Russia-France: ओलंपिक की तैयारियां तो होती रहेंगी...लेकिन मैक्रों को क्यों खाए जा रहा पुतिन का डर?
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Russia-France: ओलंपिक की तैयारियां तो होती रहेंगी...लेकिन मैक्रों को क्यों खाए जा रहा पुतिन का डर?

Paris Olympics: पेरिस में ओलंपिक खेलों का आयोजन ऐसे मौके पर होगा, जब दुनिया में एक तरफ यूक्रेन और रूस का युद्ध चल रहा है तो दूसरी ओर इजरायल गाजा में तबाही मचाए हुए है.

Russia-France: ओलंपिक की तैयारियां तो होती रहेंगी...लेकिन मैक्रों को क्यों खाए जा रहा पुतिन का डर?

Ukraine-Russia War: पेरिस में इस साल जुलाई से ओलंपिक खेलों का आगाज होने जा रहा है. लेकिन फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों को तैयारियों से ज्यादा रूस का खौफ सता रहा है. दरअसल मैक्रों ने कहा है कि इसमें कोई शक नहीं कि रूस पेरिस ओलंपिक को द्वेष की भावना से निशाना बनाएगा. जब उनसे पूछा गया कि क्या रूस ओलंपिक खेलों को टारगेट करेगा तो उन्होंने कहा, इन्फॉर्मेशन के मामले में मुझे इस बात में कोई शक नहीं है.

जुलाई में होना है आयोजन

दरअसल मैक्रों पेरिस में एक नए ओलिंपिक एक्वेटिक सेंटर का उद्घाटन करने पहुंचे थे. पेरिस में 26 जुलाई से लेकर 11 अगस्त तक ओलंपिक खेलों का आयोजन होना है. पेरिस में ओलंपिक खेलों का आयोजन ऐसे मौके पर होगा, जब दुनिया में एक तरफ यूक्रेन और रूस का युद्ध चल रहा है तो दूसरी ओर इजरायल गाजा में तबाही मचाए हुए है. अगर मैक्रों की बात करें तो बीते कुछ वक्त में उन्होंने रूस के खिलाफ सख्त स्टैंड लिया है.

उनका मानना है कि यूक्रेन के खिलाफ जंग में रूस की हार होनी चाहिए. उन्होंने इस संभावना से भी इनकार नहीं किया कि यूरोपीय सेनाओं को एक दिन यूक्रेन जाना पड़ सकता है. हालांकि उन्होंने यह साफ किया कि फ्रांस की रूस से दुश्मनी करने की कोई मंशा नहीं है.

रूस ने दी थी चेतावनी

गौरतलब है कि मैक्रों के इसी बयान के बाद रूस के रक्षा मंत्री ने बुधवार को फ्रांस के अपने समकक्ष को फोन किया और यूक्रेन में सैनिक तैनात करने के खिलाफ चेतावनी दी थी. रूस के रक्षा मंत्री ने साथ ही कहा कि मॉस्को संघर्ष खत्म करने के लिए बातचीत करने को तैयार है. रूसी रक्षा मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक, रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने फ्रांस के रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू से कहा था कि अगर पेरिस यूक्रेन में फ्रांस के सैनिक भेजने संबंधी अपने बयानों पर अमल करता है तो इससे फ्रांस के लिए ही समस्याएं पैदा होंगी.'

 

मैक्रों सरकार ने पूरे यूरोप में कथित रूसी दुष्प्रचार की कोशिशों के खिलाफ भी सख्त रुख अपनाया है. इसी हफ्ते की शुरुआत में, विदेश मंत्री स्टीफ़न सेजॉर्न ने कहा था कि फ्रांस दुष्प्रचार फैलाने वालों पर यूरोपीय संघ के व्यापक स्तर पर प्रतिबंधों का प्रस्ताव रखेगा.

 

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