मिसाइल को खिलौना मानता है किम जोंग, जानें- सुपरसोनिक- हाइपरसोनिक में कितना फर्क
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मिसाइल को खिलौना मानता है किम जोंग, जानें- सुपरसोनिक- हाइपरसोनिक में कितना फर्क

Kim Jong Un Russia Visit: उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन का हथियारों के प्रति दीवानगी किसी से छिपी नहीं है. रूस के दौरे पर उसे व्लादिमीर पुतिन की सेना ने हाइपरसोनिक मिसाइल और परमाणु बम के जखीरे को दिखाया. इन सबके बीच आपको बताएंगे कि सुपरसोनिक और हाइपरसोनिक मिसाइल में क्या फर्क होता है.

मिसाइल को खिलौना मानता है किम जोंग, जानें- सुपरसोनिक- हाइपरसोनिक में कितना फर्क

Supersonic Vs Hypersonic Missile:  उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन (Kim Jong Un)उन रूस के दौरे पर है. वैसे तो वो कुर्सी पर बैठने से पहले और बाद में सैनिटाइज कराता है, पोर्टेबल टॉयलेट साथ लेकर चलता है ताकि दुनिया को उसके बारे में अंदरूनी जानकारी ना मिल सके लेकिन बात जब हथियारों की होती है तो मिसाइल टेस्ट ऐसे करता है जैसे गुब्बारा फोड़ रहा हो. करीब करीब हर महीने इस तरह की खबरें साउथ कोरिया के अखबार रिपोर्ट करते हैं किम ने मिसाइल टेस्ट किया है. कभी मिसाइल के जापान सागर में भी गिरने की भी खबर आती है. इन सबके बीच जब रूस ने किम को हाइपरसोनिक मिसाइल(Hypersonic Missile) के साथ साथ परमाणु हथियारों के भंडार को दिखाया तो आपके मन में जिज्ञासा हो रही होगी कि सुपरसोनिक(Supersonic Missile) और हाइपरसोनिक मिसाइल में फर्क क्या होता है.

क्या है मिसाइल
यह रॉकेट प्रोपेल्ड हथियार होता है जिसे अत्यधिक वेग से निशाने का टारगेट किया जाता है, इसमें किसी फौज को शारीरिक तौर पर टारगेट के करीब रहने की आवश्यकता नहीं होती है. आवाज की स्पीड के बराबर इसकी स्पीड होती है. इसके जरिए 10 किमी से लेकर 10 हजार किमी दूर तक निशाना साधा जाता है. जब एक कांटिनेंट से दूसरे कांटिनेंट को निशाना साधने की योग्यता हासिल होती है तो उसे इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल कहते हैं.

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क्या है सुपरसोनिक मिसाइल
कोई भी मिसाइल जिसकी रफ्तार आवाज की रफ्तार से अधिक हो सुपरसोनिक मिसाइल की कैटिगरी में रखा जाता है. क्या आप सुपरसोनिक मिसाइल को रोक सकते हैं, इसका जवाब कुछ यूं है.एजिस एसबीटी ही फिलहाल मौजूदा तकनीक है जिसकी मदद से सुपरसोनिक/ हाइपरसोनिक मिसाइल को रोका जा सकता है.

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क्या है हाइपरसोनिक मिसाइल

कोई भी मिसाइल जिसकी रफ्तार आवाज की रफ्तार से कम से कम पांच गुणा ज्यादा हो उसे हापरसोनिक कैटिगरी में रखते हैं. इसका अर्थ यह हुआ कि प्रत्येक हाइपरसोनिक मिसाइल, सुपरसोनिक है लेकिन सभी सुपरसोनिक मिसाइल हाइपसोनिक नहीं होंगी.हाइपरसोनिक मिसाइल की स्पीड इतनी अधिक होती है कि उसे खोजना, ट्रैक और पकड़ पाना बेहद मुश्किल होता है. ये अपने निशाने पर सटीक वार करते हैं. दुनिया में अभी अमेरिका, रूस और चीन के पास हाइपरसोनिक मिसाइस है. रूस की मदद से भारक ब्रह्मोस मिसाइल को अपग्रेड करने में लगा है. इसके अलावा पश्चिमी देश भी हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं.

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रूस या चीन कौन आगे

यहां सवाल है कि किसके पास हाइपरसोनिक मिसाइल सबसे अधिक है.यूक्रेन में रूसी मिसाइल हमलों से पश्चिम के देशों को लगता है कि रूस के पास सबसे अधिक हाइपरसोनिक मिसाइल हैं लेकिन अमेरिका का मानना है कि रूस नहीं बल्कि चीन के पास सबसे अधिक हाइपरसोनिक मिसाइल हैं.

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