'डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन को उम्मीद, दक्षिण एशिया नीति से निकलेगा समाधान'
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'डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन को उम्मीद, दक्षिण एशिया नीति से निकलेगा समाधान'

राष्ट्रपति ट्रंप ने दक्षिण एशिया नीति की घोषणा अगस्त में की थी और अफगानिस्तान की धरती पर अमेरिकी सैनिकों को बनाए रखने का संकल्प लिया था.

अमेरिकी राष्ट्रपित डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)

वॉशिंगटन: ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि अफगानिस्तान के प्रति अमेरिका की प्रतिबद्धता अटल है. साथ ही उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई दक्षिण एशिया नीति युद्ध ग्रस्त देश के लिए शांतिपूर्ण हल निकालने की राह प्रशस्त कर सकेगी. राष्ट्रपति ट्रंप ने दक्षिण एशिया नीति की घोषणा अगस्त में की थी और अफगानिस्तान की धरती पर अमेरिकी सैनिकों को बनाए रखने का संकल्प लिया था. उन्होंने कहा था कि सैनिकों को जल्दबाजी में वहां से हटाने पर शून्य पैदा हो सकता है जिसे अलकायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठन भरने की कोशिश कर सकते हैं.

विदेश विभाग की प्रवक्ता हीदर नोअर्ट ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘दक्षिण एशिया नीति नई है. हमें उम्मीद है कि हम कुछ प्रगति कर सकते हैं.’’ नोअर्ट, युद्धग्रस्त देश में लगातार हो रहे आतंकी हमलों की पृष्ठभूमि में अफगानिस्तान में दक्षिण एशिया नीति के कारगर होने संबंधी सवाल का जवाब दे रहीं थी.

उन्होंने कहा, ‘‘सोचिए, अमेरिका और गठबंधन बल कितने वर्षों से अफगानिस्तान में हैं. कितने लोगों की जान गई, कितना खून बहा, अफगानिस्तान में कितना पैसा बहाया गया. वहां शांतिपूर्ण हल खोजने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं. लेकिन अफगानिस्तान सरकार को इसमें बड़ी भूमिका निभानी होगी.’’ काबुल में टेलीविजन स्टेशन पर हुए हमले को उन्होंने आतंकी हमला बताया.

मसूद अजहर को बताया 'बहुत बुरा आदमी', घोषित किया जाए वैश्विक आतंकी: अमेरिका

वहीं दूसरी ओर अमेरिका ने बुधवार (8 नवंबर) को कहा कि जैश ए मोहम्मद का प्रमुख मसूद अजहर ‘बहुत बुरा आदमी’ है और उसे वैश्विक आतंकी घोषित किया जाना चाहिए. पठानकोट आतंकी हमले के मास्टरमाइंड अजहर को आतंकी घोषित करने के संयुक्त राष्ट्र में हुए प्रयास को चीन द्वारा बाधित किए जाने की पृष्ठभूमि में अमेरिका ने यह कहा है. अजहर पाकिस्तान में रहता है. उसे वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव को अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन का समर्थन हासिल था. इस प्रस्ताव को पिछले हफ्ते चीन ने चौथी बार रोक दिया और इसकी वजह बताई कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अलकायदा प्रतिबंध समिति के सदस्य इस पर एकमत नहीं हैं.

अजहर का बनाया आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की सूची में पहले से शामिल है. विदेश विभाग की प्रवक्ता हीदर नोर्ट ने संवाददाता सम्मेलन में चीन के कदम पर पूछे गए सवाल के बारे में कहा, ‘हम निश्चित रूप से मानते हैं कि वह बहुत बुरा व्यक्ति है. हम चाहते हैं कि उसे इस सूची में शामिल किया जाए.’ नोर्ट ने कहा, ‘उसे प्रतिबंधित सूची में शामिल करने पर समिति में बातचीत हो रही है. संयुक्त राष्ट्र के तहत वह सूची गोपनीय है इसलिए मैं कोई टिप्पणी नहीं कर सकती.’

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