इराक : मोसुल के नागरिक भाग ना पाएं इसलिए बच्चों को निशाना बना रहा है IS
Advertisement

इराक : मोसुल के नागरिक भाग ना पाएं इसलिए बच्चों को निशाना बना रहा है IS

यूनिसेफ ने बताया कि साल 2014 में आईएस आतंकवादियों के इराक के एक तिहाई हिस्से पर कब्जा करने के बाद से करीब 1,075 बच्चों की हत्या की गई. (file)

बगदाद. इस्लामिक स्टेट समूह के लड़ाके बच्चों को निशाना बना रहे हैं ताकि मोसुल में नागरिक वहां से भागकर ना जा सकें. इराकी बल देश में आईएस को उसके आखिरी मजबूत गढ़ से खदेड़ने में जुटे हैं. यूनिसेफ ने कहा कि उनके पास ऐसे कई मामलों का ब्यौरा है जिनमें आईएस के लड़ाकों ने उन परिवारों के बच्चों की हत्या की जो आतंकवादियों के नियंत्रण वाले निकटवर्ती इलाकों से बाहर भागने की कोशिश कर रहे थे.

और पढ़ें : ऑस्ट्रेलिया एकबार फिर आईएस के ख़िलाफ़ शुरू करेगा हवाई हमले

100,000 नागरिकों मौजूद हैं पुराने शहर में

इराकी बल धीरे-धीरे आईएस लड़ाकों को उनके आखिरी गढ़ मोसुल के पुराने शहर से खदेड़ने में जुटे हैं लेकिन करीब 100,000 नागरिकों के घने इलाकों में मौजूद होने के कारण अभियान की गति धीमी पड़ गई है.

और पढ़ें : आईएस ने मोसुल की प्रसिद्ध नूरी मस्जिद को विस्फोट से उड़ाया

विनाशकारी और विवेकहीन युद्ध है यह : यूनिसेफ प्रतिनिधी

इराक में यूनिसेफ के प्रतिनिधि पीटर हॉकिन्स ने कहा, 'लोगों को वहां से भागने से रोकने के लिए वे बच्चों का इस्तेमाल युद्ध के हथियार के तौर पर कर रहे हैं. यह दिखाता है कि यह युद्ध कितना विवेकहीन और विनाशकारी है.' हॉकिन्स ने कहा, 'देश के भविष्य की सुरक्षा एवं आथर्कि दृढ़ता इस बात से तय होती है कि बच्चों के साथ आज क्या हो रहा है।'

और पढ़ें : करबला के बाद मुसायिब शहर के बाज़ार में आत्मघाती हमला, 20 की मौत, ISIS ने ली ज़िम्मेदारी

2014 में 1075 बच्चों की हत्या की गई

यूनिसेफ ने बताया कि साल 2014 में आईएस आतंकवादियों के इराक के एक तिहाई हिस्से पर कब्जा करने के बाद से करीब 1,075 बच्चों की हत्या की गई और 1,130 बच्चे घायल हुए. उन्होंने बताया कि इराक में पिछले 6 महीने में हुई हिंसा में 152 बच्चे मारे गए और 255 घायल हुए. 

और पढ़ें : इराकी सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, आईएस के चंगुल से 9 गांवों को छुड़ाया

10 लाख बच्चों को शिक्षा बीच में ही छोड़नी पड़ी

सैन्य शासन या विस्थापन के कारण 10 लाख से अधिक बच्चों को अपनी शिक्षा बीच में ही छोड़नी पड़ी. यूनिसेफ ने कहा कि बच्चों पर हिंसा में शामिल होने का भी दबाव बनाया जाता है. 18 साल से कम आयु के कम से कम 231 बच्चे आईएस या अन्य सैन्य समूह ने भर्ती हुए.

Trending news