इंडोनेशिया: भारत की तरह आतंकवाद से जूझ रहा है दुनिया का सबसे बड़ा इस्लामिक देश
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इंडोनेशिया: भारत की तरह आतंकवाद से जूझ रहा है दुनिया का सबसे बड़ा इस्लामिक देश

प्राकृतिक आपदाएं, भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं के बावजूद इंडोनेशिया का आर्थिक विकास रुका नहीं है

जोको विडोजो के राष्ट्रपति बनने के बाद से देश में भ्रष्टाचार में कमी आई थी.  (फोटो: Reuters)

नई दिल्ली: संसार का सबसे बड़ा द्वीप समूह वाला देश इंडोनेशिया दक्षिण पूर्व एशिया का देश है. दुनिया का सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले इंडोनेशिया की एक भू-रणनीतिक और आर्थिक रूप में बड़ी अहमियत है. कठिन भौगोलिक वातावरण होने के बावजूद यह दुनिया से कभी अछूता नहीं रहा. भारत का भी इंडोनिशिया से ऐतिहासिक नाता रहा है. मुस्लिम बहुल देश होने के बावजूद यहां आज भी रामायण का गहरा प्रभाव है. यहां हिंदू और बौद्ध धर्म के मंदिर आज भी मौजूद हैं. इंडोनेशिया में न केवल भारतीय संस्कृति की झलक है बल्कि यहां की समस्याएं भी आज भारत के जैसी ही हैं. भ्रष्टाचार, पक्षपात, प्राकृतिक चुनौतियां, इस्लामिक अलगाववाद जैसी मुसीबतों के बीच इंडोनेशिया ने खुद को एक बड़ी अर्थव्यवस्था में बदल दिया है. 

क्यों इन दिनों चर्चा में है इंडोनेशिया
हाल ही में इंडोनेशिया पिछले साल हुई हवाई दुर्घटना के कारण चर्चा में आया. 29 अक्टूबर 2018 को इंडोनेशिया में लॉयन एयर का बोइंग 737-मैक्‍स-8 विमान केवल कुछ ही मिनटों में उड़ान के ठीक बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. बिलकुल ऐसी ही दुर्घटना 10 मार्च को इथोपिया में घटी जब अदीस अबाबास से बोइंग 737-मैक्‍स-8 विमान ने उड़ान भरी और उसके कुछ ही मिनटों के बाद वह क्रैश हो गया. दोनों दुर्घटनाओं में काफी समानताएं थी. इसी वजह से माना जा रहा है कि दोनों के कारण भी समान ही होने चाहिए. 

आर्थिक विकास में पूर्वी एशिया का नंबर वन देश
इंडोनेशिया में प्राकृतिक तेल के बड़े भंडार हैं लेकिन पिछले दस सालों में घरेलू मांग बढ़ने से कच्चा तेल आयात करना पड़ता है. हालांकि वह 2009 से पहले तक ओपेक (प्राकृतिक तेल निर्यात करने वाले देशों का समूह) का सदस्य भी रह चुका है. इसके अलावा कपड़ा, चमड़ा, उत्खनन, सीमेंट, रासायनिक खाद, रबर, पर्यटन यहां के प्रमुख उद्योग हैं. वहीं चावल कसावा, मूंगफली, रबर, कॉफी, नारियल, आदि यहां के प्रमुख कृषि उत्पाद हैं. इंडोनेशियाई रुपैया यहां की मुद्रा है.

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आज का इंडोनेशिया 
 पिछले कुछ सालों में इंडोनेशिया का अच्छा आर्थिक विकास जरूर हुआ है, लेकिन भ्रष्टाचार की समस्या यहां बहुत चिंताजनक है. वर्तमान में जोको विडोडो इंडोनेशिया के सातवें राष्ट्रपति हैं,  जिनकी आम आदमी की पृष्ठभूमि  उनकी छवि अपने पूर्ववर्ती राष्ट्रपतियों के मुकाबले ईमानदार और बेहतर नेता के तौर पर स्थापित करती है. इंडोनेशिया विश्व की 8वीं सबसे बड़ी और दक्षिण पूर्व एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. अभी आईएमएफ के सुधार कार्यक्रमों को लागू करना, भ्रष्टाचार, पक्षरपात, मानव अधिकार उल्लंघन, और इस्लामिक आतंकवाद जैसी समस्याएं देश की उन्नति में बड़ी बाधक है. वहीं भूकंप और सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाएं देश में असमय परेशानियां बढ़ाती रहती हैं. दिसंबर 2018 में ही भूकंप के बाद आई सुनामी ने 200 से ज्यादा लोगों की जान ले ली और सैंकड़ो को घायल कर दिया. इसी साल अप्रैल में इंडोनेशिया में राष्टपति चुनाव होने वाले हैं.  

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 इंडोनेशिया में इन दिनों राष्ट्रपति चुनावों की तैयारियां चल रही हैं जो के अप्रैल 2019 में होने हैं. (फोटो : Reuters)

भौगोलिक स्थिति बनाती है इंडोनेशिया को अनोखा
दुनिया के सबसे बड़ा द्वीप समूह इंडोनेशिया में 17000 से ज्यादा द्वीप हैं. इन द्वीप समूह के पूर्व और दक्षिण में हिंद महासागर है. इसके उत्तर में मलेशिया, दक्षिण चीन सागर, फीलीपींस और प्रशांत महासागर स्थित हैं. दक्षिण पूर्व में ऑस्ट्रेलिया स्थित है. इंडोनेशिया मलेशिया, पपुआ न्यू गुयाना, और तिमोर लिस्ते से भौगोलिक सीमा और ऑस्ट्रेलिया, पलाउ, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड वियतनाम और भारत से समुद्री सीमा साझा करता है. यह देश और इसका समुद्री इलाका जापान और अमेरिका को बाकी एशिया से जोड़ता है. यहां के समुद्री रास्ते से आने वाले व्यापारियों ने इस देश पर गहरा प्रभाव डाला है. यही वजह से है कि यहां पहले हिंदू और बौद्ध धर्म और बाद में इस्लाम का गहरा असर हुआ. 

बहुत चुनौती पूर्ण हिस्सा है यह दुनिया का 
प्रशांत महासागर के ‘आग के घेरे’ (रिंग ऑफ फायर) के पश्चिमी भाग में स्थित यह द्वीप समूह भूमध्य रेखा पर स्थित है जिनमें सुमात्रा, जावा, बोर्नेओ, सुलावेसी जैसे बड़े द्वीप शामिल हैं. जहां सक्रीय ज्वालामुखी, महासागरीय खाइयां, भूगर्भीय प्लेट्स के किनारे मिलते हैं. इसी वजह से यहां भूकंप, सूनामी, चक्रवाती तूफानों की संख्या ज्यादा रहती है. यहां दुनिया के सबसे ज्यादा सक्रीय ज्वालामुखी भी पाए जाते हैं. यह क्षेत्र अपनी जैवविविधता के लिए जाना जाता है दुनिया का सबसे बड़ा फूल यहीं मिलता है. 

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यहां 300 से ज्यादा स्थानीय भाषा बोलने वाले विभिन्न प्रजातीय के लोग रहते हैं जिनमें आधुनिक समाज से लेकर पुरातन जनजातीय के मानव समूह भी शामिल हैं. यहां की तमाम प्राकृतिक चुनौतियों के बीच यह देश दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्था है. दो करोड़ 61 लाख वाली आबादी वाला इंडोनेशिया दुनिया का चौथा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है. यहां का क्षेत्रफल 19 लाख वर्ग किलोमीटर (742,308 वर्ग मील) है. यहां के जावा द्वीप में 14 करोड लोग रहते हैं जो दुनिया को सबसे घनी आबादी वाले इलाकों में से एक है. वहीं दुनिया के सबसे ज्यादा मुस्लिम यहीं रहते हैं. राजधानी जकार्ता यहां सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला शहर है. 

इतिहास ने भी बनाया है इंडोनेशिया को खास
यहां 15 लाख साल पुराने जावा मानव के अवशेष मिलते हैं. आधुनिक मानव प्रजाति होमोसेपियन्स यहां लगभग 45,000 साल पहले आए थे. दुनिया के प्रमुख समुद्री मार्ग के बीच पड़ने से यहां पहले भारतीय और बाद में चीनी सभ्यताओं से सम्पर्क हुआ जिससे सांस्कृतिक आदान प्रदान हुआ. 8वी ईसापूर्व सदी में यहां गांवों का और पहली सदी तक छोटे राज्यों का विकास हुआ जहां हिंदु धर्म का गहरा प्रभाव था. 5वीं सदी तक इंडोनेशिया दुनिया भर से व्यापार करने लगा था. सातवीं सदी से यहां बौद्ध और हिंदू धर्म का प्रभाव काफी बढ़ गया. इंडोनेशिया में आज भी कई पुराने मंदिर और बौद्ध मठ मौजूद हैं. पहले 7वीं सदी में सुमात्रा में श्रीविजिय और उसके बाद 8वीं और 9वीं सदी में जावा में बौद्ध शैलेंद्र वंश और उसके बाद हिंदू मातृम का शासन रहा. 10वीं सदी से इस्लाम का प्रभाव यहां बढ़ने लगा. 16वीं सदी तक जावा सुमात्रा में प्रमुख धर्म इस्लाम हो गया.
 
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आधुनिक इतिहास: नीदरलैंड का उपनिवेश था इंडोनेशिया
16वीं सदी जब औपनिवेशवाद दुनिया में फैलना शुरू हुआ, तब डच ईस्ट इंडिया कंपनी ने इंडोनेशिया पर कब्जा किया. डच शासन का खात्मा द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुआ. छोटे से लोकतंत्रिक दौर के बाद यहां के शासक सुकार्नों ने देश में सैन्य और कम्युनिस्ट शासन लागू कर दिया. 1968 में तख्तापलट के बाद जनरल सुहार्तो ने सत्ता की बागडोर अपने हाथों में ले ली. अमेरिका के सहयोग से काफी विदेशी निवेश होने से देश ने बहुत ज्यादा आर्थिक उन्नति की. 1997-98 की एशिया के आर्थिक संकट के बाद जनरल सुहार्तो का इंडोनेशिया का शीर्ष पद छोड़ना पड़ा. इसके बाद 1999 में पूर्वी तिमोर को भी स्वतंत्रता मिल गई.

21वीं सदी: आर्थिक विकास तो हुआ, पर समस्याएं भी कम नहीं
 इंडोनेशिया में लोकतांत्रिक प्रक्रिया 21वीं सदी में शुरू हुई और देश एक बार फिर तरक्की की राह पर लौट आया. 2004 में देश में पहला राष्ट्रपति का सीधा चुनाव हुआ लेकिन इसके साथ ही अस्थिरता, भ्रष्टाचार और आंतकवाद जैसी समस्याओं में यहां के विकास में बाधा डाली. वहीं 2004 के हिंद महासगरीय भूकंप और सुनामी के कारण यहां डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की जानें चली गई थीं. 

भारत और इंडोनेशिया
दक्षिण पूर्वी एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिहाज से इंडोनेशिया का भारत के लिए ज्यादा अहम होना स्वाभाविक है. इसके अलावा चीन की अपने पड़ोस में विस्तारवादी नीतियों के चलते भारत की लुक ईस्ट की नीति के तहत इंडोनेशिया का महत्व और भी बढ़ जाता है. दोनों देशों के बीच धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध सदियों पुराने हैं. इंडोनेशिया का मुस्लिम बुहल देश होने के बाद रामायण का प्रभाव दुनिया सहित भारत को हैरान करने वाला है. यहां आज भी रामायण का मंचन होता है. मुस्लिम लोग यहां रामायण पढ़ना पसंद करते हैं. हाल ही में अंडमान सागर (जहां दोनों देश की समुद्री सीमा है) में दोनों देश एक दूसरे से महत्वपूर्ण रक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं. दोनों ही देश चीन की दक्षिण चीन सागर में बढ़ती महत्वाकांक्षी गतिविधियों के चलते समान रूप से चिंतित हैं. इसके अलावा दोनों देश बढ़ते आतंकवाद, तेल और प्राकृतिक गैस, सूचना तकनीकी, अक्षय ऊर्जा जैसे मुद्दों पर सहयोग कर रहे हैं. 

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