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लंदन: कोरोना वायरस (Coronavirus) की पहचान वैसे तो उसके लक्षणों से हो जाती है, लेकिन किसी व्यक्ति के नाखून (Nails) देखकर भी पता लगाया जा सकता है कि उसे संक्रमण हुआ था या नहीं. किंग्स कॉलेज लंदन के महामारी विशेषज्ञ प्रोफेसर टिम स्पेक्टर (Tim Spector) का कहना है कि कोरोना से रिकवर होने वालों के नाखून अजीब तरह से बढ़ते हैं, इनमें एक स्पष्ट लकीर देखी जा सकती है. इसे COVID नेल्स कहा जाता है. हालांकि, केवल COVID ही नहीं हाथ और नाखून दूसरी गंभीर बीमारियों का भी संकेत देते हैं.
‘द सन’ ने डॉक्टरों के हवाले से बताया है कि यदि आपकी हथेली पर लाल और बैंगनी रंग की गांठ या धब्बे बन गए हैं, तो इसे स्किन प्रॉब्लम समझकर नजरंदाज न करें. ये दिल से जुड़ी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकते हैं. डॉ अमुथन के मुताबिक, लाल या बैंगनी रंग की गांठ या धब्बे एंडोकार्टिटिस नामक हार्ट इन्फेक्शन हो सकता है. एंडोकार्डिटिस दिल के वाल्व और लाइनिंग का संक्रमण होता है, जिसका इलाज एंटीबायोटिक दवाओं के साथ किया जाता है.
रिपोर्ट के मुताबिक, यदि आपकी पकड़ कमजोर हो रही है, जैसे की जार खोलने में परेशानी, किसी वस्तु को पकड़ने में दिक्कत आदि, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. यह रूमेटाइड अर्थराइटिस (गठिया) के साथ-साथ अल्जाइमर का भी संकेत हो सकता है. डकोटा विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने पाया कि Grip Strength में हर 5 किलो की कमी से संज्ञानात्मक (Cognitive) क्षमता में गिरावट का खतरा 18 प्रतिशत बढ़ जाता है.
यदि आपको अपने नाखूनों के नीचे कोई काली रेखा नजर आती है, तो इसे हल्के में लेने की भूल न करें. इसकी जांच करवाना बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये मेलानोमा का संकेत हो सकता है, जो कि सबसे घातक त्वचा कैंसर है. इसके अलावा, काली रेखा गांठ और एचआईवी का लक्षण भी हो सकती है. हालांकि, ये रेखाएं कुछ दवाओं के कारण भी हो सकती हैं, जिनमें कीमोथेरेपी, बीटा ब्लॉकर्स और मलेरिया-रोधी दवाएं शामिल हैं. डॉ अमुथन ने कहा कि Melanonychia नाखून का भूरा-काला रंग है, जो लाइन या बैंड के रूप में हो सकता है.
हाथों पर पपड़ीदार लाल धब्बे Eczema को जन्म दे सकते हैं. डॉ अमुथन के अनुसार, आपके हाथ पर छोटे छाले पॉम्फॉलीक्स एक्जिमा की तरफ इशारा करते हैं. इसमें शुरुआत में जलन और खुजली होती है. इसके बाद हाथों पर पपड़ी वाले लाल धब्बे बनने लगते हैं. इसलिए ये जरूरी है कि शुरुआती अवस्था में ही डॉक्टर से संपर्क किया जाए, ताकि इन्हें बड़ा रूप लेने से रोका जा सके.
यदि आपके हाथों या पैर की उंगलियां पूरी तरह से सफेद और सुन्न हो जाती हैं, तो यह Raynaud syndrome हो सकता है. डॉक्टर अमुथन ने बताया कि ठंडा तापमान या भावनात्मक तनाव इस सिंड्रोम को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं. Vasospasm की वजह से आपकी उंगलियों का रंग सफेद, नीला या लाल भी हो सकता है. कुछ मामलों में यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि ऐसा किस वजह से हो रहा है. ये जल्द भी ठीक हो सकता है और इसमें काफी समय भी लग सकता है.
ट्रिगर फिंगर आमतौर पर गठिया का संकेत है. यह एक ऐसी अवस्था होती है, जिसमें किसी व्यक्ति को उंगली मोड़ने में दर्द का अनुभव होता है. ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है. डॉ अमुथन के अनुसार, यह रूमेटाइड अर्थराइटिस (गठिया) के साथ-साथ मधुमेह की वजह भी बन सकती है. इसलिए इसे बिल्कुल भी नजरंदाज नहीं किया जाना चाहिए.
क्लब नेल्स लंग कैंसर का संकेत देते हैं. ऐसा नेल प्लेट के नीचे ऊतकों के मोटा होने की वजह से होता है. क्लब नेल्स की अवस्था में उंगली और नेल प्लेट के बीच एक गैप दिखाई देने लगता है. इसके साथ ही नाखून सामान्य से अधिक घुमावदार दिखाई देंगे और उंगलियां बड़ी दिखाई दे सकती हैं. Club Nails को अक्सर फेफड़ों के कैंसर और अन्य लंग कंडीशन जैसे कि Bronchiectasis, Lung abscesses, Emphysema और Pulmonary और Cystic Fibrosis से जोड़कर देखा जाता है.
यदि आपको अपने नाखून चबाने की आदत है, तो इसका अर्थ है कि आप तनाव या चिंता से ग्रस्त हैं. एरिजोना में टेम्पल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि इस तरह के व्यवहार का सीधा संबंध Stress या Anxiety से हो सकता है. डॉ अमुथन ने कहा कि नेल बाइटिंग को चिकित्सकीय रूप से ओन्कोफैगिया के रूप में जाना जाता है, जो तनाव का संकेत है. यह Obsessive-Compulsive Disorder (OCD) और अन्य Psychiatric Disorders से भी जुड़ा हो सकता है.