भारतीय मूल के रंगभेद विरोधी कार्यकर्ता की याद में चंदा कोष शुरू
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भारतीय मूल के रंगभेद विरोधी कार्यकर्ता की याद में चंदा कोष शुरू

अदालत ने कहा है कि तब 29 वर्ष के रहे तिमोल की मध्य जोहान्सबर्ग के कुख्यात जॉन वोर्स्टर स्क्वायर थाने में हिरासत के दौरान हत्या की गई थी. 

 दक्षिण अफ्रीका के नेल्सन मंडेला रंगभेद के खिलाफ पूरा जीवन लड़ते रहें : (फाइल फोटो  )

जोहान्सबर्ग: दक्षिण अफ्रीका में भारतीय मूल के रंगभेद विरोधी कार्यकर्ता अहमद तिमोल की याद में चंदा इकट्ठा करने का कार्यक्रम शुरू किया गया है. 46 साल पहले उनकी हत्या कर दी गई थी. परमार्थ संगठन औकाफ दक्षिण अफ्रीका ने कोष स्थापित करने का ऐलान किया है. यह निर्णय पिछले शुक्रवार हाई कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के मद्देनजर किया गया है. अदालत ने कहा है कि तब 29 वर्ष के रहे तिमोल की मध्य जोहान्सबर्ग के कुख्यात जॉन वोर्स्टर स्क्वायर थाने में हिरासत के दौरान हत्या की गई थी.

  1. रंगभेद विरोधी कार्यकर्ता अहमद तिमोल की याद में चंदा इकट्ठा करने का कार्यक्रम शुरू किया गया है.
  2. अहमद तिमोल की 46 साल पहले उनकी हत्या कर दी गई थी.
  3. अहमद तिमोल बचपन से निडर थे 

रंगभेद काल की सुरक्षा पुलिस ने तब दावा किया था कि तिमोल ने पूछताछ के दौरान इमारत की खिड़की से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली है.औकाफ साउथ अफ्रीका अहमद तिमोल एन्डाउमन्ट फंड का ऐलान करते हुए औकाफ दक्षिण अफ्रीका के प्रमुख हारून काल्ला ने कहा कि यह संघर्ष के नायक को उचित श्रद्धांजलि है.

उन्होंने कहा कि वह निडर युवा थे उन्होंने कुर्बानी दी ताकि अन्य लोग संवैधानिक आजादी की रोशनी में अपनी जिंदगी बिता सकें. हारून ने कहा कि राजनीतिक और विकास अध्ययन में शामिल युवा इस कोष के लाभार्थी होंगे.

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