ट्रम्प की घोषणा के बाद से फलीस्तीनी क्षेत्रों में संघर्षों या गाजा पट्टी से दागे गए रॉकेटों के जवाब में किए गए इजरायली हवाई हमले में चार फलस्तीनी मारे गए हैं.
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यरूशलम: यरूशलम को इजरायल की राजधानी की मान्यता संबंधी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की घोषणा को लेकर रविवार (10 दिसंबर) को पश्चिम एशिया और दूसरी जगहों पर ताजा विरोध प्रदर्शन हुए. ट्रम्प सरकार की घोषणा की दुनिया भर में निंदा हुई है और फलस्तीनी क्षेत्रों में अशांति शुरू हो गयी. ट्रम्प के इस फैसले के दुष्परिणामों की लगातार चेतावनी दे रहे तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एदोआन ने भी विरोध करते हुए इजरायल को ‘‘आतंकी देश’’ और ‘‘बच्चों की हत्या करने वाला देश’’ कहा.
इसी बीच इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ट्रम्प की घोषणा के बाद अपने पहले विदेश दौरे के तहत यूरोप पहुंचे. वह फ्रांस के राष्ट्रपति एमैन्युअल मैक्रां से पेरिस में और यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों से ब्रुसेल्स में बातचीत करेंगे. बुधवार (6 दिसंबर) को हुई ट्रम्प की घोषणा के बाद से फलीस्तीनी क्षेत्रों में संघर्षों या गाजा पट्टी से दागे गए रॉकेटों के जवाब में किए गए इजरायली हवाई हमले में चार फलस्तीनी मारे गए हैं.
जॉर्डन, तुर्की, पाकिस्तान और मलेशिया सहित कई मुस्लिम एवं अरब देशों में भी हजारों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. रविवार (10 दिसंबर) को बांग्लादेश, लेबनान, इंडोनेशिया, मिस्र और फलस्तीनी क्षेत्रों में और विरोध प्रदर्शन हुए. वहीं इसाइयों के सर्वोच्च धर्म गुरु पोप फ्रांसिस ने ट्रम्प की घोषणा को लेकर रविवार (10 दिसंबर) को ‘‘विवेक और समझदारी’’ की दोबारा अपील की.
वेटिकन द्वारा जारी किए गए एक बयान में कहा गया, ‘‘पोप हर किसी से विवेक और समझदारी दिखाने की अपील करते हैं और प्राथनाएं करते हैं कि दुनिया भर के देश इस महत्वपूर्ण समय में हिंसा के ताजा दौर को देखते हुए अपनी प्रतिबद्धता दिखाएं.’’ बयान में कहा गया कि पोप यह बात दोहराते हैं कि इजरायलियों और फलस्तीनियों के बीच समस्या का समाधान बातचीत के ही जरिये हो सकता है.