चीन इसलिए भी तमतमाया है क्योंकि कोरोना काल में चीन की चालबाजियों को देखकर कई देश अपनी कंपनियों को चीन से हटा रहे हैं.
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नई दिल्ली: चीन सीमा पर भारत के साथ तनाव बढ़ा रहा है. कोरोना (Corona) काल में जब सारी दुनिया कोरोना से निपटने की तैयारी कर रही है तो चीन इस तरह की उकसावे की कार्रवाई के जरिए क्या हासिल करना चाहता है? सच्चाई ये है कि चीन भारत के साथ तनाव बढ़ाकर एक साथ कई लक्ष्य हासिल करने की तैयारी कर रहा है. चीन कोरोना से दुनिया का ध्यान तो हटाना ही चाहता है. साथ ही भारत के साथ विवाद बढ़ाने की एक वजह दुनिया की नजरों में भारत का उंचा होता कद भी है. जिसकी वजह से अमेरिका समेत तमाम बड़े देश भारत को आर्थिक और रणनीतिक समर्थन दे रहे हैं.
इसे ड्रैगन की ताकत दिखाने की सनक कहें. या फिर विस्तारवादी नीति. अपने सभी पड़ोसियों के साथ चीन का सीमा विवाद चल रहा है. छोटे देशों को चीन हमेशा आंख दिखाता है लेकिन भारत को आंख दिखाना चीन को भारी पड़ जाएगा. लेकिन फिर भी इस वक्त अगर चीन भारत के साथ विवाद बढ़ा रहा है तो इसकी कई वजहें हैं.
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दरअसल, चीन इस वक्त कोरोना की वजह से दुनिया के निशाने पर है. सारी दुनिया चीन से जवाब मांग रही है. अमेरिका और भारत जैसे देशों से विवाद करके चीन दुनिया का ध्यान बंटाना चाहता है. चीन इसलिए भी तमतमाया है क्योंकि कोरोना काल में चीन की चालबाजियों को देखकर कई देश अपनी कंपनियों को चीन से हटा रहे हैं. ये कंपनियां भारत समेत जिन देशों का रुख कर रही है चीन उनसे विवाद कर रहा है. तीसरी वजह चीन की विस्तारवादी नीति है जिसमें दूसरे देशों की जमीन हड़पने की कोशिश में वो हमेशा लगा रहता है.
भारत से क्यों तनाव बढ़ा रहा है चीन?
रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो चीन की नीति है पहले किसी जगह पर अपना दावा करना. फिर धीरे-धीरे उस जगह पर खुद को मजबूत करना, फिर वहां पर अपना कब्जा कर लेना. चीन की कम्यूनिस्ट सरकार के दबाव में वहां की मीडिया भी सरकार के भोंपू की तरह ही काम करती है. अगर चीन की मीडिया जोर-शोर से भारत के साथ विवाद के मुद्दे को उठा रही है तो इसके पीछे भी चीन की सरकार की शह होगी.
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भारत ही क्यों चीन हर उस देश के खिलाफ मुहिम छेड़ रहा है जिसकी सीमाएं उससे लगती हैं. जिससे उसके आर्थिक हितों को खतरा है. दक्षिण चीन सागर में भी चीन की विस्तारवादी नीति का असर बार-बार नजर आता है.
दक्षिण चीन सागर में चीन की दादागीरी!
- चीन के पोत ने टक्कर मारकर वियतनाम की नौका डुबो दी
- फिलीपींस की दावेदारी वाले टापू पर अपने रिसर्च सेंटर खोल दिए
- चीन ने यहां अपने सैन्य ठिकाने और एयरबेस बना लिए
- दक्षिण चीन सागर में दो नए जिले गठित कर दिए
- इंटरनेशनल लॉ के मुताबिक यहां किसी देश का अधिकार नहीं
चीन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बढ़ते याराने से भी परेशान है. क्योंकि इस दोस्ती के बढ़ने के साथ ही ट्रंप चीन के खिलाफ एक बड़ी मुहिम भी चला रहे हैं. चाहे कोरोना हो या फिर दक्षिण चीन सागर अमेरिका चीन की हर गुस्ताखी की सजा देने के लिए बेकरार है. ऐसे में अमेरिका भारत के साथ मिलिट्री सहयोग भी बढ़ा रहा है. अमेरिका और भारत का ये गठबंधन भी चीन को परेशान कर रहा है.
लेकिन ये भी एक बहुत बड़ी सच्चाई है कि चीन और भारत की सीमा दुनिया में सबसे लंबी विवादित लेकिन शांत सीमा है. जिसमें 1975 के बाद से कभी गोलियां नहीं चली हैं. दोनों देशों ने हमेशा आपसी बातचीत से मामले को हल किया है. लेकिन चीन ने कोरोना काल में पूरी दुनिया से दुश्मनी पाल ली है. छोटे देशों से निपटना चीन के लिए आसान है लेकिन भारत को आंख दिखाना चीन को इतना भारी पड़ सकता है. जिसकी उसने उम्मीद नहीं की होगी.
ब्यूरो रिपोर्ट
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