राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ऐलान: नहीं माना चीन, तो अमेरिका करेगा 'सबसे बड़ा प्रहार'
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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ऐलान: नहीं माना चीन, तो अमेरिका करेगा 'सबसे बड़ा प्रहार'

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) ने चीन और अमेरिका के बीच पूरी तरह से व्यापारिक अलगाव (Decoupling the American economy from China) को लेकर बड़ा बयान दिया है.

डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)

वाशिंगटन डीसी: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) ने चीन और अमेरिका के बीच पूरी तरह से व्यापारिक अलगाव (Decoupling the American economy from China) को लेकर बड़ा बयान दिया है. इसके मुताबिक अगर चीन अमेरिकी शर्तों को नहीं मानता है, तो पूरी तरह से अमेरिका उससे व्यापार बंद कर देगा. जबकि चीन (China) अब भी अमेरिकी सामानों (American Goods) की बड़ी खरीद करने वाले देशों में से एक है.

  1. चीन से व्यापारिक संबंध पूरी तरह खत्म कर सकता है अमेरिका
  2. डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रेड डील के दूसरे दौर को किया था ब्लॉक
  3. अमेरिकी शर्तों को न मानने पर चीन को उठाना पड़ेगा घाटा

एक अमेरिकी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने पहले कहा, 'हमें चीन के साथ व्यापार करना ही नहीं है'. उसके बाद उन्होंने व्यापारिक अलगाव (decoupling) की बात कही. ट्रंप ने कहा, 'अगर, चीन ने हमारे साथ सही तरह से व्यवहार (व्यापारिक घाटे की पूरी भरपाई) नहीं किया, तो मैं ऐसा जरूर करूंगा.'

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दरअसल, चीन और अमेरिका दोनों ही देश एक-दूसरे के साथ बड़ा व्यापार करते हैं, लेकिन इसमें व्यापारिक घाटा (Business loss) अमेरिका को उठाना पड़ता है. डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) इसी व्यापारिक घाटे की भरपाई चाहते हैं. उनका कहना है कि चीन हमसे उतना सामान तो खरीदे, जितनी वो हमें दे रहा है. हालांकि दोनों देशों के बीच ट्रेड डाल पर पहले दौर की सहमति जनवरी में ही बन गई थी, लेकिन कोरोना वायरस (Coronavirus) फैलने के बाद ट्रंप ने दूसरे दौरे की बातचीत और समझौते की प्रक्रिया को रोक दिया था और चीनी सामान पर टैरिफ बढ़ा दिए थे. अमेरिका के इस कदम के बाद चीन ने भी कई कदम उठाए हैं, जिसके बाद दोनों देशों में व्यापारिक तनाव चरम (high-stakes trade war) पर पहुंच गया है.

इस पूरे मामले पर जून में अमेरिकी वित्त विभाग के सचिव स्टीवन म्यूचिन (US Treasury Secretary Steven Mnuchin) ने कहा कि अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक अलगाव से अमेरिकी कंपनियों को घाटा होगा. क्योंकि इसके बाद अमेरिकी कंपनियां चीनी अर्थव्यवस्था में साफ तरीके से व्यापार नहीं कर पाएंगी.

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