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नई दिल्ली: लंबी उम्र और स्वस्थ्य जीवन का आशीर्वाद या वरदान हर कोई चाहता है. आपने भी बुजुर्गों को सभी के कल्याण की प्रार्थना के साथ लोक और परलोक सुधारने जैसी बातें करते देखा होगा. उस दौर में तो लोग अपनी आखिरी इच्छा भी काफी पहले बता दिया करते थे. इसी तरह कुछ लोग अपने अंतिम संस्कार की तैयारी और उसके लिए धनराशि का इंतजाम भी जीते-जी कर देते थे. आज भी ऐसी सोच रखने वाले कुछ लोग आपको मिल जाएंगे. यहां बात ऐसे ही एक मामले की लेकिन वो इस संदर्भ से किस तरह अलग है आइये बताते हैं.
अमेरिका में मानसिक बीमारी यानी फोबिया से पीड़ित एक डॉक्टर ने मरने से पहले अपनी कब्र (Grave) खुद तैयार करवा ली थी. उसके चर्चे आज भी दूर-दूर तक है. यहां आने वाले टूरिस्ट उनकी कब्र देखने के बाद कुछ सिक्के चढ़ाने के बाद श्रद्धा से हाथ जोड़कर वापस लौट आते हैं. दरअसल डॉक्टर टिमोथी क्लार्क स्मिथ को जिंदा दफन होने का डर था इसलिए उन्होंने अपनी कब्र में एक खिड़की भी बनवा ली थी.
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अमेरिका (US) के वरमोंट स्टेट स्थित न्यू हैवन इलाके में बनी एवरग्रीन सीमेट्री (Evergreen Cemetery in New Haven) इस कब्र को लेकर न्यू हेवन, वरमोंट में एवरग्रीन सेमेट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष रोजर बोइस का कहना है कि स्मिथ नीचे जमीन के भीतर हैं जिन्हें गुजरे हुए लंबा वक्त बीत चुका है.
उन्होंने कहा, 'मुझे पता है कि वो वहां दफन है और कांच की प्लेट लगी है. एक छोटी सी पहाड़ी के भीतर बनी उनकी कब्र में एक सीढ़ी भी है. फ्युनरल के दौरान शव के साथ छेनी और हथौड़े जैसे औजारों को रखा गया था. इसके पीछे ये तर्क दिया गया था कि अगर वो नीचे जाग गए तो उन्हें बाहर निकलने में इनसे मदद मिलेगी.'
मशहूर अमेरिकी वेबसाइट vermonter.com के प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक इस डॉक्टर की मौत 1893 में हुई थी. वहीं इस जगह पर नीचे दो कमरे बने हैं जहां स्मिथ को उनकी वाइफ की कब्र के बगल में दफनाया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक उस दौर में बहुत से लोगों को ऐसा फोबिया होता था. जिन्हें जिंदा दफन होने का डर लगता था. इस अजीबोगरीब कब्र को लेकर विदेशी सैलानियों में भी अच्छा खासा क्रेज है. टिकटॉक समेत कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोग यहां पर खींची गई तस्वीरें और सेल्फी पोस्ट करते हैं जिस पर उन्हें अच्छा रेस्पांस मिलता है.