Emerging Power India: कुछ वर्षों पहले तक पिछड़े देशों में गिना जाने वाला भारत अब दुनिया की प्रमुख वैश्विक शक्ति बनता जा रहा है. अगले कुछ महीनों में दुनिया के कई प्रभावशाली संगठनों की कमान मिलने जा रही हैं, जो उसकी शक्ति को कई गुना बढ़ा देंगी.
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India Global Power in World: पिछले कुछ सालों से मोदी सरकार की ओर से की जा रही कोशिशें अब रंग लाने लगी हैं. पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अब खुद को दुनिया की प्रमुख वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करता नजर आ रहा है. इस साल भारत को दुनिया के प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों की कमान मिलने जा रही है. साथ ही उसे दुनिया के सबसे धनी देशों के संगठन G-7 में शामिल करने पर भी चर्चा चल रही है. अगर ऐसा हुआ तो इस संगठन का नाम बदलकर G-8 हो जाएगा.
भारत को मिली SCO की कमान
शंघाई सहयोग संगठन यानी SCO की अध्यक्षता भारत के पास आ गई है और अगले साल सितंबर में इसका सम्मेलन भारत में होगा. इस संगठन में भारत के अलावा, रूस, चीन, पाकिस्तान और मध्य एशिया के 5 देश शामिल हैं. इस सम्मेलन का अध्यक्ष होने के नाते भारत इसमें आतंकवाद और विदेशी फंडिंग जैसे मुद्दों पर प्रस्ताव पारित करवाकर पाकिस्तान की नकेल कस सकेगा.
दिसंबर में मिल जाएगी G-20 की अध्यक्षता
वहीं दुनिया के विकसित और विकासशील देशों के प्रमुख संगठन G-20 की अध्यक्षता भी भारत को इस साल दिसंबर में मिल जाएगी. अगले साल इस प्रभावशाली संगठन का सम्मेलन भारत में होगा. इस संगठन में अमेरिका, रूस, चीन, भारत, इंडोनेशिया, ब्रिटेन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब समेत कई प्रभावशाली देश शामिल हैं.
सूत्रों के मुताबिक संगठन का अध्यक्ष होने के नाते भारत इस सम्मेलन में अपने मित्र देशों मिस्र, बांग्लादेश, मॉरीशस, नाइजीरिया, ओमान, नीदरलैंड, स्पेन, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात को गेस्ट कंट्री के तौर पर शामिल होने के लिए न्योता भेजेगा. ऐसा करके भारत एशिया, यूरोप, अफ्रीका में अपने प्रभाव का और विस्तार कर पाएगा. इससे भारत का असर दुनिया के हरेक हिस्से में दिखाई देगा.
UNSC में फिर निभाएगा लीडर की जिम्मेदारी
इस साल दिसंबर में दुनिया के सबसे शक्तिशाली संगठन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता करने का मौका मिलेगा. करीब एक महीने तक परिषद की कमान भारत के पास रहेगी. इस दौरान वह दुनिया के तमाम वैश्विक मुद्दों पर निर्णायक स्टैंड लेने की स्थिति में होगा और उन फैसलों का असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा. UNSC की अध्यक्षता के साथ ही भारत का परिषद में 2 वर्षीय अस्थाई सदस्यता का कार्यकाल भी खत्म हो जाएगा.
G-7 का स्थाई मेंबर बनाने की भी चर्चा
दुनिया में बढ़ रहे भारत के वैश्विक प्रभाव की केवल यही झलक नहीं है. उसे दुनिया के सबसे अमीर 7 देशों के संगठन G-7 में शामिल करने की चर्चा भी जोरों पर चल रही है. भारत पिछले महीने ब्रिटेन को पीछे छोड़कर दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है. पिछले दिनों जर्मनी में G-7 का सम्मेलन हुआ था, जिसमें होस्ट कंट्री ने भारत को गेस्ट कंट्री के रूप में आमंत्रित किया था. लेकिन अब भारत को इस संगठन को स्थाई सदस्य बनाने की चर्चा जोर पकड़ रही है. अगर ऐसा होता है तो संगठन का नाम बदलकर दोबारा से G-8 हो जाएगा. साथ ही भारत की वैश्विक शक्ति भी कई गुना ज्यादा बढ़ जाएगी. इस संगठन में पहले रूस भी शामिल था लेकिन बाद में उसे निकाल दिया गया था.
दुनिया में लगातार बढ़ रहा भारत का कद
दुनिया में बदलते समीकरणों पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों के मुताबिक इतने अहम वैश्विक संगठनों की कमान मिलना यह दिखाता है कि अब दुनिया उभरते भारत पर भरोसा कर रही है और उसे लीडर के रूप में देखना चाहती है. इससे विश्व कूटनीति में भारत का कद और बड़ा होता दिख रहा है. डिफेंस एक्सपर्टों का कहना है कि
कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों की कमान मिलना भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत है. माना जा रहा है कि इन संगठनों की अध्यक्षता के जरिए भारत अपनी एक बड़ी कूटनीतिक छाप दुनिया पर छोड़ेगा.
भविष्य की भूमिका निभाने के लिए भारत तैयार
पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला के मुताबिक बदलती दुनिया में भारत की भूमिका बीते कुछ सालों में तेज़ी से महत्वपूर्ण हो चुकी है. SCO, G-20 और UNSC की अध्यक्षता मिलना संकेत देता है कि भारत भविष्य में किस तरह की भूमिका निभाने जा रहा है. दुनिया में भारत के इस बढ़ते कद को चीन और पाकिस्तान भी ध्यान से देख रहे हैं लेकिन वे इसे रोकने में फिलहाल असहाय महसूस कर रहे हैं.
चीन-पाकिस्तान की भारत पर लगी हुई निगाहें
भारत में तैनात रहे पाकिस्तान के पूर्व हाई कमिश्नर अब्दुल बासिल मानते हैं कि दुनिया में भारत की कूटनीतिक ताक़त लगातार बढ़ रही है. दुनिया के सभी देश अब भारत के साथ आपसी सहयोग बढ़ाने में लगे हैं. उसकी अर्थव्यवस्था भी ब्रिटेन को पीछे छोड़कर 5वें नंबर पर पहुंच गई है. अब इतने वैश्विक संगठनों की अध्यक्षता मिलने पर भारत खुद को दुनिया की जियो-पॉलिटिक्स के सेंटर में लाने की कोशिश करेगा. चीन और पाकिस्तान पर भारत की इस हसरत का क्या असर पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी.