Bangladesh: क्या बांग्लादेश में जल्द चुनाव होना मुश्किल? मुहम्मद यूनुस के बयान के बाद उठे सवाल
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Bangladesh: क्या बांग्लादेश में जल्द चुनाव होना मुश्किल? मुहम्मद यूनुस के बयान के बाद उठे सवाल

Bangladesh Crisis: प्रोफेसर यूनुस ने  कहा, ‘शेख हसीना की तानाशाही ने देश की हर संस्था को नष्ट कर दिया. न्यायपालिका को तोड़ दिया गया और लोकतांत्रिक अधिकारों को डेढ़ दशक तक क्रूर दमन के माध्यम से दबा दिया गया.’

Bangladesh:  क्या बांग्लादेश में जल्द चुनाव होना मुश्किल?  मुहम्मद यूनुस के बयान के बाद उठे सवाल

Bangladesh News:   बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने रविवार को चुनाव कराने का वादा किया, लेकिन कहा कि "स्वतंत्र, निष्पक्ष और भागीदारीपूर्ण" चुनाव तभी हो सकते हैं जब अंतरिम सरकार "महत्वपूर्ण सुधार" करने के लिए अपना ‘जनादेश’ पूरा कर ले.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक ढाका में तैनात राजनयिकों के साथ अपनी पहली बातचीत में प्रोफेसर यूनुस ने कहा कि चुनाव आयोग, न्यायपालिका, नागरिक प्रशासन, सुरक्षा बलों और मीडिया में सुधार की जरूरत है.

प्रोफेसर यूनुस ने राजनयिकों से कहा, ‘शेख हसीना की तानाशाही ने देश की हर संस्था को नष्ट कर दिया. न्यायपालिका को तोड़ दिया गया और लोकतांत्रिक अधिकारों को डेढ़ दशक तक क्रूर दमन के माध्यम से दबा दिया गया.’

"करने योग्य कामों की सूची" में एक लंबी प्रक्रिया शामिल है, जो समय से पहले चुनाव और निर्वाचित सरकार के गठन की संभावना के बारे में अनिश्चितता पैदा करती है.

हमें सफल होना ही होगा
प्रोफेसर यूनुस ने कहा, "क्रांतिकारी छात्र चाहते हैं कि हम सार्थक और गहन सुधार करें, जिससे देश एक वास्तविक और संपन्न लोकतंत्र में बदल जाए. यह कार्य बहुत बड़ा है, लेकिन सभी लोगों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के समर्थन से संभव है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘हमें सफल होना ही होगा. हमारे पास कोई और विकल्प नहीं है.’

उनकी यह टिप्पणी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा मानवाधिकारों द्वारा निर्देशित ‘समावेशी और सहभागी’ प्रक्रिया के माध्यम से "लोकतांत्रिक व्यवस्था और कानून के शासन को बहाल करने" के लिए कदम उठाने की अपील के बीच आई है.

युवा पीढ़ी ने नहीं किया मताधिकार का इस्तेमाल
यूनुस ने कहा कि पिछले चुनावों में खुलेआम धांधली की गई थी और युवा पीढ़ी अपने मताधिकार का प्रयोग किए बिना ही बड़ी हो गई थी. यूनुस ने कहा, ‘बैंकों को पूरी तरह से राजनीतिक संरक्षण के साथ लूटा गया और सत्ता का दुरुपयोग करके सरकारी खजाने को लूटा गया.’ उन्होंने कहा कि वे राष्ट्रीय मेलमिलाप को बढ़ावा देने के लिए भी ईमानदारी से प्रयास करेंगे.

इस अवसर पर बांग्लादेश में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के प्रतिनिधियों सहित 50 से अधिक राजनयिक उपस्थित थे.

यूनुस ने कहा कि अंतरिम सरकार को गरीबी मुक्त और समृद्ध नए बांग्लादेश के निर्माण के लिए अवसर पैदा करने होंगे. यूनुस ने कहा, ‘हमें विश्वास है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हमारे सभी मित्र और साझेदार हमारी सरकार और लोगों के साथ खड़े रहेंगे, क्योंकि हम एक नए लोकतांत्रिक भविष्य की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं.’

 

अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों सहित अधिकारों के उल्लंघन को लेकर बांग्लादेश और विदेशों में आलोचना का जवाब देते हुए, मुख्य सलाहकार ने कहा, ‘हमारी सरकार सभी धार्मिक और जातीय समूहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.’ उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में हुए सामूहिक विद्रोह के दौरान हुई सभी हत्याओं और हिंसा के लिए न्याय और जवाबदेही सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता है.

यूनुस ने कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क से बात की है. उन्होंने कहा, ‘हम नरसंहार की निष्पक्ष और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्वसनीय जांच चाहते हैं और उसके बाद उचित न्यायिक प्रक्रिया चाहते हैं. हम संयुक्त राष्ट्र जांचकर्ताओं को जो भी सहायता चाहिए, वह प्रदान करेंगे.’

मुख्य सलाहकार ने कहा कि बांग्लादेश अपनी विशाल रोहिंग्या शरणार्थी आबादी और अपने महत्वपूर्ण परिधान व्यापार दोनों के लिए समर्थन जारी रखेगा. यूनुस ने कहा कि वे व्यापक आर्थिक स्थिरता और सतत विकास को बहाल करने के लिए मजबूत और दूरगामी आर्थिक सुधार करेंगे, जिसमें सुशासन और भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन से निपटने को प्राथमिकता दी जाएगी.

File Photo courtesy- Reuters

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