सरकारी रिकॉर्ड में पीड़ित लड़की की उम्र 13 वर्ष दर्ज है. इस तथ्य की पुष्टि के बाद अदालत ने पुलिस को लड़की के तथाकथित पति के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया.
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान के उच्च न्यायालय ने सोमवार को एक नाबालिग बच्ची को आश्रय गृह (Shelter Home) भेज दिया. लड़की का कथित तौर पर धर्म परिवर्तन कराने के बाद एक मुस्लिम युवक से निकाह कराया गया था. पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कराची में ये सनसनीखेज मामला सामने आया था. लड़की के पिता ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया कि उनकी 13 वर्षीय बेटी आरजू पिछले महीने से लापता थी. कई दिन की तलाश के बाद उन्हें पता चला है कि उसका निकाह 45 वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति से हो चुका है.
कार्रवाई के निर्देश
मामले की सुनवाई सिंध उच्च न्यायालय में हुई, जहां न्यायमूर्ति के.के. आगा की खंडपीठ ने प्रांतीय स्वास्थ्य सचिव को आरजू की उम्र तय करने के लिए विशेष मेडिकल बोर्ड के गठन का आदेश दिया. इसके बाद बोर्ड ने अदालत को सोमवार को सूचित किया कि लड़की की आयु 14 से 15 वर्ष के बीच है. हालांकि, सरकारी रिकॉर्ड में पीड़ित लड़की की उम्र 13 वर्ष दर्ज है. इस तथ्य की पुष्टि के बाद अदालत ने पुलिस को लड़की के तथाकथित पति के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया.
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कोर्ट ने कहा, मर्जी से निकाह नहीं कर सकती नाबालिग
हालांकि, लड़की ने सुनवाई में कहा कि उसे अगवा नहीं किया गया और उसने अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म अपनाकर अजहर से निकाह किया है. पीठ ने कहा कि वह नाबालिग है और अपने विवाह के बारे में फैसला नहीं ले सकती है. इसके साथ ही अदालत ने आरजू को आश्रय गृह भेजने का निर्देश दिया.
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