Joe Biden: बाइडेन को ये क्या हुआ? सबसे ताकतवर इंसान को इस गंभीर बीमारी ने घेरा
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Joe Biden: बाइडेन को ये क्या हुआ? सबसे ताकतवर इंसान को इस गंभीर बीमारी ने घेरा

Joe Biden Disease: न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, जो बाइडेन ऐपनिया नाम की बीमारी से जूझ रहे हैं. इस बीमारी में सोते वक्त सांस लेने में दिक्कत होती है. इसी वजह से अमेरिकी राष्ट्रपति मशीन का सांस लेने के लिए इस्तेमाल करते हैं. 

Joe Biden: बाइडेन को ये क्या हुआ? सबसे ताकतवर इंसान को इस गंभीर बीमारी ने घेरा

US News: अमेरिका के इतिहास के सबसे बुजुर्ग राष्ट्रपति जो बाइडेन उम्र से जुड़ी तकलीफों से जूझ रहे हैं. 80 साल की उम्र पार कर चुके जो बाइडेन को सोते वक्त सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है. उनको रात में सोते समय कंटीन्यूअस एयरवे प्रेशर मशीन यानी CAPA दिया जाता है. इसकी मदद से ही वह रात में ठीक से सो पाते हैं.

व्हाइट हाउस के प्रवक्ता एंड्रयू बेट ने कहा, 'राष्ट्रपति जो बाइडेन की मेडिकल हिस्ट्री के मुताबिक उनको साल 2008 से ही नींद की समस्या है. सीएपीए मशीन का इस्तेमाल बीती रात को भी किया गया था. जिन लोगों की ऐसी मेडिकल हिस्ट्री होती है, उनके लिए यह बेहद नॉर्मल चीज है.'

इस बीमारी से जूझ रहे बाइडेन

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, जो बाइडेन ऐपनिया नाम की बीमारी से जूझ रहे हैं. इस बीमारी में सोते वक्त सांस लेने में दिक्कत होती है. इसी वजह से अमेरिकी राष्ट्रपति मशीन का सांस लेने के लिए इस्तेमाल करते हैं. 

बीते दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति के सीएपीए मशीन उपयोग करने की खबर ब्लूमबर्ग न्यूज एजेंसी ने छापी थी. नींद के दौरान आ रही दिक्कत में सुधार लाने के लिए कुछ वक्त के लिए बाइडेन को CAPA का इस्तेमाल करना पड़ा था. 

पिछले दिनों एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राष्ट्रपति जो बाइडेन के चेहरे पर चौड़ी पट्टी वाला निशान देखा गया था. इसके बाद से यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि सांस लेने के लिए प्रेसिडेंट बाइडेन CAPA का उपयोग करते हैं. 

अगले साल खत्म हो रहा कार्यकाल

साल 2024 में राष्ट्रपति बाइडेन का कार्यकाल खत्म हो जाएगा. लेकिन इतने उम्रदराज होने के बावजूद वह दोबारा राष्ट्रपति बनना चाहते हैं. बाइडेन की इस इच्छा के कारण उनकी पार्टी डेमोक्रैट के सदस्य चिंता में हैं. दरअसल बाइडेन की पॉपुलैरिटी को लेकर एनबीसी न्यूज नेशनल ने एक पोल किया था. इसमें इनको सिर्फ 43 फीसदी रेटिंग मिली थी. यह रेटिंग उतनी नहीं है, जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि अगर बाइडेन फिर चुनावी मैदान में उतरे तो जीत हासिल करेंगे.

 

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