कहा जाता है दुनिया का सबसे कट्टर मुस्लिम देश, इमेज बदलने को रेव पार्टी करने को हुआ मजबूर
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कहा जाता है दुनिया का सबसे कट्टर मुस्लिम देश, इमेज बदलने को रेव पार्टी करने को हुआ मजबूर

सऊदी अरब अब धार्मिक कट्टरवाद को पीछे छोड़कर दुनिया के साथ कदमताल करना चाह रहा है. हाल ही में म्यूजिक फेस्टिवल और रेव पार्टी का आयोजन इसका उदाहरण हैं. इस पार्टी में बड़ी संख्या में पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं ने भी भाग लिया.

म्यूजिक फेस्टिवल में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए.

रियाद: दुनिया का सबसे कट्टर मुस्लिम देश (Muslim Country) समझा जाने वाला सऊदी अरब (Saudi Arabia) बदल रहा है. बीते कुछ वक्त में यहां काफी कुछ ऐसा देखने को मिला है, जो दर्शाता है कि कट्टर सोच को पीछे छोड़कर सऊदी अब दुनिया के साथ कदमताल करना चाहता है. इसका सबसे ताजा उदाहरण रेव पार्टी (Rave Party) और म्यूजिक फेस्टिवल का आयोजन है, जिसमें पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं ने भी वेस्टर्न लिबास में भाग लिया. पार्टी में शामिल लोग म्यूजिक की धुन पर ऐसे थिरके जैसे वो सऊदी में नहीं बल्कि अमेरिका में हों. हालांकि, इस दौरान भी उन्हें धार्मिक मान्यताओं को सम्मान देना याद रहा. कुछ देर के लिए म्यूजिक बंद हुआ और उन्होंने इस्लामिक इबादत की, इसके बाद फिर पूरा इलाका तेज संगीत के शोर में गूंजने लगा.

  1. वीकएंड पर आयोजित हुआ म्यूजिक फेस्टिवल 
  2. लोगों ने बढ़चढ़ कर लिया फेस्टिवल में हिस्सा
  3. कुछ वक्त पहले तक नहीं थी इसकी इजाजत

Crown Prince ने किए कई बदलाव

‘द ब्‍लूमबर्ग’ की रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब (Saudi Arabia) में वीकएंड पर आयोजित इलेक्ट्रनिक म्यूजिक फेस्टिवल (Electronic Music Festival)  से पता चलता है कि अपने विवादास्पद क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (Crown Prince Mohammed bin Salman) के राज में ये मुल्क रूढ़िवादी साम्राज्य से बाहर निकल रहा है. कुछ वक्त पहले क्राउन प्रिंस ने महिलाओं के ड्राइविंग करने पर लगी रोक हटा दी थी, लिंग के आधार पर होने वाले भेदभाव को कम करने की दिशा में काम शुरू किया था और सड़कों पर घूम-घूम पर म्यूजिक बजाने वालों को दंडित करने वाली धार्मिक पुलिस के अधिकार कम कर दिए थे.

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ओपनिंग नाइट में ही 180,000 से अधिक पहुंचे

इस MLD बीस्ट साउंडस्टॉर्म नामक चार दिवसीय म्यूजिक फेस्टिवल को सरकार का समर्थन प्राप्त था और इसमें टिएस्टो और आर्मिन वैन बुरेन जैसे विख्यात डीजे शामिल थे. आयोजकों का कहना है कि ओपनिंग नाइट में ही 180,000 से अधिक लोग इसका गवाह बने. इस इवेंट का हिस्सा बने शाही परिवार के सदस्य और उद्यमी प्रिंस फहद अल सऊद ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, ‘हमें आगे बढ़ने दें, हमें खुद को उस अंदाज में पेश करने दें, जिसमें हम फिट महसूस करते हैं’. 

तेल पर निर्भरता कम करने की कवायद

वास्तव में, यह फेस्टिवल एक रोमांचक महीने का हिस्सा था, जिसमें सऊदी अरब ने फॉर्मूला वन रेस, Art Biennials और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन (French President Emmanuel Macron) की यात्रा की मेजबानी की थी. यह सब दर्शाता है कि ये इस्लामिक धीरे-धीरे अपनी कट्टर सीमाओं को पीछे धकेल रहा है. दरअसल, क्राउन प्रिंस तेल पर निर्भरता छोड़कर सऊदी अरब को दूसरे क्षेत्रों में भी मजबूत करना चाहते हैं, उदाहरण के तौर पर मनोरंजन और पर्यटन. इसलिए वो अपने मुल्क का कट्टरवादी चेहरा बदलने में लगे हैं.  

वेस्टर्न ऑउटफिट में थिरकतीं रहीं Women

रेगिस्तान पर आयोजित इस म्यूजिक फेस्टिवल को देखकर लग ही नहीं रहा था कि यह सबकुछ सऊदी अरब में हो रहा है. डीजे की धुन पर वेस्टर्न ऑउटफिट में थिरकतीं महिलाएं मुल्क का एक अलग ही रूप दिखा रहा था. जबकि इस्लामिक मुल्कों में महिलाओं के लिए इस तरह का प्रदर्शन गुनाह समझा जाता है. कुछ सालों पहले तक सऊदी अरब में भी महिलाएं केवल पर्दे के पीछे तक ही सीमित थीं, लेकिन अब यहां की फिजा बदल रही है. धार्मिक कट्टरवाद और रूसिवादी सोच को ये मुस्लिम मुल्क पीछे छोड़ रहा है. 

 

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