Maldives: मालदीव में मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर हुई हिंसा को लेकर वहां की सरकार ने सख्त रुख अपनाया है. सरकार ने इसकी निंदा करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है. राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने जांच के आदेश भी दिए हैं.
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International Yoga Day Controversy: मालदीव सरकार ने मंगलवार को योग दिवस के मौके पर हुई हिंसा की निंदा की है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने जांच के आदेश दिए हैं. मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कड़े शब्दों में कहा है कि, "एक समूह द्वारा डिप्लोमेटिक कम्युनिटी के सदस्यों सहित प्रतिभागियों को लक्षित करने वाले इन हिंसक कृत्यों की सरकार निंदा करती है. देश में सार्वजनिक सुरक्षा को बाधित करने के उद्देश्य से किए गए हिंसा के ऐसे दुर्भावनापूर्ण कृत्यों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा".
बता दें कि मालदीव की राष्ट्रीय राजधानी माले में चरमपंथी तत्वों द्वारा योग दिवस कार्यक्रम को बाधित करने के मकसद से मंगलवार को योग दिवस के मौके पर काफी हिंसा हुई. योग दिवस कार्यक्रम का आयोजन मालदीव में भारतीय उच्चायोग, युवा, खेल और सामुदायिक अधिकारिता मंत्रालय और संयुक्त राष्ट्र मालदीव के साथ मिलकर किया गया था. हिंसा के वक्त कार्यक्रम में मालदीव के युवा और खेल मंत्री, भारतीय उच्चायुक्त और मालदीव के विदेश सचिव, कई उच्चायुक्त और संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट को-ऑर्डिनेटर मौजूद थे.
An investigation has been launched by @PoliceMv into the incident that happened this morning at Galolhu stadium.
This is being treated as a matter of serious concern and those responsible will be swiftly brought before the law.
— Ibrahim Mohamed Solih (@ibusolih) June 21, 2022
मालदीव के राष्ट्रपति ने इस घटना को लेकर ट्विटर पर चिंता जताई. उन्होंने ट्वीट किया कि, "यह गंभीर चिंता का विषय है और जिम्मेदार लोगों को कानून के सामने लाया जाएगा." वहीं, मालदीव पुलिस सेवा (एमपीएस) ने घटना की उच्च प्राथमिकता से जांच शुरू कर दी है. अपराध जांच कमान का गंभीर एवं संगठित अपराध विभाग इस घटना की जांच कर रहा है. फिलहाल 6 लोगों को हिरासत में लिया गया है.
पुलिस का कहना है कि, विपक्षी पार्टी प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) की इस हिंसा में भूमिका थी. पुलिस विभाग के एक बयान में कहा गया है कि, "अभी तक, सबूत बताते हैं कि प्रदर्शनकारी मालदीव की प्रोग्रेसिव पार्टी (पीपीएम) के कार्यालय से ली गई वस्तुओं का उपयोग कर रहे थे." पीपीएम पार्टी का नेतृत्व मालदीव के राष्ट्रपति यामीन कर रहे हैं, जो अपने भारत विरोधी विचारों के लिए जाने जाते हैं और तथाकथित भारत से बाहर अभियान का नेतृत्व करते हैं. अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने स्पष्ट रूप से चीन समर्थक रुख अपनाया था, जिसे देश में ऋण संकट के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.