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China-Taiwan Crisis: चीन और ताइवान के बीच जारी विवाद से एशिया के ज्यादातर देश चिंतित हैं और किसी भी हालात में क्षेत्र में शांति कायम करने की कोशिश में लगे हुए हैं. इस बीच मलेशिया ने अमेरिका पर ताइवान में युद्ध भड़काने का आरोप लगाया है. पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने शुक्रवार को एक इंटरव्यू के दौरान उम्मीद जताई कि मलेशिया की भ्रष्टाचार में शामिल सत्ताधारी पार्टी आने वाले महीनों में आम चुनाव कराएगी. दो बार मलेशिया के प्रधानमंत्री रहे महातिर को पश्चिम और उसकी राजनीति का आलोचक माना जाता है.
चीन ने नहीं किया कोई हमला
पूर्व प्रधानमंत्री महातिर ने चेताया कि अमेरिका प्रतिनिधिसभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की हालिया यात्रा के जरिये चीन को नाराज करने का काम कर रहा है. चीन, ताइवान को अपना क्षेत्र होने का दावा करता रहा है. महातिर ने कहा कि चीन ने ताइवान को आजाद रहने की इजाजत दी है और उसने कोई हमला नहीं किया है. अगर चीन हमला ही करना चाहता तो कर सकता था लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. महातिर ने कहा कि ऐसे में अब अमेरिका की ओर से उकसाया जा रहा है ताकि युद्ध हो जाये और चीनी सरकार हमला करने की गलती कर दे.
महातिर मोहम्मद ने युद्ध की कोशिश को अमेरिका की साजिश करार दिया है. उन्होंने कहा कि अगर दोनों मुल्कों के बीच जंग छिड़ेगी तो इसका फायदा उठाकर अमेरिका, ताइवान की मदद करने का तर्क देगा और वहां भारी मात्रा में हथियार बेच सकेगा. ताइवान और चीन के बीच अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइपे दौरे के बाद से तनाव बढ़ गया है, बावजूद इसके अमेरिका के सांसदों का एक डेलिगेशन भी ताइवान की यात्रा कर चुका है.
ताइवान के साथ खड़ा है अमेरिका
अब अमेरिका ने ताइवान के साथ व्यापार वार्ता शुरू करने का भी ऐलान कर दिया है जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ने की आशंका है. अमेरिका के इस फैसले को द्वीपीय देश के लिए समर्थन के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है. चीन ताइवान पर अपना दावा करता है और उसने चेतावनी दी है कि अगर जरूरी हुआ तो वह अपनी संप्रुभता की रक्षा के लिए ताइवान पर हमला भी कर सकता है.
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