Explainer: केन्या में क्यों मचा बवाल? सड़कों पर उतरी जनता, भारत ने अपने नागरिकों के लिए जारी की एडवाइजरी
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Explainer: केन्या में क्यों मचा बवाल? सड़कों पर उतरी जनता, भारत ने अपने नागरिकों के लिए जारी की एडवाइजरी

Kenya Tax Protest News: भारत ने केन्या में अपने नागरिकों को अत्यधिक सावधानी बरतने और गैर-जरूरी आवाजाही को बंद करने की सलाह दी है.

Explainer: केन्या में क्यों मचा बवाल? सड़कों पर उतरी जनता, भारत ने अपने नागरिकों के लिए जारी की एडवाइजरी

Kenya's Controversial Tax Bill:  केन्या में एक वित्त विधेयक बड़े विरोध प्रदर्शन की वजह बन गया है. केन्या में पुलिस की गोलीबारी में कम से कम पांच प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई. राजधानी नैरोबी में गुस्साई भीड़ ने पुलिस लाइन तोड़कर संसद पर धावा बोल दिया और उसके कुछ हिस्सों में आग लगा दी.

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार शाम को अपने संबोधन में राष्ट्रपति विलियम रुटो ने कहा, 'खतरनाक अपराधियों द्वारा हमारे देश की सुरक्षा और स्थिरता को कमजोर करने के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए सभी साधन तैनात किए जाएंगे.' उन्होंने विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए सेना को तैनात किया है.

भारत सरकार ने अपने नागरिकों को दी ये सलाह
भारत ने केन्या में अपने नागरिकों को अत्यधिक सावधानी बरतने और गैर-जरूरी आवाजाही को बंद करने की सलाह दी है. केन्या में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट की गई एक सलाह में कहा, 'मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए, केन्या में सभी भारतीयों को अत्यधिक सावधानी बरतने, गैर-जरूरी आवाजाही को प्रतिबंधित करने और स्थिति सामान्य होने तक विरोध और हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों से बचने की सलाह दी जाती है.'

संशोधित विधेयक पारित होने से बढ़ा विरोध
एक अलोकप्रिय वित्त विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कई दिनों से चल रहा है. लेकिन मंगलवार को सांसदों द्वारा संशोधित विधेयक पारित किए जाने के बाद यह और बढ़ गया. प्रदर्शनकारियों ने संसद में घुसकर तोड़फोड़ की और परिसर के कुछ हिस्सों में आग लगा दी. विधानमंडल के अधिकार का प्रतीक औपचारिक गदा चोरी हो गई.

क्यों हो रहा है वित्त विधेयक का विरोध
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह विधेयक आम नागरिकों और व्यवसायों पर टैक्स को इतना बढ़ा देगा जिसे सहन करना मुश्किल होगा. देश में लोग पहले से ही महंगाई, हाई कॉस्ट ऑफ लिविंग से परेशान है.

24 वर्षीय डेरिक मवाथु ने मूल विधेयक में शामिल कुछ प्रस्तावों का हवाला देते हुए, 'कुछ चीजें ऐसी हैं जिन्हें समझना कठिन है, जैसे आप ब्रेड पर 16% टैक्स कैसे लगा सकते हैं? आप सैनिटरी पैड पर टैक्स कैसे लगा सकते हैं?"

सरकार ने विधेयक से हटाए कुछ प्रस्ताव
हालांकि सरकार ने कुछ विवादास्पद प्रस्तावों को वापस ले लिया है, लेकिन प्रदर्शनकारी पूरे विधेयक को रद्द करना चाहते हैं. विधेयक में शुरू में ब्रेड पर 16% सेल्स टैक्स और खाना पकाने के तेल पर 25% ड्यूटी लगाने का प्रस्ताव था.

वित्तीय लेनदेन पर टैक्स में वृद्धि की योजना भी बनाई गई थी, साथ ही व्हीकल ओनरशिप के लिए वाहन के मूल्य का 2.5% राशि का नया वार्षिक कर भी लगाया गया. सार्वजनिक विरोध के बाद सरकार ने कहा कि वह इन उपायों को छोड़ देगी.

विधेयक का एक अन्य प्रमुख प्रावधान वेस्ट पैदा करने वाले और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले प्रॉडक्ट्स पर ड्यूटी लगाना था, जिसमें सरकार ने अब संशोधन का सुझाव दिया है.

विधेयक के किन प्रावधानों पर है सबसे ज्यादा विरोध
वित्त विधेयक में 50 बिस्तरों की न्यूनतम क्षमता वाले विशेष अस्पतालों के निर्माण और उपकरणों में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं और सेवाओं पर 16% टैक्स लगाने का प्रावधान है.

कई केन्याई लोगों को चिंता है कि ऐसा होने से स्वास्थ्य सेवाएं महंगी हो जाएंगी. वहीं संसदीय वित्त समिति के अध्यक्ष कुरिया किमानी ने इस दावे को "झूठ" बताया है कि विधेयक कैंसर रोगियों पर कर लगाएगा.

विधेयक में इंपोर्ट टैक्स की दर को वस्तु के मूल्य के 2.5% से बढ़ाकर 3% करने का प्रस्ताव है, जिसका भुगतान इंपोर्टर को करना होगा. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इन बदलावों से इंपोर्टेड प्रॉडक्ट्स की कीमतें बढ़ जाएंगी.

अब आगे क्या?
प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति रुटो के इस तर्क से सहमत नहीं है कि अन्य अफ्रीकी देशों की तुलना में केन्या में टैक्स अपेक्षाकृत कम हैं.

विवादास्पद विधेयक पारित हो चुका है, राष्ट्रपति या तो 14 दिनों के भीतर इस पर हस्ताक्षर करके इसे कानून बना सकते हैं या फिर इसे आगे संशोधनों के प्रस्ताव के साथ संसद में वापस भेज सकते हैं.

सरकार दबाव को कम करने के लिए अन्य उपाय भी कर सकती है, जिसमें विधेयक को स्थगित करना भी शामिल है, हालांकि ऐसा होने की संभावना नहीं है.

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