विदेशी दखलअंदाजी 'बर्दाश्त' नहीं! Canada में होने वाले Covid-19 सम्मेलन में शामिल नहीं होगा भारत
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विदेशी दखलअंदाजी 'बर्दाश्त' नहीं! Canada में होने वाले Covid-19 सम्मेलन में शामिल नहीं होगा भारत

भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (Dr S Jaishankar) नवंबर में COVID-19 को लेकर आयोजित मंत्रिस्तरीय सहयोग समूह की 11वीं बैठक में शामिल हुए थे. यह ऐसा पहला मौका था जब भारत ने आधिकारिक रूप से इस बैठक में भाग लिया था. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) की भारत पर की गई टिप्पणी के बाद भारत सरकार ने ओटावा प्रशासन को एक और झटका दिया है. भारत के आंतरिक मामले में ट्रूडो के बयान के फौरन बाद भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने कड़ी नाराजगी जताते हुए फटकार लगाई थी. ताजा फैसले में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs minister S Jaishankar) कोरोना को लेकर कनाडा की अगुवाई वाली विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल नहीं होंगे. 

अगले सप्ताह होना है आयोजन
भारत ने कनाडा (Canada) को उसकी कोरोना कांफ्रेंस (Covid Foreign Minister's Group Meet) में अपने विदेश मंत्री के अलग रहने की जानकारी दे दी है. भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (Dr S Jaishankar) नवंबर में COVID-19 को लेकर आयोजित मंत्रिस्तरीय सहयोग समूह की 11वीं बैठक में शामिल हुए थे. यह ऐसा पहला मौका था जब भारत ने आधिकारिक रूप से इस बैठक में भाग लिया था. 

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Canada की तत्कालीन प्रतिक्रिया
उस समय Canada के विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि कनाडा के विदेश मंत्री ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के ग्रुप में जुड़ने पर उनका स्वागत करते हुए खुशी जताई है. गौरतलब है कि कोरोना महामारी की शुरुआत के दौर से ही भारत इस महामारी से दुनिया को निजात दिलाने के लिए लगातार अगुवाई करते हुए सहयोग दे रहा है. सस्ती और कारगर वैक्सीन को लेकर भी दुनिया भारत की ओर देख रही है. ऐसे में भारत के इस फैसले को कनाडा के लिए एक और सख्त संदेश के तौर पर देखा जा रहा है.

Covid Foreign Minister's Group
इस ग्रुप के शामिल अन्य देशों की बात करें तो इसमें ब्राजील, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इटली, सिंगापुर और यूनाइटेड किंगडम यानी ब्रिटेन भी शामिल है.

इसलिए है भारत की नाराजगी
पिछले हफ्ते कनाडा के पीएम ने दिल्ली के किसान आंदोलन पर प्रतिक्रिया दी थी. जिसके फौरन बाद भारत ने ट्रूडो की टिप्पणी को भ्रामक सूचनाओं के आधार बनाया गया गैरजरूरी बयान करार देते हुए देश के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देने की चेतावनी दी थी. भारतीय विदेश विभाग ने साफ किया था कि भविष्य में ऐसी गलत बयानबाजी भारत-कनाडा के रिश्तों को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है.

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