Ivory Coast: यह छोटा सा देश पूरी दुनिया को खिलाता है चॉकलेट, 150 साल बाद ले लिया बड़ा फैसला
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Ivory Coast: यह छोटा सा देश पूरी दुनिया को खिलाता है चॉकलेट, 150 साल बाद ले लिया बड़ा फैसला

Ivory Coast France News: वैसे तो चॉकलेट में कई चीजें इस्तेमाल होती हैं लेकिन सबसे जरूरी चीज होती है कोको बीन्स. इसके बिना चॉकलेट नहीं बन पाएगी. अब दुनिया में सबसे ज्यादा कोको बीन्स पैदा करने वाले पश्चिम अफ्रीकी देश ने बड़ा फैसला किया है. यह फैसला 150 साल की गुलामी से देश को बाहर करने को लेकर है.

Ivory Coast: यह छोटा सा देश पूरी दुनिया को खिलाता है चॉकलेट, 150 साल बाद ले लिया बड़ा फैसला

Ivory Coast Chocolate Cocoa: क्या आप जानते हैं कि जो चॉकलेट हम बड़े चाव से खाते हैं उसे बनाने में इस्तेमाल होने वाला कोको बीन्स कहां से आता है? शायद आपने नाम सुना होगा. इस समय यह देश काफी चर्चा में है. हां, इस देश का नाम है आइवरी कोस्ट. एक बड़े और साहसिक फैसले के बाद अब इसे असली आजादी मिल रही है. भारत में अंग्रेजी शासन की तरह, यह देश करीब 100 साल फ्रांस का उपनिवेश रहा है.

दुनिया के मैप पर नजर डालिए. पश्चिम अफ्रीका में घाना के पास कोट डिलवोइर या आइवरी कोस्ट का मैप दिखेगा. आपको जानकर ताज्जुब होगा कि यह छोटा सा देश दुनिया में सबसे ज्यादा कोको बीन्स (Cocoa bean) पैदा करता है, जो चॉकलेट बनाने में सबसे जरूरी चीज है. लंबे पपीते की तरह दिखने वाले कोको बीन के पौधे को तैयार होने में चार साल लग जाते हैं. साल में दो बार फल लगते हैं और उसी से स्वादिष्ट चॉकलेट हमारा मूड अच्छा करने के लिए तैयार की जाती है.

आइवरी कोस्ट ने फ्रांस को देश से निकाला

वैसे तो आइवरी कोस्ट को फ्रांस ने 1960 में ही आजादी दे दी थी लेकिन उसके सैनिक होने से इसे 'असली आजादी' नहीं कहा गया. अब इस देश ने अपनी धरती पर मौजूद फ्रांस के सैनिकों को फौरन देश छोड़ने का फरमान सुना दिया है. फ्रांस के सैनिक दशकों से यहां मौजूद हैं.

आइवरी कोस्ट के राष्ट्रपति अलास्साने ओउटारा ने कहा कि सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया इसी महीने से शुरू हो जाएगी. आइवरी कोस्ट में फ्रांस के 600 सैनिक मौजूद हैं. उन्होंने कहा, ‘हमने आइवरी कोस्ट में मौजूद फ्रांस के सैनिकों की सुनियोजित तरीके से वापसी का निर्णय लिया है.' राष्ट्रपति ने कहा कि पोर्ट बोएट की सैन्य बटालियन की कमान अब देश की सेना को सौंप दी जाएगी, जिसका जिम्मा अभी तक फ्रांस के सैनिक संभाल रहे थे.

आइवरी कोस्ट के अलावा हाल में कई पश्चिम अफ्रीकी देशों ने फ्रांस के सैनिकों को उनके देश से जाने को कहा है. इसमें सेनेगल, माली, चाड, नाइजर और बुर्किना फासो शामिल हैं. इन देशों में फ्रांस के सैनिक कई वर्षों से मौजूद थे. ये घटनाक्रम फ्रांस और उसके पूर्व उपनिवेशों के बीच संबंधों में बदलाव का संकेत है, साथ ही फ्रांस के कम होते असर को दिखाता है.

फ्रांस के सैनिक अब 70 प्रतिशत से ज्यादा अफ्रीकी देशों से चले गए हैं. इन देशों में फ्रांस के औपनिवेशिक शासन के खत्म होने के बाद से उसकी सेना मौजूद थी. फ्रांसीसी सैनिक अब केवल जिबूती में बचे हैं जहां उनके 1,500 सैनिक हैं और गैबॉन में उनके 350 सैनिक हैं. एक्सपर्ट ने इस घटनाक्रम को फ्रांस के खिलाफ बढ़ती स्थानीय भावनाओं को जिम्मेदार माना है. (एजेंसी इनपुट के साथ)

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