ऐसा इसलिए क्योंकि उसका भ्रूण (embryo) अक्टूबर 1992 से अस्तित्व में था. यह भ्रूण 1992 से तब तक फ्रीज था, जब तक कि अमेरिका के टेनेसी के टीना और बेन गिब्सन ने इसे फरवरी 2020 में एडॉप्ट करने का फैसला नहीं कर लिया.
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नई दिल्ली: कभी ऐसा सुना है कि किसी का जन्म (born) जिस दिन हो उसके बाद से दुनिया में आने में उसे सालों लग जाएं. सुनने में अटपटा लगता है ना लेकिन मौली गिब्सन (Molly Gibson) के साथ ऐसा ही हुआ है. उनका जन्म तो अक्टूबर 1992 में हुआ था, लेकिन उसे इस दुनिया में आने में 27 साल लग गए. ऐसा इसलिए क्योंकि उसका भ्रूण (embryo) अक्टूबर 1992 से अस्तित्व में था.
ऐसे दुनिया में आई मौली
यह भ्रूण 1992 से तब तक फ्रीज था, जब तक कि अमेरिका के टेनेसी के टीना और बेन गिब्सन ने इसे फरवरी 2020 में एडॉप्ट करने का फैसला नहीं कर लिया. माना जा रहा है कि यह सबसे लंबे समय तक फ्रीज किया हुआ भ्रूण है, जिससे बच्चे का जन्म हुआ है. इसके साथ ही मौली ने अपनी बड़ी बहन एम्मा द्वारा बनाया गया रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक टीना ने कहा, 'मैं खुद को चांद के भी ऊपर महसूस कर रही हूं.'
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ऐसे आया भ्रूण एडॉप्ट करने का आइडिया
5 साल तक बांझपन (infertility) का सामना करने के बाद टीना के माता-पिता को एक स्थानीय समाचार स्टेशन से भ्रूण गोद लेने के बारे में पता चला. टीना कहती है, 'यही एकमात्र कारण है कि हम अपनी कहानी साझा कर रहे हैं. यदि मेरे माता-पिता ने इस खबर को नहीं देखा होता तो हमारे पास बेटियां नहीं होतीं.'
भ्रूण संग्रहीत करने वाले एक गैर-लाभकारी संगठन नेशनल एंब्रियो डोनेशन सेंटर (NEDC) के मुताबिक वर्तमान में अमेरिका में तकरीबन एक लाख फ्रीज किए हुए भ्रूण हैं. गिब्सन ने NEDC को संपर्क किया था, जिसने उन्हें भ्रूण प्रदान किया और वे एक ऐसे बच्चे को जन्म दे सके, जो उनका नहीं है.
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