अमेरिका के विस्कॉन्सिन राज्य के सबसे बड़े शहर मिलवॉकी में कोरोना वैक्सीन की 500 से ज्यादा डोज बर्बाद करने वाले एक पूर्व फार्मासिस्ट को तीन साल जेल की सजा सुनाई गई.
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मिलवॉकी: कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्सीनेशन को सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है और सरकारें लगातार जनता तक वैक्सीन की पहुंच बढ़ाने में लगी हुई हैं. भारत समेत दुनिया के कई मुल्कों में वैक्सीन की बर्बादी की शिकायतें भी मिलीं जिससे सख्ती से निपटा जा रहा है. अब अमेरिका में एक ऐसा मामला आया जहां टीके की बर्बादी पर फार्मासिस्ट को तीन साल की सजा सुनाई गई है.
अमेरिका के विस्कॉन्सिन राज्य के सबसे बड़े शहर मिलवॉकी में कोरोना वैक्सीन की 500 से ज्यादा डोज बर्बाद करने वाले एक पूर्व फार्मासिस्ट को मंगलवार को तीन साल जेल की सजा सुनाई गई. स्टीवन ब्रांडेनबर्ग (46) ने उपभोक्ता उत्पाद में छेड़छाड़ की कोशिश का अपना जुर्म फरवरी में ही कबूल कर लिया था.
ब्रांडेनबर्ग ने माना था कि मिलवॉकी के उत्तर में स्थित ऑरोरा मेडिकल सेंटर में उसने मॉडर्ना के टीकों को कई घंटे तक रेफ्रिजरेटर से बाहर रखा था. सजा मिलने से पहले एक बयान में उसने कहा कि वह बहुत शर्मिंदा है. साथ ही जो गलती उसने की है वह इसकी पूरी जिम्मेदारी लेता है.
मिलवॉकी जर्नल सेंटीनेल में बताया गया है कि फार्मासिस्ट ने अपने सहकर्मियों, परिवार और समुदाय से अपनी हरकत के लिए माफी भी मांगी है.
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ऑरोरा सेंटर की ओर से बताया गया कि बर्बाद किए गए ज्यादातर टीकों को नष्ट कर दिया गया हालांकि तब तक 57 लोगों को इनमें से कुछ टीके लगाए जा चुके थे. माना जा रहा है कि ये डोज अब भी प्रभावी हैं. लेकिन इन्हें लेकर कई सप्ताह तक चली अनिश्चितता की स्थिति से वैक्सीन लगवाने वाले काफी चिंतित हो गए थे.