पाकिस्तानी नेता ने इस्लामाबाद में हिंदू मंदिर के निर्माण को बताया इस्लाम की भावना के खिलाफ
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पाकिस्तानी नेता ने इस्लामाबाद में हिंदू मंदिर के निर्माण को बताया इस्लाम की भावना के खिलाफ

पाकिस्तान का असली चेहरा एक बार फिर सामने आ गया है.

मंदिर के शिलान्यास की फोटो और उसके विरोधी चौधरी परवेज इलाही. फोटो: ट्विटर

इस्लामाबाद: पाकिस्तान का असली चेहरा एक बार फिर सामने आ गया है. पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष और इमरान खान सरकार के सहयोगी चौधरी परवेज इलाही (Chaudhry Pervaiz Elahi) ने इस्लामाबाद में हिंदू मंदिर के निर्माण पर आपत्ति जताते हुए इसे इस्लाम की भावना के खिलाफ बताया है.   

एक वीडियो साक्षात्कार में, उन्होंने मंदिर बनाने का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि यह न केवल इस्लाम की भावना के खिलाफ है बल्कि ‘मदीना’ का भी अपमान है. पंजाब विधानसभा के स्पीकर ने कहा कि मक्का की जीत के बाद, हज़रत मुहम्मद (Hazrat Muhammad) ने हज़रत अली के साथ बैतुल्लाह शरीफ में 360 मूर्तियां तोड़ी थीं और कहा था कि सच्चाई सामने आ गई है और झूठ गायब हो गया है.

उन्होंने आगे कहा, ‘पाकिस्तान इस्लाम के नाम पर बनाया गया था और राजधानी में एक और हिंदू मंदिर का निर्माण इस्लाम की आत्मा के खिलाफ है’. वैसे मंदिर का विरोध करने वालों में चौधरी अकेले नहीं हैं. इससे पहले 30 जून को एक वकील ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में मंदिर बनाने के सरकार के फैसले को चुनौती दी थी.

गौरतलब है कि पाकिस्तान की स्थापना के 73 वर्षों के बाद 24 जून को यहां रहने वाले अल्पसंख्यक हिंदुओं को राजधानी इस्लामाबाद में पहले मंदिर के निर्माण की खबर मिली थी. यदि मंदिर बन जाता है तो उन्हें पूजा के लिए शहर के बाहर नहीं जाना होगा. कृष्ण मंदिर राजधानी के एच-9 इलाके में 20,000 वर्ग फुट के प्लॉट पर बनाया जाएगा, इसके निर्माण पर 10 करोड़ रुपए खर्च होने हैं. मानवाधिकारों पर संसदीय सचिव लाल चंद माल्ही ने मंदिर का शिलान्यास किया था. उन्होंने एक बयान में कहा था कि इस्लामाबाद और आसपास के इलाकों में 1947 से पहले के मंदिरों के कई ढांचे हैं, लेकिन उन्हें छोड़ दिया गया है और इस्तेमाल नहीं किया जाता है.

 

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