व्हाइट हाउस ने कहा, डोनाल्ड ट्रंप की नई दक्षिण एशिया नीति का हो रहा है असर
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व्हाइट हाउस ने कहा, डोनाल्ड ट्रंप की नई दक्षिण एशिया नीति का हो रहा है असर

व्हाइट हाउस ने उम्मीद जताई है कि क्षेत्रीय ताकतें अफगानिस्तान में और रचनात्मक भूमिका निभाएगी और वहां शांति स्थापित करने में मदद करेगी.

अमेरिकी राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास व्हाइट हाउस. (फाइल फोटो)

वॉशिंगटन: अमेरिका में व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई दक्षिण एशिया नीति अपने शुरुआती 100 दिनों में प्रगति दिखा रही है, लेकिन इसके नतीजों के लिए इसे समय देने की जरुरत है. ट्रंप ने अगस्त में अपनी नई अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया नीति की घोषणा करते हुए अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने में भारत से बड़ी भूमिका निभाने के लिए कहा था और युद्धग्रस्त देश से सेना हटाने से इनकार कर दिया था. ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति को दक्षिण एशिया रणनीति की घोषणा किए हुए 100 दिन हो चुके हैं. निश्चित तौर पर हमने इन 100 दिनों में कोई बड़ी प्रगति की उम्मीद नहीं की. इसमें प्रगति देखने के लिए हमें इस नीति को समय देने की जरुरत है. लेकिन साथ ही मुझे लगता है कि हमने कुछ सकारात्मक संकेत देखे हैं.’’

अमेरिका की इस नई नीति में पाकिस्तान पर आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई में कड़ा रुख अपनाया गया है. व्हाइट हाउस ने उम्मीद जताई है कि क्षेत्रीय ताकतें अफगानिस्तान में और रचनात्मक भूमिका निभाएगी और वहां शांति स्थापित करने में मदद करेगी. अधिकारी ने कहा कि अमेरिका, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के लिए तैयार है.

इससे पहले अमेरिकी विदेशी विभाग ने जानकारी देते हुए कहा था कि अफगानिस्तान में स्थिरता और सामंजस्य को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका नए दृष्टिकोण के साथ भारत और पाकिस्तान के साथ काम कर रहा है. नए वित्तीय वर्ष के लिए अपनी वित्तीय प्रमुखताओं पर आधारित वार्षिक रपट में विदेश विभाग ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 21 अगस्त को घोषित किए गए दक्षिण एशिया के प्रति अमेरिका की रणनीति को एक प्रमुख घटक के रूप में रेखांकित किया था.

विदेश विभाग के इंस्पेक्टर जनरल स्टीव ए. लिनिक ने कहा था, "दक्षिण एशिया विशेषरूप से अफगानिस्तान के प्रति हमारे दृष्टिकोण से मतलब भारत और पाकिस्तान के आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह नहीं उपलब्ध कराने के नए दृष्टिकोण से है." लिनिक ने कहा कि इस नए दृष्टिकोण के पीछे का मकसद तलिबान के साथ सुलह करने की स्थिति बनानी और ऐसी प्रक्रिया लानी है, जो अफगान सरकार को अपनी जनता को सुरक्षा उपलब्ध कराने में मदद करे.

डॉन ऑनलाइन के अनुसार, रपट में विदेश विभाग के सामने खड़ी चुनौतियों और उन चुनौतियों से निपटने को लेकर हुई प्रगति का जिक्र किया गया है. रपट में बताया गया है कि संतोषजनक प्रदर्शन की पुष्टि के लिए या इस बात की निगरानी के लिए कि आवश्यक रपट सौंपी गई है कि नहीं, पाकिस्तान में विभाग का कोई कर्मचारी नहीं है. 

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