भारत और चीन LAC विवाद पर तुरंत समाधान के लिए सहमत, MEA ने जारी किया बयान
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भारत और चीन LAC विवाद पर तुरंत समाधान के लिए सहमत, MEA ने जारी किया बयान

भारत (India) और चीन (China) ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण (LAC) की सीमा  पर चल रहे गतिरोध के समाधान के लिए "शुरुआती प्रस्ताव" पर सहमति व्यक्त की है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: भारत (India) और चीन (China) ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण (LAC) की सीमा पर चल रहे गतिरोध के समाधान के लिए "शुरुआती प्रस्ताव" पर सहमति व्यक्त की है. भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने गुरुवार को यह बात कही.

  1. विदेश मंत्रालय ने साझा की जानकारी
  2. कहा, दोनों देश शीघ्र समाधान के लिए सहमत 
  3. सैन्‍य और राजनयिक स्‍तर पर चल रही है वार्ता 

साप्ताहिक एमईए प्रेस वार्ता में प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, "इस पर सहमति व्यक्त की गई है कि स्थिति का एक प्रारंभिक समाधान नेताओं के मार्गदर्शन को ध्यान में रखते हुए होगा."

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उन्होंने आगे कहा, "दोनों पक्ष अपनी सैन्य और राजनयिक एंगेजमेंट्स को बनाए रखने के लिए सीमा क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने के लिए जल्द से जल्द स्थिति का समाधान करें. यह भारतीय-चीन द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए आवश्यक है."

दोनों पक्षों ने LAC पर गतिरोध को लेकर सैन्य और राजनयिक स्तर पर चर्चा की है.  मिलिट्रीज के स्तर पर बात करें तो भारत और चीन के कोर कमांडर 6 जून को चुशुल-मोल्दो क्षेत्र में मिले और 10 जून को फिर से गालवान में मेजर जनरल स्तर पर वार्ता हुई. वैसे इस मामले में डिवीजनल और ब्रिगेड कमांडर स्तर पर अधिक बातचीत होने की उम्मीद है.

वहीं मंगलवार को दिल्ली के सूत्रों ने पुष्टि की थी कि चीनी सैनिक 3 बिंदुओं पर विस्थापित हो गए हैं और 2.5 किलोमीटर पीछे चले गए हैं. ये क्षेत्र गालवान एरिया, पैट्रोलिंग पॉइंट 15 और हॉट स्प्रिंग्स एरिया हैं. पारस्परिकता के रूप में भारतीय सेना भी वापस चली गई है लेकिन पैंगोंग त्सो में डी-एस्केलेशन का मुद्दा बना हुआ है. 

चीन ने पहले ही ताजा घटनाक्रमों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि दोनों पक्ष सीमा रेखा पर "सकारात्मक सहमति" पर पहुंच गए हैं.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, "हाल ही में चीन और भारत ने पश्चिमी चीन-भारत सीमा की प्रासंगिक स्थिति को हल करने के लिए राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से प्रभावी संवाद किया और वे सकारात्मक सहमति पर पहुंच गए हैं."

बता दें कि 2017 के डोकलाम संकट के बाद भारतीय पीएम मोदी (PM Modi) और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) दोनों ने ही दो अनौपचारिक शिखर सम्मेलनों में दोनों संबंधित मंत्रालयों को "रणनीतिक मार्गदर्शन" दिया था. यह दो सम्‍मेलन 2018 में वुहान में हुआ अनौपचारिक शिखर सम्मेलन और चेन्नई 2019 का शिखर सम्मेलन हैं. 

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