France Deep Time Experiment: 40 दिन के लिए Lombrives Cave में रह रहे 15 लोग, स्टडी में सामने आएंगी ये बातें
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France Deep Time Experiment: 40 दिन के लिए Lombrives Cave में रह रहे 15 लोग, स्टडी में सामने आएंगी ये बातें

French Group Goes Underground In Cave: Lombrives में चार टन खाने की सप्लाई के साथ 15 लोग रह रहे हैं. वे गुफा के अंदर मौजूद पानी से ही काम चला रहे हैं. इसके अलावा नैचुरल लाइट से दूर बिजली की जरूरत को पूरा करने के लिए उनके पास पैडल वाला एक डायनेमो जनरेटर है.

फ्रांस में डीप टाइम एक्सपेरिमेंट के लिए लॉम्ब्रिव्स की गुफा में 15 अनजान लोग | साभार- डेली मेल

पेरिस: क्या आप 40 दिन तक अनजान लोगों के साथ एक गुफा (Cave) में रहना चाहेंगे, जहां न फोन हो और न ही नैचुरल लाइट. लेकिन फ्रांस (France) में इस तरह का दुनिया का पहला प्रयोग किया जा रहा है, जिसमें 15 अनजान लोग एक गुफा (Cave) में आइसोलेशन में रह रहे हैं. इस स्टडी में पता चलेगा कि जब लंबे समय तक इंसान बिना गैजेट्स और बिना टाइम जानें एक निश्चित तापमान में रहता है तो उसके शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है.

  1. Deep Time एक्सपेरिमेंट के लिए Cave में 15 लोग
  2. खाने का 40 टन सामान लेकर Cave में गए वॉलिंटियर
  3. लॉकडाउन से मिला Deep Time एक्सपेरिमेंट का आइडिया

Deep Time एक्सपेरिमेंट के लिए Cave में 15 लोग

बता दें कि फ्रांस में 27 से 50 साल की उम्र के बीच के 15 लोग जिसमें बायोलॉजिस्ट, ज्वेलर और मैथ पढ़ाने वाले टीचर शामिल हैं, एक साथ एक गुफा (Cave) में रह रहे हैं. इन लोगों को इसके लिए कोई पैसा नहीं दिया गया है. ये सभी वॉलिंटियर के तौर पर ऐसा कर रहे हैं. इस प्रयोग में करीब 1 मिलियन यूरो यानी लगभग 8 करोड़ 67 लाख रुपये का खर्च आएगा.

खाने का इतना सामान लेकर Cave में गए वॉलिंटियर

डेली मेल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांस के Ariège की लॉम्ब्रिव्स की गुफा (Lombrives Cave) में चार टन खाने की सप्लाई के साथ 15 लोग रह रहे हैं. वे गुफा के अंदर मौजूद पानी से ही काम चला रहे हैं. इसके अलावा नैचुरल लाइट से दूर बिजली की जरूरत को पूरा करने के लिए उनके पास पैडल वाला एक डायनेमो जनरेटर भी है.

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कैसे आया Deep Time एक्सपेरिमेंट का आइडिया

गौरतलब है कि गुफा में रहने का Deep Time Experiment बीते रविवार 14 मार्च को फ्रांस के लोकल टाइम रात 8 बजे शुरू हुआ था. अगर सबकुछ सही रहा तो यह प्रयोग 22 अप्रैल को पूरा हो जाएगा. इस मिशन के लीडर क्रिश्चन क्लॉट भी इसमें एक वॉलिंटियर की तरह भाग ले रहे हैं. कोविड लॉकडाउन के बाद उन्हें ये प्रयोग करने का आइडिया आया.

इन क्षेत्रों में होगा रिसर्च से फायदा

क्रिश्चन क्लॉट का दावा है कि Deep Time Experiment से जो चीजें निकलकर आएंगी, वो भविष्य में स्पेस मिशन, सबमरीन क्रू और माइनिंग आदि में लंबे समय तक काम आएंगी.

बता दें कि लॉम्ब्रिव्स की गुफा (Lombrives Cave) यूरोप की सबसे बड़ी गुफा है. आइसोलेशन के दौरान लॉम्ब्रिव्स में तापमान 12 डिग्री सेल्सियस या 54 डिग्री फारेनहाइट और ह्यूमिडिटी 95 फीसदी रखी जा रही है.

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लॉम्ब्रिव्स की गुफा (Lombrives Cave) में रहने के लिए तीन अलग-अलग जगहों का इंतजाम किया गया है. इसमें एक जगह सोने, दूसरी जगह रहने और तीसरी जगह रिसर्च के लिए बनाई गई है. वॉलिंटियर 40 दिन के दौरान लॉम्ब्रिव्स के अंदर के फ्लोरा और फौना (Flora and Fauna) की स्टडी भी कर रहे हैं.

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