Trending Photos
वॉशिंगटन: अमेरिका (America) की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Kamala Harris) ने कोरोना (Coronavirus) महामारी से जंग में भारत (India) को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है. उन्होंने कहा है कि इस मुश्किल वक्त में हम भारत के साथ हैं और उसकी सहायता करते रहेंगे. हैरिस ने भारत के योगदान को याद करते हुए कहा कि महामारी की शुरुआत में भारत ने अमेरिका की मदद की थी, अब हम भारत की सहायता के लिए उसके साथ खड़े हैं. बता दें कि संकट की इस घड़ी में नई दिल्ली की सहायता के लिए पूरी दुनिया से मदद के हाथ उठ रहे हैं.
कमला हैरिस ने कहा कि भारत (India) के जो हालात हैं, वो दिल दुखाने वाले हैं. भारत हमारा महत्वपूर्ण सहयोगी है और वहां स्थिति सामान्य करने के लिए हम हर संभव मदद प्रदान करेंगे. कोरोना से लड़ाई में भारत के योगदान की सराहना करते हुए अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘महामारी की शुरुआत में, जब हमारे अस्पताल में बेड कम पड़ने लगे थे तब भारत ने सहायता भेजी थी. आज, हम जरूरत के समय उसकी मदद करने के लिए दृढ़ हैं’.
ये भी पढ़ें -भारत में दूर होगा Corona Vaccine का संकट, Full सब्सिडी पर GAVI भेज रहा 19-25 टीके
हैरिस ने कहा कि हम एशियाई क्वाड (Asian Quad) के सदस्यों के रूप में, वैश्विक समुदाय के हिस्से के रूप में और भारत के दोस्त के रूप में उसे मदद उपलब्ध करा रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यदि हम सभी इस तरह मिलकर काम करते रहेंगे, तो इस मुश्किल से भी जल्द बाहर निकल जाएंगे. उपराष्ट्रपति ने बताया कि यूएस ने भारत को रिफिल करने योग्य ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और N95 मास्क उपलब्ध कराए हैं और आगे भी कराते रहेंगे.
अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा कि कोरोना मरीजों के इलाज के लिए हमने भारत को रेमेडिसविर इंजेक्शन भेजे हैं और भविष्य में भी यथासंभव मदद पहुंचाते रहेंगे. कमला हैरिस ने कहा कि 26 अप्रैल को राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से बात की और 30 अप्रैल तक संयुक्त राज्य अमेरिका के सैन्य सदस्य और नागरिक वहां राहत दे रहे थे.
वैक्सीन के मुद्दे पर बोलते हुए हैरिस ने कहा कि भारत और अन्य देशों को टीकाकरण में तेजी लाने में मदद करने के लिए हमने COVID-19 वैक्सीन पर पेटेंट को निलंबित करने के लिए पूर्ण समर्थन की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका दुनिया में सबसे अधिक कोविड के मामले हैं. हालांकि, हम मानते हैं कि यह लड़ाई किसी एक देश की नहीं है, पूरी दुनिया को इससे मिलकर लड़ना होगा.