India-Canada Conflict: कनाडा ने खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के तेवर अब ढीले पड़ने लगे हैं.
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India-Canada Conflict: कनाडा ने खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के तेवर अब ढीले पड़ने लगे हैं. ट्रूडो ने मंगलवार को कहा कि कनाडा भारत के साथ झगड़े की स्थिति को आगे नहीं बढ़ाना चाहता है. उन्होंने कहा कि भारत के साथ कनाडा, जिम्मेदारीपूर्वक और रचनात्मक रूप से जुड़ना जारी रखेगा.
ट्रूडो की यह टिप्पणी भारत के साथ राजनयिक विवाद के बीच आई है. बता दें कि यह विवाद जून में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर ओटावा द्वारा एक भारतीय राजनयिक को निष्कासित करने के बाद शुरू हुआ था. ट्रूडो ने 18 जून को सरे में भारत सरकार के एजेंटों और निज्जर की हत्या के बीच संभावित संबंध के आरोप का दावा किया था.
अब ट्रूडो ने ओटावा में पत्रकारों से कहा कि कनाडा के लिए भारत में जमीनी स्तर पर राजनयिकों का होना महत्वपूर्ण है. उनका यह बयान लंदन के फाइनेंशियल टाइम्स की उस रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें दावा किया गया है कि भारत शेष बचे 62 कनाडाई राजनयिकों में से 41 को वापस भेजना चाहता है. इस बारे में जब ट्रूडो से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनकी सरकार नयी दिल्ली के साथ काम करना जारी रखने की कोशिश करेगी. हम तनाव बढ़ाने के बारे में नहीं सोच रहे हैं. हम वह काम करना चाहते हैं, जो इस बेहद कठिन समय में भारत के साथ रचनात्मक संबंध जारी रखने के लिए मायने रखता है.
बीते रविवार को, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कनाडा का जिक्र करते हुए कहा था कि भारतीय राजनयिकों और मिशनों के खिलाफ हिंसा, धमकी और धमकी जैसी चीजों पर ध्यान देना जरूरी है. ट्रूडो के आरोपों पर उन्होंने कहा कि कनाडाई लोगों ने कुछ आरोप लगाए हैं. हमने उन्हें बताया है कि यह भारत सरकार की नीति नहीं है और यदि वे हमारे साथ विशिष्ट और कुछ भी प्रासंगिक साझा करने के लिए तैयार हैं, तो हम भी इस पर विचार करने के लिए तैयार हैं.
बता दें कि जून में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की “संभावित” संलिप्तता के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में गंभीर तनाव आ गया. भारत ने आरोपों को “बेतुका” और “प्रेरित” कहकर खारिज कर दिया. इस मामले पर ओटावा में एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित करने के बदले में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया.
(एजेंसी इनपुट के साथ)