शोध में हुआ खुलासा, घर बैठे भी हो सकते हैं कोरोना वायरस के शिकार
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शोध में हुआ खुलासा, घर बैठे भी हो सकते हैं कोरोना वायरस के शिकार

पिछले 4 माह से दुनिया भर के तमाम देश कोविड-19 की मार झेल रहे हैं.  

शोध में हुआ खुलासा, घर बैठे भी हो सकते हैं कोरोना वायरस के शिकार

सियोल: पिछले 4 माह से दुनिया भर के तमाम देश कोविड-19 की मार झेल रहे हैं. जानलेवा वायरस की वजह से लंबे समय तक संपूर्ण लॉकडाउन के हालात भी रहे और कई जगहों पर अब भी हैं. लॉकडाउन लगने के बावजूद कोरोना वायरस कम होने के बजाए लगातार बढ़ता ही जा रहा है. लिहाजा लोग अब अपने घरों में रहकर ही दफ्तर के काम-काज को संभाल रहे हैं. लेकिन यदि आप सोच रहे हैं कि घर में रहते हुए कोई कोविड-19 का शिकार नहीं होगा तो यह बिल्कुल गलत है. जी हां, सरकारें भले ही लोगों को घरों में रहने की सलाह दे रही हों लेकिन अब यह वायरस घर में भी दस्तक देने लगा है. इस बात का हाल ही में आई एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है. 

16 जुलाई को यूएस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Disease Control and Prevention) में एक रिपोर्ट पब्लिश हुई है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पहले दक्षिण कोरिया में 5,706 और इसके बाद 59 हजार  कोरोना संक्रमित लोगों पर शोध को किया गया था. रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रति 100 कोरोना मरीजों में सिर्फ 2 ऐसे हैं जो गैर-घरेलू संपर्क की वजह से कोविड-19 के शिकार हुए हैं. 

शोध के मुताबिक हर 10 मरीज में 1 मरीज अपने सगे संबंधियों के संपर्क में आने के कारण संक्रमित हुआ है. इस रिसर्च में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा घर में बच्‍चोंऔर बुजुर्गों को है. हालांकि कोरोना काल में ऐसे भी कई शोध सामने आए हैं जिनमें बताया गया है कि यह वायरस ज्यादा उम्र वालों को अपना शिकार जल्दी बनाता है क्योंकि उनमें इम्यूनिटी लेवल कमजोर होता है.

कोरिया सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ( KCDC) के निदेशक जियोंग ईयून कीयोंग के मुताबिक किशोर और बुजुर्ग घर के सभी सदस्यों से नजदीक रहते हैं. इसलिए इनके संक्रमित होने की आशंका भी बढ़ जाती है. ऐसे में इन दोनों समूहों का खास ख्याल रखने की जरूरत है. 9 साल से छोटे बच्चों में खतरा कम है. लीम यूनिवर्सिटी कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. चो यंग जून के मुताबिक 9 साल से कम उम्र के बच्चों के संक्रमित होने की आशंका बेहद कम होती है. 

शोध के मुताबिक बच्चे ज्यादातर एसिम्टोपमैटिक होते हैं, यानी इनमें कोरोना संक्रमण के लक्षण नहीं दिखते. इसलिए इनमें कोरोना को पहचानने में शुरुआती दिक्कतें भी आती हैं. ऐसे में डॉ. चो यंग ने अलर्ट किया है कि अगर आप सोचते हैं कि आप घर में सुरक्षित हैं तो ऐसा नहीं है. कोरोना घर बैठे व्यक्ति को भी आसानी से हो सकता है. आपको घर में भी सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखना होगा. अगर आप कोरोना काल में घरों में एक दूसरे के साथ वैसा ही तालमेल रखते हैं जैसा कि पहले रखते थे यह ठीक नहीं है. घर में रहकर भी आपको एक दूसरे से दूरियां बनानी होंगी.

(इनपुट: एजेंसी रॉयटर्स)

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