Israel-Hamas War News: पिछले सप्ताह हमास एक आश्चर्यजनक आतंकवादी हमले के बाद से लगभग 1,200 इजरायली मारे गए हैं. इजरायल ने इसका जवाब गाजा पर भारी गोलाबारी से दिया . हालांकि दो और दुश्मनों से भी इजरायली सेना को मुकाबला करना पड़ रहा है.
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World News in Hindi: इजरायल ने हमास के हमले के जवाब में ज़मीनी हमले को तेज़ करने की कसम खाई है, लेकिन देश की सेना पर दो अन्य मोर्चों - लेबनान और सीरिया - से भी हमला हो रहा है. जानते हैं इजरायल वर्तमान में किन-किन खतरों का सामना कर रहा है.
हमास
पिछले सप्ताह एक आश्चर्यजनक आतंकवादी हमले के बाद से लगभग 1,200 इजरायली मारे गए हैं. इजरायल ने इसका जवाब गाजा पर भारी गोलाबारी से दिया था. इजरायल पर हमले हमास द्वारा किए गए थे, जो 2007 से गाजा पट्टी पर शासन कर रहा है.
हमास इजरायल राज्य को मान्यता देने से इनकार करता है और इसके साथ कई दौर के संघर्ष में शामिल रहा है. इन संघर्षों में हमास द्वारा गाजा से इजरायल में रॉकेट हमले करना, उसके बाद इजरायली हवाई हमले और गाजा पर बमबारी शामिल है.
हमास ग्रुप एक क्षेत्रीय गठबंधन का हिस्सा है जिसमें ईरान, सीरिया और लेबनान में शिया इस्लामी समूह हिजबुल्लाह शामिल हैं, जो मध्य पूर्व और इजरायल में अमेरिकी नीति का व्यापक रूप से विरोध करते हैं.
लेबनान
हमास द्वारा इजरायल पर हमला करने के कुछ ही दिनों बाद, लेबनान के हिजबुल्लाह ने फिलिस्तीनी लोगों के साथ 'एकजुटता' व्यक्त करने के लिए एक इजरायली टैंक पर एक मिसाइल दागी. इजरायल ने ईरान समर्थित ग्रुप से संबंधित एक ऑबजर्वेशन पोस्ट पर हमला करके जवाब दिया.
यह हिंसा हिज़्बुल्लाह और इजरायल के बीच 2006 के संघर्ष के बाद से लेबनानी-इजरायली सीमा पर सबसे गंभीर वृद्धि को दर्शाती है.
हिजबुल्लाह की स्थापना 1982 में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स द्वारा अपनी इस्लामी क्रांति को निर्यात करने और लेबनान पर आक्रमण करने वाली इजरायली सेना से लड़ने के लिए की गई थी.
ग्रुप ने दावा किया है कि 'इजरायल हमारे हथियारों के भंडार के आकार की कल्पना भी नहीं कर सकता है.'
सीरिया
इज़राइल की सेना सीरिया की तरफ से हुए से तोपखाने के हमले का जवाब देन में लगी है, जिससे युद्ध में एक और मोर्चा खुलने की आशंका पैदा हो गई है.
इजरायली सेना ने एक बयान में कहा, 'सैनिक सीरिया की ओर तोपखाने और मोर्टार के गोले से जवाब दे रहे हैं.'
सेना ने कहा कि 'सीरिया से इजरायली क्षेत्र में कई प्रक्षेपण किए गए.'
1967 के छह दिवसीय युद्ध में इजरायल द्वारा गोलान हाइट्स पर कब्जा करने के बाद से दोनों देशों के बीच विवाद चल रहा है. 1981 में इस रणनीतिक क्षेत्र पर कब्जे को संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता नहीं दी गई.
हिंसा का मौजूदा दौर बमुश्किल शुरू हुआ है, लेकिन यह दशकों में सबसे खूनी हो सकता है - शायद 1980 के दशक के दौरान लेबनान में इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच युद्ध के बाद से.