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वॉशिंगटन: बिजनसमैन रिचर्ड ब्रैनसन (Richard Branson) ने पहले अरबपति के रूप में अंतरिक्ष की यात्रा (Space Travel) करके भले ही इतिहास रच दिया हो, लेकिन उनकी इस ऐतिहासिक यात्रा पर सवाल भी उठ रहे हैं. प्रसिद्ध एस्ट्रोफिजिसिस्ट और साइंस कम्युनिकेटर नील डीग्रासे टायसन (Neil deGrasse Tyson) ने रिचर्ड ब्रैनसन की यात्रा पर संदेह व्यक्त करते हुए पूछा है कि क्या वास्तव में ब्रैनसन ने अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी? टायसन न्यूयॉर्क स्थित रोज सेंटर फॉर अर्थ एंड स्पेस में हेडन तारामंडल के निदेशक हैं.
हमारी सहयोगी वेबसाइट DNA में छपी खबर के अनुसार, CNN को दिए एक इंटरव्यू में नील डीग्रासे टायसन (Neil deGrasse Tyson) ने कहा कि सही मायनों में देखा जाए तो रिचर्ड ब्रैनसन (Richard Branson) अंतरिक्ष गए ही नहीं. उन्होंने कहा, ‘सबसे पहली बात की ये सबऑर्बिटल था. नासा ने 60 साल पहले एलन शेपर्ड के साथ ऐसा ही किया था. उसने केप कैनावेरल से उड़ान भरी और समुद्र में लैंड किया था. यदि आप अंतरिक्ष की कक्षा तक पहुंचने के लिए पर्याप्त गति नहीं पकड़ते हैं, तो आप गिरकर पृथ्वी पर लौट आएंगे’.
टायसन ने रिचर्ड ब्रैनसन की यात्रा पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या आप काफी ऊंचाई पर गए? क्या आपने अंतरिक्ष की कक्षा में प्रवेश किया? क्या आप वाकई कहीं गए थे? क्या आप चंद्रमा पर गए, मंगल पर या उससे आगे गए? अपनी बात को समझाने के लिए ग्लोब का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने आगे कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन और एक स्पेसक्राफ्ट ऑर्बिट पृथ्वी से 1 cm दूर होगा, जबकि चंद्रमा 10 मीटर जितना दूर होगा. इस पैमाने के अनुसार, रिचर्ड ब्रैनसन सतह से लगभग 2 मिमी ऊपर गए’.
टायसन ने तंज कसते हुए कहा कि फिर भी यदि आप इसे अंतरिक्ष कहना चाहते हैं, तो आपकी मर्जी. आप ऐसा इसलिए कह सकते हैं कि क्योंकि औसत व्यक्ति इससे पहले वहां तक नहीं पहुंचा था. इसलिए ऑर्बिट तक पहुंचने में आठ मिनट और चांद तक पहुंचने में तीन दिन लगते हैं. क्या रिचर्ड ने जो किया वो वास्तव में अंतरिक्ष यात्रा है? मैं यही कहूंगा कि वह केवल पृथ्वी का एक अच्छा व्यू लेने गए हैं.
प्रसिद्ध एस्ट्रोफिजिसिस्ट ने कहा, ‘मैं नहीं जानता कि रिचर्ड ब्रैनसन कर्वचर देखने गए हैं या नहीं. लेकिन मैंने कुछ कैलकुलेशन की हैं और उसके आधार पर इसका जवाब है ‘नहीं’. यदि आप इस ग्लोब की सतह से 2 मिलीमीटर दूर हैं, तो आपके पास पूर्ण परिप्रेक्ष्य नहीं है. मैं कहूंगा कि ये विजुअल इफेक्ट है, जिसका अहसास आपको 50 मील ऊपर (लगभग 80 किलोमीटर) पर मिलता है. तो मजे करो’.