वित्तीय मदद रोकने की घोषणा के बाद अमेरिका ने बुधवार को पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान आदिवासी क्षेत्र में ड्रोन से हमले किए.
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इस्लामाबाद: वित्तीय मदद रोकने की घोषणा के बाद अमेरिका ने बुधवार को पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान आदिवासी क्षेत्र में ड्रोन से हमले किए. इस हमले में हक्कानी नेटवर्क के एक कमांडर और इसी आतंकी संगठन के दो अन्य सदस्य मारे गए हैं. डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी जासूसी विमान ने अफगानिस्तान-पाकिस्तान बॉर्डर इलाके में स्थित स्पीन थाल क्षेत्र में एक मकान पर ड्रोन से दो मिसाइल दागे गए. हमले में हक्कानी नेटवर्क का कमांडर अहसान उर्फ खवारी और उसके दो साथी मारे गए. इस हमले के बाद पाकिस्तान ने एतराज जताया है और इसे संप्रभूता के खिलाफ बताया है. पाकिस्तान के कबायली इलाके में इस साल अमेरिका का यह दूसरा हमला है. इससे पहले 17 जनवरी को बादशाह कोट इलाके में अमेरिकी ड्रोन हमले में खुर्रम एजेंसी का एक शख्स गंभीर रूप से घायल हो गया था.
तड़के हमले से दहशत में स्थानीय लोग
स्थानीय सूत्रों ने बताया कि हमला हक्कानी नेटवर्क के अड्डे पर किया गया. एक पुलिस अधिकारी ने हक्कानी नेटवर्क के कमांडर एहसान ऊर्फ खवारी और उसके दो सहयोगियों की मौत की पुष्टि की है. बताया जा रहा है कि टोही विमान हमला करने से पहले ओरकजई और उसके आस-पास के इलाके समेत खुर्रम और हांगु जिले के कबायली इलाकों के वायुक्षेत्र में काफी नीचे उड़ान भर रहा था. बुधवार तड़के इस हमले के बाद स्थानीय निवासियों में दशहत पैदा हो गई. इस साल पाकिस्तान के कबायली इलाके में अमेरिका ने दूसरी बार हमला किया है. इससे पहले 17 जनवरी के हमले में खुर्रम एजेंसी के बादशाह कोट क्षेत्र में एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया था.
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रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को स्पीन थाल इलाके में एक मकान पर ड्रोन से दो मिसाइल दागे गए. इस हमले में हक्कानी नेटवर्क का कमांडर अहसान उर्फ खवारी और उसके दो साथी मारे गए. ओरकजाई एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, हक्कानी नेटवर्क के ठिकानों पर हमले किए गए. इससे पहले 17 जनवरी को इस साल के पहले ड्रोन हमले में खुर्रम एजेंसी के बादशाह कोट इलाके में एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया था.
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ऐसे ही हमले में मारा गया था अख्तर मंसूर
मालूम हो कि पिछले साल अगस्त में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई अफगान नीति के बाद खुर्रम एजेंसी में ड्रोन हमलों में तेजी आई है. इस नीति में पाकिस्तान पर आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाह देने का आरोप भी लगाया गया है. गौरतलब है कि 2016 में ऐसे हमले में तालिबान का शीर्ष आतंकी मुल्ला अख्तर मंसूर मार गया था.
ट्रंप ने कहा था झूठा और धोखेबाज देश है पाकिस्तान
नए साल के मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ट्वीट में साफ लिखा था, 'अमेरिका मूर्खों की तरह पाकिस्तान को 15 सालों से सैन्य सहायता देता आ रहा है, लेकिन इसके जवाब में उसे वापस धोखा और झूठ मिला है. 15 साल से अब तक अमेरिका ने पाकिस्तान को 33 बिलियन डॉलर की सहायता राशि प्रदान की है लेकिन हर बार हमें मूर्ख बनाया गया है. पाकिस्तान हमेशा से आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है.'
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ट्रंप के इस ट्वीट के बाद व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में प्रवक्ता सारा सैंडर्स ने कहा था, राष्ट्रपति ने बिल्कुल सही कहा. पाकिस्तान ने 15 साल में आतंकवाद से लड़ने के नाम पर अमेरिका से 33 अरब डॉलर (दो लाख दस हजार करोड़ रुपये) लिये. लेकिन वास्तव में उसने आतंकियों को पाला-पोसा और पनाह दी. इन्हीं आतंकियों से अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों को लड़ना पड़ा. इससे पाकिस्तान का झूठा और धोखेबाज चरित्र सामने आया.