रहा तियानगोंग-1 अंतरिक्ष केंद्र उनके नियंत्रण से बाहर हो चुका है.
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बीजिंग : अंतरिक्ष में मौजूद चीन का अंतरिक्ष केंद्र तेजी से धरती की ओर गिर रहा है. अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के मुताबिक यह 27 मार्च से अप्रैल तक धरती पर गिर सकता है. इससे धरती पर बड़ी तबाही मचने का अंदेशा भी जताया गया है. तियानगोंग-1 नामक यह अंतरिक्ष केंद्र चीन का पहला प्रोटोटाइप अंतरिक्ष केंद्र था. वैज्ञानिक इस पर पिछले कुछ महीनों से नजर रख रहे हैं. अब उन्होंने पूरी तरह से मान लिया है कि 28 हजार किमी/घंटे की रफ्तार से गिर रहा यह अंतरिक्ष केंद्र उनके नियंत्रण से बाहर हो चुका है.
2011 में चीन किया था लांच
चीनी अंतरिक्ष एजेंसी चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (CNSA) ने अपने इस पहले प्रोटोटाइप अंतरिक्ष केंद्र को 29 सितंबर, 2011 को लांच किया था. यह 8.5 टन वजनी है. यह 10 मीटर लंबा और 3 मीटर चौड़ा है. इसे लोंग मार्च 2एफ/जी रॉकेट से लांच किया गया था. यह तियांगोंग प्रोग्राम का हिस्सा था और इस प्रोग्राम का पहला सक्रिय हिस्सा भी था.
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भरा है रसायन, खतरनाक होंगे नतीजे
चीन के इस अंतरिक्ष केंद्र में जानलेवा रसायन भरे हैं. इसलिए जब भी यह धरती से टकराएगा तो इससे खतरनाक स्थिति उत्पन्न होगी. वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करते ही इसका मलबा हजारों किलोमीटर दूर तक फैल सकता है. यह मलबा आबादी क्षेत्रों पर भी गिर सकता है.
2016 में खोया था नियंत्रण
दो साल की अभियान अवधि बढ़ाने के बाद 21 मार्च, 2016 को चीन ने इसकी सेवाएं आधिकारिक रूप से बंद कर दिया था. चीनी स्पेस एजेंसी ने तियांगोंग-1 पर से लांचिंग के पांच साल बाद और सेवाएं बंद करने के कुछ महीनों बाद ही नियंत्रण खो दिया था. इसके बाद वैज्ञानिकों ने 2017 के आखिर में इसके धरती के वातावरण में प्रवेश करके जलकर नष्ट होने की आंशका जताई थी.
कहां गिरेगा, पता नहीं
यह धरती पर किस स्थान पर गिरेगा और इससे कितनी तबाही होगी, वैज्ञानिक ये पता लगाने में अभी तक असमर्थ हैं. वे इस बात का अंदाजा भी नहीं लगा पा रहे कि पृथ्वी के वातावरण से टकराने के समय इसका कितना मलबा कहां और किस सुनिश्चित स्थान पर गिरेगा. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह कहना पूरी तरह असंभव है कि यह पृथ्वी पर कहां गिरेगा. इसके गिरने के स्थान की जानकारी इसके गिरने के कुछ समय पहले ही मिल सकेगी. वैज्ञानिकों का मानना है कि संभव है कि यह समुद्र में भी गिर जाए.
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आबादी पर गिरा तो होगा भयानक नुकसान
पश्चिम के वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इसके फ्यूल टैंक टाइटेनियम से बने हो सकते हैं. हालांकि उन्हें इसके धातु की सटीक जानकारी नहीं है. लेकिन उनके अनुसार अगर ये टाइटेनियम के हैं तो इनमें जहरीला रसायन हाईड्रैजिन भरा हो सकता है. इस कारण अगर यह किसी आबादी क्षेत्र पर गिरा तो इसके नतीजे गंभीर हो सकते हैं.