Modi-Biden वार्ता में भारत के लिए जेट इंजन, सशस्त्र ड्रोन पर भी हुई चर्चा
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Modi-Biden वार्ता में भारत के लिए जेट इंजन, सशस्त्र ड्रोन पर भी हुई चर्चा

America और भारत के सहयोग से तैयार GE K F 414 जेट इंजनों का उपयोग दूसरी जनरेशन के तेजस लड़ाकू विमानों के लिए किया जाएगा. आपको बता दें कि वर्तमान समय में विमान में GE k F404 इंजन का उपयोग करते हैं, जिन्हें भारत में असेंबल किया जाता है.

फाइल फोटो

America ने भारत में GE K F 414 जेट इंजन के संयुक्त उत्पादन को मंजूरी दे दी है, जिससे दोनों देशों के बीच संबंधों को एक नई दिशा मिलेगी. अमेरिकी व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए राष्ट्रपति जो बाइडेन के आधिकारिक डिनर की पूर्व संध्या पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बात कही. अधिकारी ने कहा कि भारत MQ-9B SeaGuardian की खरीद की घोषणा करेगा.

भारत GE K F 414 जेट इंजनों का उपयोग अपनी दूसरी जनरेशन के तेजस लड़ाकू विमानों के लिए करेगा. वर्तमान विमान GE k F404 इंजन का उपयोग करते हैं, जिन्हें भारत में असेंबल किया जाता है. F414S का भारत में GE द्वारा भारत के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ सह-उत्पादन किया जाएगा. इन इंजनों का उपयोग US American F/A-18 Super Hornets द्वारा किया जा रहा है.

जनरल एटॉमिक्स के MQ-9C Guardian Drone वर्षो से भारत की इच्छा सूची में हैं और भारतीय नौसेना 2020 से कंपनी के स्वामित्व वाले और कंपनी द्वारा संचालित लीज समझौते में दो MQ-9A drone का उपयोग कर रही है. दोनों पक्षों द्वारा जारी किए जाने वाले संयुक्त बयान में सामान्यीकृत प्राथमिकता प्रणाली नामक योजना के तहत अमेरिका में भारतीय निर्यात के लिए तरजीही व्यापारिक लाभों की बहाली भी शामिल होने की संभावना है, जिसे 2019 में ट्रंप प्रशासन द्वारा निलंबित कर दिया गया था, क्योंकि यह भारत से बाजार पहुंच संबंधी रियायतें नहीं ले सका.

इस योजना के तहत, कुछ भारतीय सामान बिना टैरिफ के अमेरिका में प्रवेश करते हैं और निलंबन के समय भारत से इन अमेरिकी आयातों का मूल्य 6 अरब डॉलर से अधिक था. उम्मीद है कि गुरुवार सुबह बिडेन की मोदी के साथ बैठक के बाद दोनों पक्ष कई संयुक्त पहलों और समझौतों की घोषणा करेंगे, जिससे दोनों पक्षों के बीच सहयोग की एक नई भावना पैदा होगी. उम्मीद है कि दोनों नेता एक मास्टर जहाज मरम्मत समझौते की भी घोषणा करेंगे, जिसमें अमेरिकी नौसेना के जहाज भारतीय शिपयार्डो में मरम्मत के लिए जाएंगे. वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों में से एक ने कहा कि अमेरिका भारत को रूस से सैन्य आपूर्ति से दूर करना चाहता है.

(इनपुट: एजेंसी)

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