Beirut blast के बाद लेबनान की आधी आबादी पर खाद्य संकट का खतरा: UN
Advertisement

Beirut blast के बाद लेबनान की आधी आबादी पर खाद्य संकट का खतरा: UN

संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी ने रविवार को कहा है कि बेरूत विस्‍फोटों के बाद लेबनान (Lebanon) की आधे से अधिक आबादी को खाद्य संकट का सामना करना पड़ सकता है.

Beirut blast के बाद लेबनान की आधी आबादी पर खाद्य संकट का खतरा: UN

नई दिल्‍ली: संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी ने रविवार को कहा है कि बेरूत विस्‍फोटों के बाद लेबनान (Lebanon) की आधे से अधिक आबादी को खाद्य संकट का सामना करना पड़ सकता है. इकोनॉमिक एंड सोशल कमीशन फॉर वेस्‍टर्न एशिया (ESCWA) ने कहा, 'साल के अंत तक देश की आधी से अधिक आबादी अपनी बुनियादी खाद्य जरूरतों को पूरा कर पाएगी, इसे लेकर आशंका है.'

  1. लेबनानियों पर खाद्य संकट 
  2. बेरूत विस्‍फोट के बाद हालात खराब 
  3. यूएन ने कहा खाद्य संकट रोकने तत्‍काल उपाय जरूरी 

ईएसडब्ल्यूडब्ल्यूए की कार्यकारी सचिव रोला दशती ने कहा, 'इस खाद्य संकट को रोकने के लिए तत्काल उपाय किए जाने चाहिए.' उनके अनुसार, लेबनान सरकार को देश के सबसे बड़े अनाज भंडारण केन्‍द्र बेरूत बंदरगाह पर साइलोस के पुनर्निर्माण को प्राथमिकता देनी चाहिए.

बता दें कि लेबनान पहले से ही सबसे बड़े आर्थिक संकट को झेल रहा था, उस पर बेरूत बंदरगाह पर हुए भीषण विस्‍फोट (Beirut blast) इसके लिए बड़ा झटका साबित हुए हैं. इन विस्‍फोटों में 190 लोग मारे गए और हजारों लोग घायल हुए. यह देश खासे कर्ज में है. एक और गरीबी दर बढ़ रही है, दूसरी ओर कोविड-19 के मामलों में भी वृद्धि हो रही है. 

ये भी पढ़ें: नहीं दे पा रहे EMI, बिल्‍कुल न लें टेंशन, ऐसे दूर करेगी परेशानी

ESCWA ने एक बयान में कहा, 'यहां औसत मुद्रास्फीति दर 2020 में 50 प्रतिशत से अधिक रहने की उम्मीद है, जबकि 2019 में यह 2.9 प्रतिशत थी.'  सहायता एजेंसियों और विशेषज्ञों के अनुसार, लेबनान अपनी खाद्य जरूरतों के 85 प्रतिशत तक आयात पर निर्भर करता है. बेरूत बंदरगाह पर साइलो के विनाश के बाद तो स्थिति खतरनाक तौर पर बिगड़ सकती है.

ESCWA ने कहा कि खाद्य आयात करने से कीमतों में और वृद्धि हो सकती है. रोला दशती ने कहा कि संकट को रोकने के लिए, अधिकारियों को खाद्य कीमतों की अधिकतम सीमा निर्धारित करनी चाहिए और ग्राहकों को स्थानीय उत्पादकों से सीधे माल खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए.

उन्‍होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया है कि वे शरणार्थियों और यहां रह रहे बाहर के लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों का विस्तार करें. 

इस महीने की शुरुआत में भी ESCWA ने कहा था कि 55 प्रतिशत से अधिक लेबनानी 'गरीबी में फंसे हुए हैं और बुनियादी आवश्यकताओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं.' 

 

Trending news