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वॉशिंगटन: कैपिटल हिल हिंसा के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के अकाउंट को बैन करने को लेकर आखिरकार ट्विटर के CEO जैक डोर्सी (Jack Dorsey) ने चुप्पी तोड़ी दी है. उन्होंने ट्वीट करके कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप को ट्विटर से प्रतिबंधित करने पर न मैं जश्न मना रहा हूं और न ही मुझे इस पर कोई गर्व है. मालूम हो कि ट्विटर की तरह, अन्य सोशल मीडिया कंपनी भी ट्रंप के खिलाफ सख्त कदम उठा चुकी हैं. जिसमें फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट और यूट्यूब भी शामिल हैं.
जैक डोर्सी (Jack Dorsey) ने अपने ट्वीट में कहा कि हमने स्पष्ट चेतावनी दी थी, इसके बाद भी कार्रवाई की गई. उन्होंने आगे लिखा, ‘हमने ट्विटर और बाहरी तौर पर, दोनों जगह भौतिक सुरक्षा के खतरों के आधार पर सबसे अच्छी जानकारी के साथ एक निर्णय लिया. क्या यह सही था? मेरा मानना है कि ये ट्विटर के लिए सही फैसला था. हमने एक असाधारण और अस्थिर परिस्थिति का सामना किया, जिससे हमें सार्वजनिक सुरक्षा पर अपने सभी कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मजबूर होना पड़ा’.
I do not celebrate or feel pride in our having to ban @realDonaldTrump from Twitter, or how we got here. After a clear warning we’d take this action, we made a decision with the best information we had based on threats to physical safety both on and off Twitter. Was this correct?
— jack (@jack) January 14, 2021
Twitter के CEO ने लिखा कि ऑनलाइन भाषण के परिणामस्वरूप असल में होने वाला नुकसान वास्तविक काफी मायने रखता है और इसी को ध्यान में रखते हुए हमने यह फैसला लिया. हमारे लिए हमारी नीतियां सर्वोच्च हैं. डोर्सी ने कहा कि एक अकाउंट पर प्रतिबंध लगाने से वास्तविक और महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है, हालांकि साफ और स्पष्ट अपवाद है कि मुझे लगता है कि प्रतिबंध हमारे लिए अंततः बेहतर बातचीत को बढ़ावा देने में नाकामी की तरह है. डोर्सी के ट्वीट्स पर ढेरों कमेंट आए हैं, जिनमें से अधिकांश में लोगों ने उनके फैसले की सराहना की है.
वहीं, डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव प्रतिनिधि सभा में पारित हो गया है. खास बात यह है कि इस प्रस्ताव को पास करवाने में ट्रंप की पार्टी के सांसदों ने भी अहम भूमिका निभाई है. 10 रिपब्लिकन सांसदों ने महाभियोग प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिए हैं. अब सीनेट में ट्रंप के कार्यकाल की समाप्ति से एक दिन पहले यानी 19 जनवरी को प्रस्ताव पेश किया जाएगा. वैसे, तो सीनेट में रिपब्लिकन के पास बहुमत है, लेकिन जिस तरह के ट्रंप के सांसद पाला बदल रहे हैं, उससे उनकी राह मुश्किल ही रहने वाली है.
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