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जिनेवा: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के बीच जिनेवा में आयोजित बैठक में कई मुद्दों पर सहमति बनी. इस दौरान, बाइडेन ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वह विवादित मुद्दों को उठाने से पीछे नहीं रहेंगे. दोनों नेताओं के बीच बुधवार को लगभग चार घंटे तक बैठक के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि यूएस और रूस एक यूनिक जिम्मेदारी साझा करते हैं. दोनों देशों को एक ऐसा रिश्ता बनाना चाहिए जो स्थिर हो और जिसके बारे में अनुमान लगाया जा सके.
जो बाइडेन ने आगे कहा, ‘मैं चाहता हूं कि व्लादिमीर पुतिन समझें कि मैं जो कह रहा हूं, क्यों कह रहा हूं और जो कर रहा हूं, क्यों कर रहा हूं’. उन्होंने स्पष्ट किया कि मानवाधिकार अमेरिकियों के DNA में है, इसलिए वह इस मुद्दे को लगातार उठाते रहेंगे. इस शिखर बैठक के बाद अलग-अलग न्यूज कांफ्रेंस शेड्यूल की गईं, जिससे इसकी सफलता पर संदेह होता है. 2018 में जब पुतिन और डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात हुई थी तो दोनों नेताओं के चेहरे पर एक अलग ही उत्साह नजर आया था. उस दौरान, पुतिन ने ट्रंप को सॉकर बॉल भी भेंट की थी.
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सबसे पहले रूस (Russia) के राष्ट्रपति ने बैठक के बारे में पत्रकारों को जानकारी दी. उन्होंने कहा कि बैठक रचनात्मक रही और दोनों नेताओं की एक-दूसरे को समझने की इच्छा को दर्शाती है. राष्ट्रपति ने कहा, ‘अमेरिका के साथ रिश्तों में सुधार होगा यह कहना मुश्किल है, लेकिन आशा की एक किरण नजर आई है. कई मुद्दों पर हमारा आकलन अलग है, मगर मेरे विचार से दोनों पक्षों ने एक-दूसरे को समझने और करीब आने के तरीकों का पता लगाने की इच्छा का प्रदर्शन किया’.
इसके तुरंत बाद यूएस प्रेसिडेंट (US President) ने प्रेस को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आमने-सामने की मुलाकात के अलावा कोई विकल्प नहीं था. बाइडेन ने कहा कि उन्होंने पुतिन को बताया कि उनका एजेंडा रूस के खिलाफ नहीं बल्कि अपने लोगों की सुरक्षा के लिए है. एलेक्सी नवलनी (Alexei Navalny) के सवाल पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि नवलनी को जेल में कुछ होता है तो इसके भयानक परिणाम होंगे. दरअसल जो बाइडेन से जब पूछा गया था कि अगर रूस के सबसे बड़े विपक्षी नेता नवलनी की मौत जेल में हो गई तो? इस पर बाइडेन ने कहा कि इसके भयानक परिणाम होंगे.
शिखर बैठक में जहां पुतिन कुछ मुद्दों पर नरम नजर आए. वहीं कुछ मामलों में उनका रुख पहले जैसा ही रहा. खासतौर पर उन्होंने एलेक्स नवलनी, यूक्रेन की पूर्वी सीमा के पास रूसी सेना की उपस्थिति और साइबर अटैक को लेकर अमेरिकी चिंताओं को खारिज कर दिया. पुतिन ने कहा कि नवलनी ने कानून की अनदेखी की थी और उन्हें पता था कि अगर वह जर्मनी से रूस लौट आए तो क्या होगा. राष्ट्रपति ने आगे कहा कि विपक्षी नेता के साथ जो कुछ हो रहा है, वो सही है. यानी एक तरह से उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि अमेरिका के दबाव के बावजूद वह नवलनी को रिहा नहीं करेंगे.
बैठक में दोनों नेता साइबर सुरक्षा (Cybersecurity) पर परामर्श करने के लिए सहमत हो गए हैं. इसके अलावा, अमेरिका और रूस के राजदूतों की वापसी के साथ ही कैदियों की अदला-बदली को लेकर भी दोनों में समझौता हो सकता है. इस बैठक में हथियारों को नियंत्रित करने को लेकर भी बातचीत हुई है. गौरतलब है कि यह बैठक ऐसे समय हुई जब दोनों देशों के संबंध अब तक के निम्नतम स्तर पर पहुंच चुके हैं.