US News: आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एयर इंडिया से उड़ान भरने वाले लोगों को धमकी देने वाले वीडियो संदेश जारी किया है. उसके प्रतिबंधित संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) पर भारत ने यूएपीए के तहत प्रतिबंध लगाया हुआ है.
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World News in Hindi: अमेरिका में भारतवंशी प्रवासियों के पैनल ने एयर इंडिया से उड़ान भरने वाले लोगों को धमकी देने वाले वीडियो संदेश जारी करने के लिए आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू और उसके प्रतिबंधित संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) को ‘नो-फ्लाई’ लिस्ट में शामिल करने की मांग की है. बता दें एसएफजे एक अमेरिका स्थित संगठन है जिसे भारत सरकार ने भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत प्रतिबंधित किया हुआ है.
जुलाई, 2020 में पन्नू को अलगाववाद को बढ़ावा देने और कथित तौर पर पंजाबी सिख युवाओं को हथियार उठाने के लिए उकसाने के लिए यूएपीए के तहत एक ‘आतंकवादी’ घोषित किया गया था.
भारतीय-अमेरिकी और भारतीय-कनाडाई लोगों के एक संगठन ‘फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज’ (एफआईआईडीएस) द्वारा आयोजित पैनल चर्चा में शामिल प्रतिभागियों ने कहा कि अब समय आ गया है कि सरकारें एसएफजे के अलगववादी सिख नेता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें.
‘ट्रूडो की नीतियां चरमपंथ के खतरों की अनदेखी करती हैं’
एफआईआईडीएस के खंडेराव कांड ने कहा, ‘कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आतंक की स्वतंत्रता के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को गलत तरीके से प्रस्तुत किया. चरमपंथी निज्जर की हत्या को लेकर भारत के खिलाफ उनके आरोपों ने कनाडा में भारत विरोधी और हिंदू विरोधी अपराधों को बढ़ावा दिया है.’ उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि ट्रूडो की नीतियां चरमपंथ के खतरों की अनदेखी करती हैं जिनका कनाडा पर भी अंततः प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
कांड ने एक बयान में कहा, ‘पैनल में शामिल लोगों ने वर्ष 1985 में एयर इंडिया के विमान ‘कनिष्क’ में बम विस्फोट की ओर इशारा करते हुए सवाल किया कि गुरपतवंत पन्नू और एसएफजे के सदस्यों को एयर इंडिया से यात्रा करने पर धमकियों के लिए ‘नो-फ्लाई’ लिस्ट में क्यों नहीं रखा गया है.’
‘एसएफजे सिखों का समग्र प्रतिनिधित्व नहीं करता’
अंग्रेजों और कांग्रेस पार्टी, दोनों की ओर से हिंदुओं और सिखों के बीच नफरत के ऐतिहासिक बीज बोए जाने के संदर्भ में कैलिफोर्निया में रहने वाले सुखी चहल ने कहा कि एसएफजे सिखों का समग्र प्रतिनिधित्व नहीं करता और इसने हिंदुओं तथा सिखों के खिलाफ विकृत और घृणित दुष्प्रचार किया है.
कनाडा की रुचि वालिया ने हिंदू और सिखों की एकता का महत्व बताया. वालिया ने गलत ऐतिहासिक जानकारी के प्रसार के माध्यम से सिख युवाओं को कट्टरपंथी बनाए जाने के बारे में चिंता व्यक्त की और कहा कि इसे ठीक करने की जरूरत है.
‘कट्टरपंथी उदारवादी आवाजों को दबा रहे हैं’
‘कनाडियन हिंदूज फॉर हार्मनी’ के प्रवक्ता विजय जैन ने इस बात पर जोर दिया कि कट्टरपंथी उदारवादी आवाजों को दबा रहे हैं और शांति तथा सद्भाव को खतरे में डाल रहे हैं.
एफआईआईडीएस के विश्लेषक मोहन सोंती ने कहा कि कनाडा में भारतीयों के लिए मौजूदा खतरा, खासकर खालिस्तानी आतंकवादियों से, लगभग 45 साल पहले कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री के पिता पियरे ट्रूडो के समय शुरू हुआ था.
सोंती ने 1985 के कनिष्क विमान में बम विस्फोट का हवाला देते हुए दावा किया कि पियरे ट्रूडो की उदारता ने खालिस्तानी आतंकवाद के पनपने में योगदान दिया.
वर्ष 1985 में एयर इंडिया के विमान कनिष्क में किया गया बम विस्फोट उस समय का किसी विमान पर किया गया सबसे बड़ा आतंकवादी हमला था. बोइंग 747 को यह नाम सम्राट कनिष्क के नाम पर दिया गया था. आयरलैंड के समुद्र तट से थोड़ी दूर उड़ रहे कनिष्क विमान में बम विस्फोट के कारण उसमें सवार 329 लोगों की मौत हो गई थी.
कनाडा से लंदन के रास्ते भारत के लिए रवाना हुए इस विमान में सिख अलगाववादी संगठन ने बम रखा था जिसका मकसद वर्ष 1984 में ‘स्वर्ण मंदिर’ में की गई कार्रवाई का बदला लेना था.
(इनपुट – भाषा )