Nitrogen Gas Execution: US के अलबामा में नाइट्रोजन गैस से फिर मौत की सजा देने की तैयारी, एक महीने में दूसरा मामला
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Nitrogen Gas Execution: US के अलबामा में नाइट्रोजन गैस से फिर मौत की सजा देने की तैयारी, एक महीने में दूसरा मामला

Nitrogen Gas Execution In US: अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने कहा कि मिलर को मौत की सजा नाइट्रोजन हाइपॉक्सिया के जरिए दी जाएगी. मिलर (59) को 1999 में बर्मिंघम में तीन लोगों की हत्या का दोषी ठहराया गया है.

Nitrogen Gas Execution: US के अलबामा में नाइट्रोजन गैस से फिर मौत की सजा देने की तैयारी, एक महीने में दूसरा मामला

 Death Penalty in US: अलबामा में मौत की सजा पाए एक दोषी को नाइट्रोजन गैस सुंघाकर सजा की तामील करने की तैयारी की जा रही है. राज्य में मौत की सजा देने के लिए नाइट्रोजन गैस का इस्तेमाल का पहला मामला एक महीने पहले ही सामने आया था. इस तरीक से मृत्युदंड देने की काफी अलोचना भी हुई थी.

अलबामा के अटॉर्नी जनरल स्टीव मार्शल के कार्यालय ने बुधवार को अलबामा के सुप्रीम कोर्ट से दोषी एलन यूजीन मिलर के लिए सजा की तारीख तय करने का अनुरोध किया.

तीन हत्याओं का दोषी है मिरर
अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने कहा कि मिलर को मौत की सजा नाइट्रोजन हाइपॉक्सिया के जरिए दी जाएगी. मिलर (59) को 1999 में बर्मिंघम में तीन लोगों की हत्या का दोषी ठहराया गया है.

सजा के लिए तारीख तय करने का अनुरोध ऐसे वक्त में किया जा रहा है जब राज्य में इस तरीके से सजा-ए-मौत देने को लेकर अलग-अलग राय जाहिर की जा रही हैं.

पहली बार जनवरी में इस तरीके से दी गई मौत की सजा
दरअसल 25 जनवरी को पहली बार नाइट्रोजन गैस के जरिए केनेथ स्मिथ को मौत की सजा दी गई थी और वहां मौजूद लोगों का कहना था कि स्मिथ को कई मिनट तक झटके आते रहे और वह छटपटा रहा था.

अटॉर्नी जनरल स्टीव मार्शल के कार्यालय ने कहा कि यह तरीका सही है. उन्होंने कहा कि राज्य आगे भी मौत की सजा की तामील में नाइट्रोजन गैस का इस्तेमाल करेगा. उन्होंने स्मिथ को सजा दिए जाने के अगले दिन अन्य राज्यों को भी इस तरीके पर विचार करने का अनुरोध किया था.

नाइट्रोजन गैस का इस्तेमाल बंद करने की मांग
लेकिन मौत की सजा पाए एक अन्य दोषी की ओर से दायर वाद में नाइट्रोजन गैस का इस्तेमाल बंद करने का अनुरोध किया गया है. इसमें कहा गया कि मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि यह ‘इंसान पर किए गए प्रयोग’  जैसा था और इसे सफल नहीं माना जा सकता.

इस याचिका में कहा गया, ‘पहले मानव प्रयोग के नतीजे अब आ गए हैं और वे दर्शाते हैं कि नाइट्रोजन गैस से न तो जल्दी दम घुटता है और न ही यह प्रक्रिया दर्द रहित है बल्कि यह अधिक पीड़ादायक और दर्दनाक है.’

(इनपुट - एजेंसी)

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