Japan Plane Fire: 12 अगस्त 1985, जब 520 यात्रियों की चिता बन गई टोक्यो-ओसाका फ्लाइट, उससे मिला सबक़ काम आ गया
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Japan Plane Fire: 12 अगस्त 1985, जब 520 यात्रियों की चिता बन गई टोक्यो-ओसाका फ्लाइट, उससे मिला सबक़ काम आ गया

Japan Plane Crash Video: जापान के एक एयरपोर्ट पर कल दो प्लेनों की टक्कर में पांच लोगों की मौत हो गई. वीडियो देख लीजिए. यह जानकर आप हैरान रह जाएंगे कि यात्री विमान में बैठे करीब 400 लोगों को सुरक्षित तरीके से बचा लिया गया. दुनिया को हैरानी हो रही है कि जापान के पायलट और क्रू ने यह कमाल कैसे कर दिखाया?

Japan Plane Fire: 12 अगस्त 1985, जब 520 यात्रियों की चिता बन गई टोक्यो-ओसाका फ्लाइट, उससे मिला सबक़ काम आ गया

Japan Plane Fire Video: जापान के एक एयरपोर्ट पर दो विमानों की टक्कर का वीडियो रोंगटे खड़े कर देने वाला है. कल जापान एयरलाइंस (JAL) का एक प्लेन टोक्यो के हनेडा एयरपोर्ट के रनवे पर उतर रहा था. वीडियो में दिखाई देता है कि उसमें अचानक आग लग गई. पता चला कि जापान कोस्ट गार्ड के एक प्लेन से उसकी टक्कर हो गई. अभी यह साफ नहीं है कि गलती किसकी थी. कौन गलत रास्ते पर चला आया. मंगलवार रात इस हादसे में कोस्ट गार्ड प्लेन के छह में से पांच क्रू मेंबर्स की दर्दनाक मौत हो गई. हालांकि रनवे पर उतरते दिख रहे प्लेन में बैठे सभी 379 यात्री और चालक दल के सदस्य सुरक्षित बाहर निकल आए. हां, आग का गोला बने एयरबस ए350 प्लेन में कोई यात्री घायल नहीं हुआ. वीडियो देखने के बाद यह बात हैरान करती है. वीडियो में प्लेन से आग की लपटें उठती साफ देखी जा सकती हैं तो यह चमत्कार कैसे हो गया? 

चमत्कार नहीं, ये जापान की व्यवस्था है

ऊपर वाले का शुक्रिया अदा करते हुए दूसरे देशों के लोगों का हैरान होना स्वाभाविक है क्योंकि आमतौर पर प्लेन क्रैश में ऐसा नहीं देखा जाता है. एक्सपर्ट का कहना है कि इस स्थिति में प्लेन से सफलतापूर्वक सभी यात्रियों को बाहर निकाला जा सका क्योंकि जापान एयरलाइंस का अपना सुरक्षा कल्चर है और वे आधुनिक सुरक्षा मानकों को अपनाते हैं. 

CNN की रिपोर्ट के मुताबिक यूके की क्रैनफील्ड यूनिवर्सिटी में सुरक्षा एवं दुर्घटना जांच के प्रोफेसर ग्राहम ब्रेथवेट ने कहा कि जो फुटेज मैंने देखा, मैं आश्चर्यचकित था और राहत महसूस कर रहा था कि हर एक शख्स को बाहर निकाल लिया गया. जबकि प्लेन की टक्कर जोरदार थी लेकिन एयरलाइंस के बारे में जानने के बाद और यह समझने के बाद कि कैसे उन्होंने सुरक्षा इंतजाम कर रखे हैं, अपने क्रू को ट्रेनिंग दे रखी है, फिर उनके इस शानदार काम पर आश्चर्य नहीं होना चाहिए. 

40 साल पहले एक घटना घटी थी

एक्सपर्ट ने बताया कि वास्तव में, करीब 40 साल पहले एक भीषण दुर्घटना घटी थी, जिसने जापान एयरलाइंस को एक सेफ एयरलाइन में तब्दील करने के लिए बाध्य कर दिया. वो तारीख थी 12 अगस्त 1985 और JAL की एक फ्लाइट टोक्यो से ओसाका जा रही थी. यह फ्लाइट123 दुर्घटनाग्रस्त हो गई और प्लेन में बैठे 524 में से 520 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. पता चला कि बोइंग के टेक्नीशियनों ने टेल को ठीक तरह से रिपेयर नहीं किया था. इसमें एयरलाइंस की कोई गलती नहीं थी. विमानन इतिहास का यह आज तक का सबसे भयावह सिंगल-एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट है. 

एक्सपर्ट ब्रेथवेट कहते हैं, 'इसका एयरलाइंस पर गहरा असर पड़ा. जापान जैसी संस्कृति में एयरलाइंस ने एक समूह के रूप में यह जिम्मेदारी ली. वे सुनिश्चित करना चाहते थे कि भविष्य में ऐसा कुछ भी दोबारा न हो. वास्तव में जब चीजें गलत होती हैं तो वे इसे इस रूप में देखते हैं कि इसमें क्या और कैसे सीख सकते हैं. हर चीज में बेहतर करने का मौका होता है.' 

कंपनी ने खुद कर्मचारियों को याद दिलाया

2005 में कंपनी ने यह महसूस किया कि कई कर्मचारी 20 साल पहले की उस दुर्घटना को याद किए बगैर कंपनी में शामिल हो रहे थे तो JAL ने अपने कॉर्पोरेट मुख्यालय में मलबे के हिस्सों के साथ-साथ चालक दल और यात्रियों की कहानियों को दिखाने के लिए जगह तैयार की. ब्रेथवेट ने कहा, 'इसके पीछे भावना यह थी कि इस बिजनस में ऐसे लोग शामिल हुए हैं जो नहीं जानते कि गलत होने का क्या मतलब होता है. हर किसी को यह समझना होगा कि सुरक्षा के लिए किस हद तक प्रयास करना होता है.'

करीब चार दशक के बाद भी उस दुर्घटना का कंपनी की मानसिकता पर प्रभाव महसूस किया जा सकता है. एक्सपर्ट ने कहा कि स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) को लेकर जापान में काफी सख्ती है और वे हर चीज को बेहतर करना चाहते हैं. इस केस में भी वही हुआ और क्रू ने अपना शानदार प्रदर्शन किया. 

तभी तो भरोसा बनता है

टोक्यो एयरपोर्ट पर क्रैश का आरोप और गलती किसी की भी हो लेकिन जापान एयरलाइंस के लिए अच्छी बात यह है कि सभी लोगों को बाहर निकाल लिया गया. एक्सपर्ट ने आखिर में एक लाइन में कहा कि अगर आप उनके प्लेन में उड़ने की एक वजह चाहेंगे तो सेफ्टी ही होगी और इसीलिए प्लेन में बैठने के बाद लोगों को भरोसा होता है. 

ऐसा लगता है कि प्लेन क्रैश होते ही सेकेंडों में बाहर निकलने के रास्ते खुल गए और केबिन में धुआं भरने के बाद भी सबको एक-एक करके निकाल लिया गया. अब दुनियाभर में प्लेन के पायलट, क्रू और यात्रियों की तारीफ हो रही है. एक प्रमुख यूरोपियन एयरलाइंस के पायलट ने कहा कि एयरक्राफ्ट के बड़े होने के बाद प्रोसीजर भी काफी बेहतर हुए हैं और 90 सेकेंड में सभी यात्रियों को निकाला जा सकता है. उन्होंने कहा कि JAL के कर्मचारी अच्छी तरह से जानते हैं कि मॉडर्न एविएशन के सुरक्षा मानक उन लोगों के खून से लिखे गए हैं जो इतने भाग्यशाली नहीं थे. 

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