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लंदन: यदि आप कोरोना वायरस (Coronavirus) से बचना चाहते हैं, तो मुंह की सफाई (Dental Care) पर विशेष ध्यान दें. वैज्ञानिकों का कहना है कि वायरस के मुंह से फेफड़ों तक पहुंचने के जोखिम को कम करने में मुंह की सफाई जैसा साधारण उपाय काफी मददगार साबित हो सकते हैं. एक अध्ययन में यह बात सामने आई है. जर्नल ऑफ ओरल मेडिसिन एंड डेंटल रिसर्च में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, इस बात के साक्ष्य मिले हैं कि मुंह साफ करने के लिये व्यापक रूप से उपलब्ध माउथवॉश COVID-19 के लिए जिम्मेदार सार्स-सीओवी-2 को निष्क्रिय करने में काफी प्रभावी है.
रिसर्च (Research) के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि कोरोना वायरस लार के जरिए लोगों के फेफड़ों में जा सकता है. विशेष तौर पर व्यक्ति यदि मसूड़े के रोग से पीड़ित हो, तो इसमें वायरस (Virus) मुंह से सीधे रक्त प्रवाह में पहुंच जाता है. शोधकर्ताओं के मुताबिक, उपलब्ध साक्ष्यों से पता चलता है कि फेफड़ों की रक्त वाहिकाएं शुरू में COVID-19 फेफड़ों की बीमारी में प्रभावित होती हैं और लार में वायरस की उच्च सांद्रता होती है. दांतों के आसपास के उत्तकों में सूजन से मौत का जोखिम बढ़ जाता है. इसलिए दांतों की सफाई पर खास ध्यान दिया जाना चाहिए.
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रिपोर्ट (Report) में कहा गया है कि दातों पर जमा गंदगी और मसूड़ों के आसपास के उत्तकों में सूजन सार्स-सीओवी-2 वायरस के फेफड़ों में पहुंचने और ज्यादा गंभीर संक्रमण करने की आशंका को काफी हद तक बढ़ा देती है. विशेषज्ञों (Experts) का कहना है कि मुंह की सफाई एक प्रभावी जीवन रक्षक उपाय हो सकता है. दांतों और मुंह की साफ सफाई से जुड़े आसान लेकिन प्रभावी उपाय अपनाकर लोग कोरोना वायरस के बढ़ते जोखिम को कम कर सकते हैं.
ब्रिटेन के बर्मिंघम विश्वविद्यालय (Birmingham City University) के प्रोफेसर और इस अध्ययन के सह-लेखक इयान चैपल ने कहा कि इस मॉडल से हमें यह समझने में मदद मिल सकती है कि क्यों कुछ लोगों में COVID-19 से फेफड़े की बीमारियां होती हैं और कुछ को नहीं. अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि सावधानीपूर्वक दांतों को ब्रश से साफ कर उनके बीच जमा होने वाली गंदगी को दूर करके, माउथवॉश का उपयोग करके या फिर साधारण तौर पर नमक के पानी से गरारे करके भी मसूड़ों की सूजन कम की जा सकती है, जिससे लार में वायरस की सांद्रता को कम करने में मदद मिल सकती है.