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रियाद: कोरोना महामारी के चलते इस बार की हज यात्रा (Haj Yatra) काफी अलग हो रही है. वहीं, मक्का पहुंच रहे हाजियों को कुछ और भी अलग नजर आ रहा है और वो है महिला गार्ड की तैनाती. पहली बार सऊदी अरब स्थित मक्का में किसी महिला गार्ड को तैनात किया गया है. हजारों यात्रियों की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले सऊदी वुमन सोल्जर्स ग्रुप (Saudi Women Soldiers Group) में मोना (Mona) भी शामिल हैं. अपने पिता के करियर से प्रभावित होकर मोना सेना में भर्ती हुईं थीं और आज वह इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल पर तैनात पहले महिला दस्ते का हिस्सा बन गईं हैं.
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल से अब तक दर्जनों महिला सैनिकों की नियुक्ति मक्का और मदीना (Makkah and Madina) आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए की जा चुकी है. सेना की यूनिफार्म में तैनात मोना मक्का में शिफ्ट में काम करती हैं और यहां मस्जिद में सुरक्षा व्यवस्था तथा हज यात्रियों की सुविधाओं का ख्याल रखती हैं. अपनी खुशी व्यक्त करते हुए मोना ने कहा, ‘मैं अपने स्वर्गीय पिता के पदचिन्हों पर चल रही हूं, ताकि उनके सफर को पूरा कर सकूं. इसीलिए इस मक्का की मशहूर मस्जिद में खड़ी हूं. यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा करना सम्मानजनक और जिम्मेदारी से भरा काम है'.
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साइकोलॉजी से पढ़ाई करने वाली मोना मानती हैं कि सेना में शामिल होने को लेकर परिवार ने उनका पूरा साथ दिया. उनका मानना है कि धर्म की सेवा, देश की सेवा और अल्लाह के मेहमानों की सेवा करना उनके लिए गर्व की बात है. बता दें कि सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (Saudi Crown Prince Mohammed bin Salman) ने सऊदी में कई सामाजिक और आर्थिक सुधारों पर बल दिया है. मक्का में साऊदी वुमन सोल्जर्स ग्रुप की तैनाती इसी का हिस्सा है. हालांकि, इन सुधारों का असल मकसद विदेशी निवेशकों को आकर्षित करना है.
क्राउन प्रिंस की इन सुधार प्रक्रियाओं को विजन 2030 (Vision 2030) नाम दिया गया है. इसके तहत महिलाओं पर लगे कई तरह के प्रतिबंधों को भी हटा दिया गया है. अब यहां वयस्क महिलाओं को बिना परिजनों की आज्ञा लिए कहीं भी आने-जाने की अनुमति है. इसके अलावा पारिवारिक मुद्दों में भी महिलाओं को नियंत्रण का हक दिया गया है. माना जा रहा है कि आने वाले समय में इस तरह के कुछ और सुधार देखने को मिल सकते हैं.