परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने का जवाब देगा ईरान, कहा- देश को नहीं होगा कोई नुकसान
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परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने का जवाब देगा ईरान, कहा- देश को नहीं होगा कोई नुकसान

राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि ईरान प्रशासन ने ईरान के खिलाफ अमेरिका के संभावित फैसले को ध्यान में रखते हुए ऐहतियाती कदम उठाते हुए हाल ही में अपने मुद्रा बाजार में सुधार किए हैं.

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी. (फाइल फोटो)

तेहरान: ईरान ने 2015 के ऐतिहासिक अंतर्राष्ट्रीय परमाणु समझौते से अलग होने की अमेरिका की धमकी का कड़ा जवाब देने की प्रतिबद्धता जताई है. ईरान ने विश्वास जताया कि इससे देश को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने शनिवार (21 अप्रैल) को कहा, "2015 के ऐतिहासिक परमाणु समझौते से अमेरिका के संभावित रूप से अलग होने से ईरान की अर्थव्यवस्था पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा." समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने रूहानी के हवाले से बताया कि ईरान संयुक्त व्यापक कार्रवाई योजना (जेसीपीए) के नाम से प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने के संभावित फैसले के लिए पूरी तरह तैयार है.

  1. ईरान ने विश्वास जताया कि अमेरिकी कार्रवाई से देश को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा.
  2. यह ऐतिहासिक करार 2015 में हुआ था. 
  3. यह समझौता अमेरिका और अन्य विश्व शक्तियों तथा ईरान के बीच हुआ था.

उन्होंने कहा कि ईरान प्रशासन ने ईरान के खिलाफ अमेरिका के संभावित फैसले को ध्यान में रखते हुए ऐहतियाती कदम उठाते हुए हाल ही में अपने मुद्रा बाजार में सुधार किए हैं. ईरान सेंट्रल बैंक (सीबीआई) ने पिछले सप्ताह मुद्रा दरों को स्थिर रखने के लिए गैर सरकारी विदेशी मुद्रा बाजारों पर विदेशी मुद्रा खरीदने, बेचने और स्थानांतरित करने पर प्रतिबंध लगाया था.

इसी बीच ईरान के परमाणु विभाग के प्रमुख ने शनिवार को कहा कि अगर अमेरिका ने परमाणु समझौते को तोड़ने का फैसला किया तो इसके जबाव में उसे तेहरान की प्रतिक्रिया के लिए तैयार रहना होगा. अली अकबर सालेही ने कहा, "हमने कई बार कहा कि हमें उम्मीद है कि ऐसा नहीं होगा, लेकिन हम दूसरे पक्ष (अमेरिका) को स्तब्ध के लिए तैयार हैं."

ईरान परमाणु समझौते को लेकर होगी डोनाल्ड ट्रंप, एमैनुएल मैक्रों की मुलाकात; सीरिया के हालात पर भी चर्चा
वहीं दूसरी ओर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और फ्रांस के उनके समकक्ष एमैनुएल मैक्रों अगले सप्ताह जब एक - दूसरे से मुलाकात करेंगे तो ईरान समझौते और सीरिया में स्थिति पर चर्चा करेंगे. एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि मैक्रों तीन दिन की आधिकारिक यात्रा पर सोमवार (23 अप्रैल) को यहां पहुंचेंगे. ट्रंप और अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया, फ्रांसीसी राष्ट्रपति का स्वागत करेंगे. अधिकारी ने बताया कि मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के 2015 के ऐतिहासिक परमाणु समझौते पर चर्चा करने की संभावना है. यह समझौता अमेरिका और अन्य विश्व शक्तियों तथा ईरान के बीच हुआ था.

ट्रंप ने परमाणु समझौते से बाहर निकलने की धमकी दी है और इस पर फैसला लेने के लिए 12 मई की समयसीमा तय की है. यह समझौता पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में हुआ था. अधिकारी ने कहा, ‘‘यह कहना मुश्किल है कि दोनों राष्ट्रपति किन बातों पर चर्चा करेंगे क्योंकि जनवरी में राष्ट्रपति के बयान के आधार पर उनके फैसला लेने से पहले मई के मध्य की समयसीमा तय की गई है.’’

उन्होंने कहा कि अमेरिका दुनियाभर में आतंकवाद से लड़ने के लिए फ्रांस के साथ मिलकर काम करता है. उन्होंने कहा कि ट्रंप और मैक्रों सीरिया में सात अप्रैल को रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के जवाब में संयुक्त अभियान पर भी चर्चा करेंगे. साथ ही वे सीरिया और पश्चिम एशिया से संबंधित सीमा मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे. अधिकारी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि मैक्रों की यात्रा में 23 अप्रैल को माउंट वर्नोन का दौरा और निजी कपल डिनर शामिल है.

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