रोचक बात यह है कि नेतन्याहू को पद से हटाने के लिये एकजुट हुए लोगों में से एक तिहाई वैचारिक तौर पर उनके “स्वाभाविक सहयोगी” हैं और पूर्व में उनके करीबी सहयोगियों के तौर पर काम भी कर चुके हैं.
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यरुशलम: इजराइल के विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को सत्ता से बेदखल करने के लिये आखिरी वक्त में समझौता करने के साथ ही बृहस्पतिवार को देश में राष्ट्रीय एकता सरकार बनाने की संभावना को बल दिया.
येश अतीद पार्टी ने नेता याइर लापिद ने घोषणा की कि आठ दलों का एक गठबंधन राजनीतिक बातचीत के माध्यम से बनाया गया है. नियमित आवर्तन (रोटेशन) की नीति के तहत यामिना पार्टी के नफ़्ताली बेनेट (49) पहले प्रधानमंत्री होंगे और उनके बाद लापिद देश के प्रधानमंत्री होंगे. लापिद (57) ने राष्ट्रपति रूवेन रिवलिन और ‘नेसेट’ के स्पीकर यारिव लेविन को बुधवार मध्यरात की समय सीमा खत्म होने से मात्र आधे घंटे पहले इस फैसले की जानकारी दी. यह घोषणा 120 सदस्यीय संसद ‘नेसेट’ के नेतन्याहू विरोधी खेमों के नेताओं से एक के बाद एक हुई बैठकों के बाद की गई.
लापिद ने रूवेन से कहा, 'बेसिक लॉ: द गवर्नमेंट के खंड 13(बी) के अनुसार, मैं आपको यह बताते हुए काफी गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि मैं सरकार बनाने में सफल रहा हूं. सरकारी बेसिक लॉ: द गवर्नमेंट के खंड 13(ए) के अनुसार एक वैकल्पिक सरकार होगी और एमके (नेसेट के सदस्य) नफ़्ताली बेनेट पहले प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभालेंगे.'
येश अतीद पार्टी के नेता ने कहा, 'राष्ट्रपति महोदय, मैं आपको यह आश्वासन देना चाहता हूं कि यह सरकार इज़राइल के सभी नागरिकों की सेवा करने के लिए काम करेगी, जिसमें वे लोग भी शामिल हैं जो इसके सदस्य नहीं हैं, विरोध करने वालों का सम्मान करेंगे और इज़राइली समाज के सभी हिस्सों को एकजुट करने के लिए जो हो सकेगा वो करेंगे.' लापिद अभी विदेश मंत्री पद का कार्यभार संभालेंगे और उसके बाद मध्यावधि में बेनेट से साथ पद की अदला-बदली करेंगे. सरकार के औपचारिक रूप से शपथ लेने से पहले संसद में मतदान कराए जाने की जरूरत है. इज़राइल के राष्ट्रपति ने लापिद को शुक्रिया अदा करते हुए कहा, ‘मैं आपको और पार्टी प्रमुखों को सरकार गठन को लेकर बनी सहमति के लिए बधाई देता हूं. हम उम्मीद करते हैं कि सरकार की पुष्टि करने के लिए जल्द से जल्द ‘नेसेट’ का सत्र बुलाया जाए.'
कुछ लोग इस गठबंधन को ऐतिहासिक मान रहे हैं क्योंकि इसमें अरब पार्टी भी शामिल है. इससे इजराइल में जारी राजनीतिक गतिरोध दूर होगा जिसकी वजह से बीते दो सालों में देश को चार बार चुनावों का सामना करना पड़ा क्योंकि नतीजे निर्णायक नहीं थे. लापिद के गठबंधन में, येश अतीद, कहोल लावन, लेबर, यामिना, न्यू होप, मेरेट्ज़ और यूनाइटेड अरब लिस्ट जैसे राजनीतिक दल शामिल होंगे. देश में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री के पद पर रहे नेतन्याहू (71) ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में ट्वीट किया, “मतों द्वारा निर्वाचित सभी सांसदों को इस खतरनाक वामपंथी सरकार का निश्चित रूप से विरोध करना चाहिए.'
विपक्ष ने बृहस्पतिवार को नेसट के अध्यक्ष को यथा शीघ्र बदलने के लिये मतदान कराने के लिये दबाव बनाया. लिकुड पार्टी के यारिव लेविन को हटाने के लिये कदम इसलिये उठाया गया ताकि वह विश्वास मत हासिल करने के समय को लंबा न खींच सकें. नेसेट के महासचिव को भेजे गए एक पत्र में विपक्षी गठबंधन ने मांग की कि लेविन की जगह येश अतीद के सांसद मिकी लेवी को संसद अध्यक्ष बनाने के लिये मतदान के प्रस्ताव को सोमवार को होने वाले अगले सत्र के एजेंडा में शामिल किया जाए. टाइम्स ऑफ इजराइल ने कहा कि इस कदम के पीछे यह आशंका भी है कि कहीं सरकार के शपथ ग्रहण से पहले नेसेट के सदस्यों का उत्साह ठंडा न पड़ जाए.
इसबीच बृहस्पतिवार की सुबह बेनेट को प्रधानमंत्री को दी जाने वाली शिन बेट सुरक्षा मुहैया कराई गई. अगर यह सरकार विश्वास मत हासिल करने में कामयाब रहती है तो वह देश को अप्रैल 2019 के बाद से होने वाले पांचवें चुनाव का सामना करने से बचा सकती है.
नेतन्याहू सबसे लंबे समय तक पद पर रहने वाले इजराइली प्रधानमंत्री हैं और उन्होंने राष्ट्र के संस्थापक डेविड बेन गुरियन का रिकॉर्ड तोड़ा है. वह 2009 से इस पद पर हैं और वह 1996 से 1999 में भी एक बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं. रोचक बात यह है कि नेतन्याहू को पद से हटाने के लिये एकजुट हुए लोगों में से एक तिहाई वैचारिक तौर पर उनके “स्वाभाविक सहयोगी” हैं और पूर्व में उनके करीबी सहयोगियों के तौर पर काम भी कर चुके हैं.
प्रस्तावित गठबंधन विशिष्ट है क्योंकि वामपंथी, दक्षिणपंथी और मध्यमार्गी जैसी विरोधी विचारधाराओं वाले दल अरब पार्टी के साथ मिलकर एक राष्ट्रीय एकता की सरकार बनाने के लिए सहमत हुए और साथ आए जैसा पहले कभी इस यहूदी राष्ट्र में नहीं हुआ. यह सबकुछ तब शुरू हुआ जब पूर्व में नेतन्याहू के साथ चीफ ऑफ स्टाफ समेत कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुके बेनेट ने 24 मई को साफ किया कि वह गठबंधन के लिये लापिद से बात करने जा रहे हैं. नेतन्याहू ने बेनेट पर इजराइल के दक्षिण-पंथियों को धोखा देने का आरोप लगाया था.