भारत से लौटते ही मुश्किलों में घिरे जस्टिन ट्रुडो, क्या समय से पहले इस्तीफा देंगे जस्टिन ट्रुडो?
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भारत से लौटते ही मुश्किलों में घिरे जस्टिन ट्रुडो, क्या समय से पहले इस्तीफा देंगे जस्टिन ट्रुडो?

Canadian Politics: कनाडा की राजनीति इस समय उथल-पुथल का दौर चल रहा है. प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो को लोकप्रियता में कमी देखी जा रही है और कंजर्वेटिव विरोध मजबूत हो रहा है इस सब के बीच ट्रुडो ने इस्तीफा देने की अटकलों को खारिज कर दिया है.

(Photo credit: @JustinTrudeau)

Canada News: कनाडा की राजनीति इस समय उथल-पुथल का दौर चल रहा है. प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो को लोकप्रियता में कमी देखी जा रही है और कंजर्वेटिव विरोध मजबूत हो रहा है इस सब के बीच ट्रुडो ने इस्तीफा देने की अटकलों को खारिज कर दिया है. यह बयान ऐसे समय में आया है जब जी-20 सम्मेलन में शामिल होने के लिए उनकी हालिया भारत यात्रा की कनाडाई मीडिया खासी आलचोना हो रही है.

बुधवार (13 सितंबर) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, ट्रूडो बोले कि उन्हें 'अभी और काम करना है' उन्होंने फ्रेंच में कहा, 'अगले चुनाव दो साल दूर हैं मैं अपना काम करना जारी रख रहा हूं इन कठिन क्षणों में कनाडाई लोगों की मदद के लिए बहुत सारे महत्वपूर्ण कार्य करने हैं मैं इस काम के प्रति उत्साही और अथक बना हुआ हूं.'

अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रूडो ने 2015 के संघीय चुनावों में लिबरल पार्टी को जीत दिलाई, जिससे कंजर्वेटिव नेतृत्व वाली लगभग एक दशक की सरकार का अंत हो गया लेकिन उच्च मुद्रास्फीति, आवास की बढ़ती लागत और अन्य मुद्दों पर बढ़ती निराशा के बीच उनके समर्थन में कमी देखी गई है.

कोविड संकट के दौरान हुई ट्रुडो की तीखी आलोचना
अलजजीरा के मुताबिक ट्रुडो को पूरे कनाडा में कोविड-19 लॉकडाउन उपायों और अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों पर जनता के गुस्से का खामियाजा भी भुगतना पड़ा और वे टीका-विरोधी प्रदर्शनकारियों और दक्षिणपंथी राजनेताओं का नियमित निशाना बन गए.

सर्वों में पिछड़े ट्रुडो
रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त के अंत में अबेकस डेटा सर्वे में पाया गया कि 56 प्रतिशत कनाडाई लोगों का मानना ​​है कि ट्रूडो को पद छोड़ देना चाहिए और किसी और को पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए, जबकि 27 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें फिर से पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए. एक अन्य कनाडाई शोध फर्म एंगस रीड इंस्टीट्यूट ने इस महीने ट्रूडो की अस्वीकृति रेटिंग 63 प्रतिशत रखी है.

कंजर्वेटिव पार्टी के नए नेता की लोकप्रियता में उछाल
अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक यह निष्कर्ष तब सामने आया है जब कनाडा की दक्षिणपंथी कंजर्वेटिव पार्टी ने अपने नए नेता पियरे पोइलिव्रे के समर्थन में उछाल देखा है, जो एक लोकलुभावन कैरियर राजनीतिज्ञ हैं, जिन्होंने पिछले साल सितंबर में पार्टी की कमान संभाली थी.

अबेकस डेटा ने पिछले सप्ताह कहा था कि हाल के राष्ट्रीय सर्वेक्षण से पता चला है कि पोइलिवरे के बारे में लोगों की धारणा में सुधार हो रहा है, जबकि रूढ़िवादियों को मतदाताओं के बीच 40 प्रतिशत का समर्थन प्राप्त है, वहीं उदारवादियों को 26 प्रतिशत का समर्थन प्राप्त है फर्म ने कहा कि 2015 के चुनाव के बाद से यह कंजर्वेटिव पार्टी की उदारवादियों पर सबसे बड़ी बढ़त है.

रॉयटर्स की रिपोर्ट बताती है कि ट्रूडो का केंद्र के छोटे वामपंथी न्यू डेमोक्रेट्स के साथ एक समझौता है जो उन्हें अक्टूबर 2025 तक शासन करने की अनुमति देता है लेकिन, यह समझौता गैर-बाध्यकारी है, और समय से पहले ही टूट सकता है.

रिपोर्ट के मुताबिक उदारवादी विधायकों ने घरेलू मीडिया से गुमनाम रूप से शिकायत की है कि ट्रूडो की टीम के पास कंजर्वेटिव हमलों का खंडन करने की कोई योजना नहीं है जो जीवनयापन की उच्च लागत पर ध्यान केंद्रित करते हैं खुद ट्रूडो ने भी स्वीकार किया, ‘देश भर में हंगामा हो रहा है...जीवनयापन की लागत भारी कठिनाइयों का कारण बन रही है.’

हालिया भारत दौरे के लिए आलोचना
घरेलू चुनौतियों के बीच ट्रुडो जी-20 नई दिल्ली शिखर सम्मेलन में शामिल होने भारत आए थे. हालांकि उनका यह भी दौरा आलोचनाओं के घेरे में आ गया. रूढ़िवादी कनाडाई मीडिया रेबेल न्यूज उनके दौरे पर टिप्पणी की कि प्रधानमंत्री 'जस्टिन ट्रूडो ने सभी गलत कारणों से आकर्षण का केंद्र बनने के बाद दूसरी बार भारत में कनाडा को शर्मिंदा किया है.'

कनाडा के प्रमुख अखबार, द टोरंटो सन ने 10 सितंबर को 'दिस वे आउट' शीर्षक के साथ पहले पन्ने पर एक खबर प्रकाशित की, जिसमें मोदी जी20 स्थल भारत मंडपम में ट्रूडो से हाथ मिलाने के बाद उन्हें आगे बढ़ने का इशारा कर रहे थे.अखबार ने यह भी बताया कि ट्रूडो को भारत में जी20 शिखर सम्मेलन में कुछ ही दोस्त मिल रहे हैं.

बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के साथ अपनी संक्षिप्त बैठक में कनाडा में चरमपंथी तत्वों द्वारा लगातार ‘भारत विरोधी गतिविधियों’ के बारे में ‘गंभीर चिंता’ जताई थी. पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे खतरों से निपटने के लिए दोनों देशों का सहयोग करना जरूरी है.

बता दें इस दौरे के दौरान उनके विमान में भी तकनीकी खराबी आ गई जिसकी वजह से वह उनकी स्वदेश वापसी देरी से हुई.

(Photo credit: @JustinTrudeau)

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