अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव: 29 सितंबर को आमने-सामने होंगे ट्रंप और बिडेन, कार्यक्रम घोषित
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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव: 29 सितंबर को आमने-सामने होंगे ट्रंप और बिडेन, कार्यक्रम घोषित

कोरोना (CoronaVirus) महामारी के बीच अमेरिका (America) में राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Election) की तैयारियां तेजी से चल रही हैं.

फाइल फोटो

वॉशिंगटन: कोरोना (CoronaVirus) महामारी के बीच अमेरिका (America) में राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Election) की तैयारियां तेजी से चल रही हैं. डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और उनके प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन (Joe Biden) के बीच पहली बहस 29 सितंबर को होगी. 

  1. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का कार्यक्रम घोषित
  2. डोनाल्ड ट्रंप और जो बिडेन के बीच पहली बहस 29 सितंबर को 
  3. दोनों कुल तीन बार होंगे आमने-सामने

कमिशन ऑन प्रेसिडेंशियल डिबेट्स (CPD) ने सोमवार को बताया कि राष्ट्रपति चुनाव की पहली बहस ओहियो में होगी, जिसे वेस्‍टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी और क्‍लीवलैंड क्लीनिक द्वारा 29 सितंबर को हेल्‍थ एजुकेशन कैंपस (HEC) में आयोजित किया जाएगा. इस दौरान, अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप और उनके प्रतिद्वंद्वी  उम्‍मीदवार एवं पूर्व उप-राष्‍ट्रपति जो बिडेन 3 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए आमने-सामने होंगे. CPD के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच दूसरी बहस 15 अक्टूबर को फ्लोरिडा के एड्रिएन आर्ट सेंटर फॉर द परफॉर्मिंग आर्ट्स में जबकि तीसरी बहस 22 अक्टूबर को टेनेसी के बेलमॉन्ट विश्वविद्यालय में होगी.   

वहीं, उपराष्ट्रपति पद के लिए माइक पेंस और उनके डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी के बीच सॉल्‍ट लेक सिटी की यूनिवर्सिटी में 7 अक्टूबर को बहस होगी. बता दें कि डेमोक्रेटिक की तरफ से अभी तक उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया गया है. सारी बहस लगभग 90 मिनट लंबी होंगी और रात 9 बजे से 10.30 बजे तक चलेंगी. इन सभी बहसों का सीधा प्रसारण व्हाइट हाउस पूल नेटवर्क द्वारा किया जाएगा.

कौन-कब होगा आमने सामने?
राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए डोनाल्ड ट्रंप और जो बिडेन कुल तीन बार सामने सामने आएंगे.  
पहली बहस: 29 सितंबर, 2020 को ओहियो में होगी.
दूसरी बहस: 15 अक्‍टूबर, 2020 को फ्लोरिडा के मियामी में होगी.
तीसरी बहस: 22 अक्‍टूबर, 2020 को टेनेसी में होगी.
उपराष्ट्रपति पद के लिए बहस 7 अक्टूबर को होगी.

इस बार राह आसान नहीं
डोनाल्ड ट्रंप के लिए इस बार सत्ता की राह आसान नहीं है. कोरोना महामारी के चलते लोगों में उनके खिलाफ गुस्सा है. कई रिपोर्ट्स में यह सामने आया है कि अधिकांश अमेरिकी कोरोना से मुकाबले के लिए ट्रंप प्रशासन की नीतियों से खफा हैं. उन्हें लगता है कि यदि शुरुआत में ही सख्त कदम उठाये जाते, तो स्थिति इतनी खराब नहीं होती. ट्रंप खुद भी जानते हैं कि कोरोना के चलते उनके लिए मुकाबला काफी कड़ा हो गया है. इसलिए वह महामारी के लिए चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन पर निशाना साधते रहे हैं. लम्बे समय तक कड़े उपायों और मास्क का विरोध करते रहे ट्रंप कुछ वक्त पहले मास्क में नजर आये थे. ये चुनाव के मद्देनजर उनकी बदलती रणनीति का ही हिस्सा है.  

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