चीन में ऑस्ट्रेलियाई मीडिया कर्मियों पर हुआ अत्याचार, इस पत्रकार ने सुनाई आपबीती
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चीन में ऑस्ट्रेलियाई मीडिया कर्मियों पर हुआ अत्याचार, इस पत्रकार ने सुनाई आपबीती

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई संवाददाता ने दो साल पहले चीन छोड़ने का बताया कारण, कहा- मिल रही थी धमकियां

मैथ्यू कार्नी (फाइल फोटो)

कैनबरा: एक पूर्व ऑस्ट्रेलियाई संवाददाता ने सोमवार को बयान जारी करते हुए बीजिंग में उनके साथ हुई घटना का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि दो साल पहले उन्हें और उनकी 14 साल की बेटी को चीन छोड़ने से पहले हिरासत में लेने की धमकी दी गई थी.

  1. कार्नी 2018 में एबीसी के चीनी ब्यूरो के प्रमुख थे
  2. 14 वर्षीय बेटी यासमीन को बीजिंग सार्वजनिक सुरक्षा सुविधा में लाने के लिए कहा गया
  3. अपराध को स्वीकार करने और वीजा उल्लंघन के लिए माफी मांगने का फैसला

2018 में हुई घटना का खुलासा नहीं
मैथ्यू कार्नी (Matthew Carney) ने कहा कि उन्होंने अब तक 2018 में हुई घटना का खुलासा नहीं किया है. इसके पीछे का कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि वह चीन में ऑस्ट्रेलियाई प्रसारण निगम के संचालन के लिए नकारात्मक परिणामों से बचना चाहते थे. दो हफ्ते पहले एबीसी और द ऑस्ट्रेलियन फाइनेंशियल रिव्यू अखबार के लिए चीन में काम कर रहे संवाददाता अपने देश वापस लौट गए. ये चीन में काम करने वाले दो आखिरी ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार हैं. इन्हें भी हिरासत में लिए जाने की धमकी के कारण चीन छोड़ना पड़ा.

कार्नी 2018 में एबीसी के चीनी ब्यूरो के प्रमुख
कार्नी 2018 में एबीसी के चीनी ब्यूरो के प्रमुख थे. इस दौरान ही ऑस्ट्रेलिया ने घरेलू राजनीति में विदेशी हस्तक्षेप को गैर कानूनी घोषित करते हुए कानून पारित किया. कार्नी बताते हैं कि इस कानून के पारित होने से चीन खफा था. उन्होंने कहा कि कानून आने के तीन  महीने के भीतर ही उन्हें और उनके परिवार को धमकियां मिलने लगीं. कार्नी ने एबीसी रेडियो पर प्रसारित एक साक्षात्कार में अपने आपबीती सुनाई. उनकी ये कहानी संस्थान की वेबसाइट पर भी प्रकाशित की गई है. इस पर चीन की तरफ से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

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यासमीन को बीजिंग सार्वजनिक सुरक्षा सुविधा में 
कार्नी ने बताया कि उन्हें 14 वर्षीय बेटी यासमीन को बीजिंग सार्वजनिक सुरक्षा सुविधा में लाने के लिए कहा गया था. वे बताते हैं कि यहां लाने के पीछे उद्देश्य पूछताछ और हिरासत में लेना था. उन्हें एक महिला अधिकारी ने बताया कि उनकी और उनकी बेटी के खिलाफ वीजा अपराध की जांच की जा रही है. उनसे कहा गया कि उनकी बेटी 14 साल की है. वह चीनी कानून के तहत बालिग है. उन्हें आगे बताया गया कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना कानून का पालन करने वाला देश है और इसी के तहत उस पर वीजा अपराध का आरोप लगाया जाएगा.

बेटी हिरासत मे
महिला अधिकारी ने कार्नी को बताया कि उनकी बेटी को हिरासत मे लिया जा सकता है. हिरासत में लिए जाने के बाद बेटी को एक अज्ञात स्थान पर अन्य कैदियों के साथ रखा जाएगा. कार्नी बताते हैं कि महिला अधिकारी स्पष्ट तरीके से पूछताछ  कर रही थी. इससे भय और दहशत का माहौल पैदा हो गया था. कार्नी ने कहा कि उन्होंने अगले दिन अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ चीन छोड़ने की पेशकश की. इसके जवाब में उन्हें कहा गया कि वह जांच के दौरान देश से बाहर नहीं जा सकते थे. एक दिन के भीतर ही वीजा समाप्त होने का हवाला देते हुए अधिकारियों ने हिरासत में लिए जाने की बात भी कही.

अपराध को स्वीकार किया कार्नी ने 
ऑस्ट्रेलियाई दूतावास और एबीसी के साथ परामर्श के बाद कार्नी ने कहा कि उसने अपने अपराध को स्वीकार करने और वीजा उल्लंघन के लिए माफी मांगने का फैसला किया. इसके साथ ही कार्नी ने शर्त रखी कि उसकी बेटी को परिवार के साथ रहने की अनुमति दी जाए.  कार्नी और उनके परिवार के सदस्यों के बयान वीडियो रिकॉर्डिग के माध्यम से दर्ज किए गए. इसके साथ ही महिला अधिकारी ने उन्हें बताया कि वो इस मामले की रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकार को सौंप देंगी, जिस पर अधिकारी अपना फैसला सुनाएंगे. एक ओर वीजा कुछ ही समय में खत्म होने वाला था, वहीं दूसरी ओर अधिकारी ने बताया की फैसला कुछ हफ्तों बाद आ सकता है. इसके अगले ही दिन कार्नी को फोन कर सूचित किया गया कि उनका और उनके परिवार का वीजा दो महीने के लिए बढ़ा दिया गया है.

चीन छोड़ने का निर्णय
कार्नी बताते हैं कि उन्होंने चीन छोड़ने का निर्णय अचानक ही लिया. ये फैसला उन्होंने एक चीनी महिला से मिली धमकियों के बाद लिया. कार्नी द्वारा लिखी गई एक रिपोर्ट के कारण चीनी महिला मानहानि का मुकदमा करने की धमकी दे रही थी. ये रिपोर्ट चीन में बेहतर नागरिक व्यवहार पर चीनी प्रशान के जोर देने पर थी. कार्नी ने इस मामले पर कानूनी सलाह ली, जिसमें उन्हें बताया गया कि एक बार उनके खिलाफ अगर कानूनी कार्यवाही शुरू हो जाती है तो वे देश नहीं छोड़ सकते. उनके देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा. चीन की ओर ऑस्ट्रेलियाई  नागरिकों को हिरासत में लिए जाने की धमकियों को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया ने जुलाई में ट्रेवेल एडवाइजरी जारी की.  

ब्लॉगर यांग हेंगजुन गिरफ्तार
बता दें, चीनी-ऑस्ट्रेलियाई जासूस उपन्यासकार और ब्लॉगर यांग हेंगजुन को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया है. न्यूयॉर्क से लौटने के बाद पिछले साल जनवरी के महीने में उनकी गिरफ्तारी हुई. चीन की ओर से आरोप है कि यांग हेंगजुन ने  द्विपक्षीय संबंधों को बिगाड़ा है.  इसके साथ ही 55 साल के यांग हेंगजुन पर राज्य की सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाया गया है.चीन में काम करने वाले दो आखिरी ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार के देश छोड़ने के बाद चीन के विदेश मंत्री ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई नागरिक चैंग ली को राष्ट्रीय सुरक्षा अपराधों के संदेह के तहत हिरासत में लिया गया था. चैंग ली चीन के अंग्रेजी भाषा के राज्य मीडिया चैनल सीजीटीएन में बिजनेस न्यूज एंकर थे.

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